एसएलसीएम ने अपनी एनबीएफसी शाखा के माध्यम से 65 हजार किसानों और 23 हजार महिला कर्जदारों को सशक्‍त बनाया,

किसानधन का नया उत्पाद एफपीओ और बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट्स के लिए है

● यह उपलब्धि बताती है कि कैसे एसएलसीएम फाइनेंसिंग तक पहुंच में क्रांति ला रहा है और भारत के कृषि क्षेत्र की भलाई सुनिश्चित कर रहा है

● एसएलसीएम आगे के विकास और नवाचार के लिए तैयार है, जो किसानों को सशक्त बनाने और उद्योग में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए समर्पित है, जो आखिरकार भारतीय कृषि के लिए एक स्थायी भविष्य को आकार देगा

एसएलसीएम ने एक प्रमुख उपलब्धि हासिल करते हुए अपनी वित्तीय शाखा, किसानधन के माध्यम से 23,000 से अधिक महिला कर्जदाताओं और 78,000 से अधिक छोटे और सीमांत किसानों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।
किसानधन किसानों और हितधारकों को एसएलसीएम के अत्याधुनिक गोदामों में संग्रहीत अपने कमोडिटी भंडार को गिरवी रखकर 5 करोड़ रुपये तक का लोन पाने का अधिकार देता है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि न केवल कृषि समुदाय के प्रति एसएलसीएम के समर्पण को उजागर करती है बल्कि कंपनी के व्यापक बदलाव लाने वाली पहला का भी प्रतिनिधित्व करती है।
कमोडिटी बेस्‍ड फाइनेंस (सीबीएफ), फाइनेंसिंग एफपीओ और बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (बीसी) सहित उत्पादों की अपनी विविध रेंज के साथ, किसानधन ने 2773 करोड़ रुपये का कुल वितरण किया है और 48,936 वेयरहाउस रिसीट्स जारी की हैं। यह उल्लेखनीय उपलब्धि कृषि समुदाय के प्रति एसएलसीएम की प्रतिबद्धता पर जोर देती है।
किसानधन किसानों, एग्रीगेटर्स, व्यापारियों और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के वित्तपोषण तक पहुंच के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। एसएलसीएम बीज, उर्वरक और कीटनाशकों जैसे इनपुट की खरीद के साथ-साथ कटाई के दौरान सदस्य और गैर-सदस्य किसानों को समर्थन देने में एफपीओ की महत्वपूर्ण भूमिका को समझता है। किसानधन यह सुनिश्चित करता है कि एफपीओ को समय पर ऋण मिले, जिससे वे किसानों को यह सहायता प्रदान कर सकें। परिणामस्वरूप, किसानों को जब उनकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है तो तुरंत धन प्राप्त होता है, जिससे उनकी आजीविका में सुधार होता है।
एसएलसीएम के ग्रुप सीईओ संदीप सभरवाल ने इस उपलब्धि को हासिल करने पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा, “किसानधन पहल किसानों की भलाई के लिए हमारी अटूट प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। हम 65,000 से अधिक छोटे और सीमांत किसानों और 23,000 से अधिक महिला कर्जदारों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर उत्‍साहित हैं। आगे बढ़ने के साथ ही, एसएलसीएम अधिक नवीन समाधान पेश करने के लिए समर्पित है, जो कृषि समुदाय को सशक्त बनाएगा और क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लेकर आएगा।”
एसएलसीएम किसानधन के माध्यम से गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और माइक्रोफाइनेंस संस्थानों (एमएफआई) के साथ रिटेल बुक बनाने के लिए बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट साझेदारियों को भी बढ़ावा दे रहा है। यह पहल कृषि और संबद्ध गतिविधियों में लगे एनबीएफसी को छोटे और सीमांत किसानों को ऋण देने के लिए 15 करोड़ रुपये तक की लोन सीमा प्रदान करती है। इसके जरिए किसानधन ग्रामीण ॠण पहुंच में अंतर को कम करते हुए कृषि क्षेत्र में सीमांत किसानों को सशक्त बना रहा है।
यह महत्वपूर्ण उपलब्धि भारत में कृषि वित्तपोषण को नए सिरे से परिभाषित करने के एसएलसीएम के जारी प्रयासों को दर्शाती है। तकनीक का लाभ उठाकर और किसानों और एफपीओ की जरूरतों को गहराई से समझकर, एसएलसीएम किसानधन के माध्यम से न केवल जीवन बदलने में सफल रहा है, बल्कि इसने यह भी सुनिश्चित किया है कि भारत में कृषि का भविष्य वृद्धि और स्थिरता के लिए तैयार है।

एसएलसीएम के विषय में
2009 में शुरू की गई, एसएलसीएम किसानों, प्रोसेसर्स, वित्तीय संस्थानों, मिल मालिकों, व्यापारियों, आयातकों, निर्यातकों, रिटेलर्स और केंद्र और राज्य सरकारों सहित पूरे कृषि पारितंत्र को अत्याधुनिक भंडारण सेवाएं प्रदान करती है। इन सेवाओं में गोदाम प्रबंधन और कृषि वित्तपोषण से लेकर गिरवी (कोलेटरल) प्रबंधन और फसल खरीद तक शामिल हैं। इस क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने के वर्षों के साथ, संगठन कृषि क्षेत्र में कमोडिटी वेयरहाउसिंग सेवाओं, वित्तपोषण और तकनीक के इस्‍तेमाल जैसी विभिन्न श्रेणियों में 50 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार और मान्यताएं हासिल करने में सक्षम रहा है।

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