चिन्हित अपराध’ के मामलों की पैरवी मजबूती से करें प्रशासन: डीसी विक्रम सिंह

- डीसी विक्रम ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 22वीं राज्य स्तरीय चिन्हित अपराध कमेटी की बैठक में सीएस को दी जानकारी

फरीदाबाद। जिला उपायुक्त विक्रम सिंह ने कहा कि सभी अधिकारी चिन्हित अपराधों के मामलों की पैरवी मजबूती से करें ताकि दोषियों पर सख्त से सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके तथा सबूतों के अभाव में कोई भी दोषी कानूनी कार्यवाही से बच न पाए। उन्होंने कहा कि खूंखार अपराधियों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करवाएं। जिससे प्रशासन का कीमती समय और साधन बर्बाद ना हो।

डीसी विक्रम सिंह आज मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद की अध्यक्षता में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित 22वीं राज्य स्तरीय चिन्हित अपराध कमेटी की समीक्षा बैठक के उपरान्त प्रशासन एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे रहे थे।

उन्होंने कहा कि फरीदाबाद जिला में अभी तक जो केस अंडर ट्रायल चल रहे हैं उन सभी केसों की फास्ट्रेक मोड पर सुनवाई करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि चिन्हित केसों के चालान न्यायालय में पुख्ता सबूत के साथ पेश करें। जिससे सबूतों के आभाव में कोई अपराधी क़ानून से बच न पाए। उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों और जिला न्यायवादी को दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि चिन्हित केसों की गवाही सही समय पर न्यायालय में पुख्ता सबूत के साथ सुनिश्चित करवाएं।

डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि जिला फरीदाबाद में चिन्हित अपराध के तहत आने वाले मामलों की जांच पुलिस विभाग पूरी गहनता से कर रिपोर्ट तैयार करें। उन्होंने कहा कि चिन्हित अपराधों में सुरक्षा समीक्षा, एससी-एसटी एक्ट, पास्को सहित ऐसे मामलों की जांच संबंधित पूरी प्रक्रिया की रिपोर्ट बारे उपायुक्त कार्यालय को अवश्य अवगत करवाया जाए। वहीं डीसी ने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे चिह्नित अपराध में कोर्ट में जाने से पहले अच्छी तरह जांच कर सनसनीखेज मामलों की रिपोर्ट बनाएं और उन पर पुलिस विभाग द्वारा की गई कार्यवाही बारे उन्हें अवगत करवाया जाए।

– इन केसों की जांच गहनता से करें:-

डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि पोक्सो एक्ट, 302, 307, 395, 376, 354, 304 बी, एनडीपीएस कमर्शियल, एमटीपी, पीसी एक्ट करप्शन मामले ये सभी चिह्नित अपराध के तहत आते हैं। ऐसे मामलों में गहनता से जांच कर केस अदालत में पेश किया जाये। कोई भी अपराधी कोर्ट में केस की मजबूती न होने के कारण बचकर नहीं निकलना चाहिए। कोर्ट में पेशी से पूर्व साक्ष्यों और तथ्यों की मजबूती सुनिश्चित की जाए। किसी मामले में अगर कोई पुलिस का जवान शहीद  होता है, तो ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की देरी या कोताही न बरती जाए। डीसी ने पुलिस को निर्देश दिये कि कोई मामला अगर चिन्हित अपराध में आता है, तो उस पर निष्पक्ष रूप से जांच की जाए, जांच के हर पहलू को बारीकी से परखा जाए। उन्होंने सनसनीखेज अपराधों पर भी समीक्षा की और पुलिस विभाग के अधिकारी से कहा कि ऐसे केसों को भी चिन्हित अपराध के तहत लिए जाए और मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और केस दर्ज करना सुनिश्चित किया जाए। वहीं चिन्हित केसों के ऐसे अपराधी जो न्यायालय के भगौड़े हैं। उनको भी पकङ कर पेश करना सुनिश्चित करें।

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