25 साल बाद दिल्ली की दंपत्ति के घर आई खुशियां, शिशु गृह से बच्चा मिला गोद

-रंजीता मेहता के कार्यभार संभालने के बाद बाल कल्याण परिषद को मिली नई ऊंचाइयां-मनीष ग्रोवर

पंचकूला। हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की ओर से संचालित शिशु गृह सेक्टर 15 पंचकूला में जहां एक बच्चे का लालन पालन हो रहा था, उस बच्चे को अब अपना नया परिवार मिला है। जहां पर उसे अपने परिवार के रूप में वे सब खुशियां मिलेंगी, जो खुशियां परिवार न होने पर कोई भी महसूस करता होगा, वहीं दिल्ली के परिवार में भी खुशियां भर गई है, क्योंकि इस परिवार के पास पिछले 25 वर्ष से कोई संतान नहीं थी। लगभग 3 साल पहले दिल्ली के इस दंपत्ति ने बच्चा गोद लेने के लिए आवेदन किया था और शुक्रवार को वह दिन आ गया, जब हरियाणा के पूर्व सहकारिता मंत्री श्री मनीष ग्रोवर और हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की मानद महासचिव श्रीमती रंजीता मेहता ने बच्चा गोद दिया। दिल्ली के रहने वाली दंपति अपने परिवार में बच्चे को पाकर बेहद खुश नजर आई।
पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर ने कहा कि रंजीता मेहता के कार्यभार संभालने के बाद पिछले लगभग 1 वर्ष में 23 बच्चों को गोद दिया गया है और सबसे अच्छी बात है कि 5 बच्चे विदेशों में रहने वाले दंपतियों ने गोद लिया हैं। जबकि 18 बच्चे देश के अलग-अलग कोनों में गए हैं। मनीष ग्रोवर ने कहा कि रंजीता मेहता ने बाल कल्याण परिषद की गतिविधियों को नई दिशा दी है । मुख्यमंत्री भी उनकी कार्यशैली से काफी खुश हैं। मनीष ग्रोवर ने शिशु गृह सेक्टर 15 का निरीक्षण भी किया और यहां पर बच्चों के लिए उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने हरियाणा बाल कल्याण परिषद के प्रयासों को सराहा।
हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की ओर से संचालित शिशुगृह पंचकूला में आयोजित अडाप्शन सेरेमनी कार्यक्रम में रंजीता मेहता ने बच्चे को उनके नए परिवार को सौंप उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। रंजीता मेहता ने कहा कि बच्चे को नया परिवार मिला है और उन्हें पूरा विश्वास है कि वह नए परिवार को खुशहाली से भर देगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा संचालित शिशुगृह में उन सभी बेआसरा बच्चों का लालन-पालन परिवार के रूप में किया जाता है। जिन्हें अपनों ने बेगाना कर दिया। अडाप्शन की लंबी प्रक्रिया के बाद उन बच्चों को नया परिवार मिलता है। रंजीता मेहता ने कहा कि केंद्र द्वारा संचालित अडाप्शन एजेंसी कारा के तहत सारी प्रक्रिया आनलाइन होती है और उस प्रक्रिया उपरांत ही किसी भी बच्चे को अडाप्शन में दिया जाता है। इस अवसर पर शिशु गृह की प्रभारी डा. मिलन पंडित, सुपरीटेंडेंट अमृतपाल कौर एवं विभिन्न पदाधिकारी मौजूद थे।

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