समाज के प्रति समर्पित होकर कार्य करेंगे युवाः राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय
युवाओं को स्वामी विवेकानंद के जीवन से सीखना चाहिएः श्री मूलचन्द शर्मा
फरीदाबाद, 12 जनवरी। हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने आज राष्ट्रीय युवा दिवस पर युवाओं से आह्वान किया कि वे अपना जीवन समाज के प्रति समर्पित करें और वंचित लोगों के उत्थान के लिए कार्य करें। इस तरह युवा स्वामी विवेकानंद के जीवन आदर्शों को आगे बढ़ाने में अपना योगदान देने में सक्षम बनेंगे जोकि उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय आज स्वामी विवेकानंद जयंती पर राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा आयोजित ‘युवा संवाद-2024’ कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे।
कार्यक्रम में हरियाणा के उच्च शिक्षा मंत्री श्री मूलचन्द शर्मा विशिष्ट अतिथि थे। कार्यक्रम में फरीदाबाद से विधायक श्री नरेन्द्र गुप्ता, कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर, कुलसचिव मेहा शर्मा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. मुनीश वशिष्ठ, विश्वविद्यालय की एलुमनाई एसोसिएशन वाईएमसीए माॅब के अध्यक्ष श्री सुखदेव सिंह भी उपस्थित थे। इससे पहले राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया तथा स्वामी विवेकानंद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के छात्रों ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया तथा स्वामी विवेकानंद के जीवन आदर्शों पर अपने विचार प्रस्तुत किये, जिसकी राज्यपाल ने खुले दिल से सराहना की। राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद एक सच्चे कर्मयोगी थे और उन्हें इस देश के युवाओं पर पूरा भरोसा था। उनका दृढ़ विश्वास था कि युवा अपनी कड़ी मेहनत, समर्पण और आध्यात्मिक शक्ति के माध्यम से भारत के भाग्य को बदल सकते हैं।
युवाओं के लिए स्वामी विवेकानंद के संदेश का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद देश के लिए ऐसे युवा चालते थे जो जिसके पास लोहे के समान कठोर मांसपेशियां और स्टील के समान फौलादी नसें हों। उसका हृदय विशाल हो। इस तरह उन्होंने युवाओं में बुनियादी मूल्यों को स्थापित करने की कोशिश की। राज्यपाल ने कहा कि आज के युवा का पूरा ध्यान बुद्धि कौशल पर है, जिससे वह शारीरिक रूप कमजोर होता जा रहा है। कार्यक्रम के माध्यम से उन्होंने प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों से आह्वान किया कि पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों के लिए यह आवश्यक बनाये कि वे कम से कम एक घंटा मैदान पर बिताये और फिटनेस गतिविधियों से जुड़े। इसी उद्देश्य से सरकार द्वारा फिट इंडिया कार्यक्रम की शुरूआत की गई है।
उन्होंने कहा कि यदि शरीर स्वस्थ होगा तो सब कुछ हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को जिम, योग, ध्यान और सूर्य नमस्कार जैसी गतिविधियों से खुद को जोड़ना चाहिए। विश्व में भारतीय संस्कृति को स्थापित करने स्वामी विवेकानंद के आदर्श विचारों की तुलना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से करते हुए राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी की भांति श्री मोदी ने भी देशभर में पहचान दिलाने का काम किया है। उनका सपना है कि देश वर्ष 2047 तक विकसित भारत बने। अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के अनुमानों का हवाला देते हुए राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 2050 तक भारत के 30 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान है। इसलिए, युवाओं को विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में अपना योगदान देना होगा। उन्होंने कहा कि विश्व स्तर पर भारत सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में विकसित हो रहा है और इन स्टार्टअप की अनुवाई करने वाले युवाओं की औसत आयु 35 वर्ष से कम है। यदि हमारे युवा ऐसे ही बढ़ते रहे तो विकसित भारत का लक्ष्य दूर नहीं है।
इसके लिए युवाओं का सहयोग जरूरी है। इस अवसर पर राज्यपाल ने युवाओं को स्वामी विवेकानंद के जीवन प्रसंगों से प्रेरित भी किया। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित विवेकानंद मंच के माध्यम से युवाओं में उच्च मूल्य का संचार करने के प्रयासों की प्रशंसा की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हरियाणा के उच्च शिक्षा मंत्री श्री मूलचन्द शर्मा ने कहा कि आज के युवाओं को स्वामी विवेकानंद के जीवन से सीखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा प्रदेश खेती, खेल, रक्षा और उद्योग सभी क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, जिसमें युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। भारतीय सेनाओं में हर 10वां सैनिक हरियाणा से है। बिना नाम लिये पड़ोसी प्रदेश (पंजाब) में नशा से बदहाल युवाओं की स्थिति का उल्लेख करते हुए श्री मूलचन्द शर्मा ने कहा कि आज नशा युवाओं में एक बड़ी बीमारी है। इस बीमारी से दूर रखने के लिए युवाओं को अच्छे संस्कार देने होंगे। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद जिला हरियाणा ही नहीं अपितु पूरे एशिया का प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र है और इस औद्योगिक क्षेत्र पहचान दिलाने में जे.सी. बोस विश्वविद्यालय जो पहले वाईएमसीए संस्थान था, का बड़ा योगदान रहा है और यह प्रशंसनीय का विषय है कि इस विश्वविद्यालय में युवाओं को मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान की जाती है। उच्च शिक्षा मंत्री ने युवाओं से खुद को हुनरमंद बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मात्र पौने तीन लाख नौकरियां है। ऐसे में सभी युवाओं को नौकरी नहीं दी जा सकती। इसलिए, युवाओं को उद्यमशीलता को अपनाना होगा। नौकरी चाहने वाले न बनकर नौकरी देने वाला बनना होगा। सक्षम बनना होगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने भगवान श्री राम तथा देश के महान नायकों भगत सिंह, विवेकानंद, पन्ना धाय के जीवन चरित्र का उल्लेख करते हुए कहा कि सभी में महत्वपूर्ण बात राष्ट्र चरित्र तथा राष्ट्र के प्रति समर्पित सेवा रही। उन्होंने राष्ट्र को सर्वोपरि रखा। इसी प्रकार, जे.सी. बोस विश्वविद्यालय भी इंजीनियरिंग और विज्ञान की पढ़ाई के साथ-साथ युवाओं को राष्ट्र मूल्यों के प्रति जागरूक बनाने पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज हम विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से उत्पन्न चुनौतियों का सामना कर रहे है, जिनमें मानसिक प्रदूषण भी एक है। यदि मानसिक प्रदूषण की समस्या का हल हो जाये तो सभी तरह के प्रदूषणों की समस्या का 80 प्रतिशत हल संभव है। उन्होंने युवाओं में उच्च विचारों के संचार में शिक्षकों की भूमिका को अहम बताया। उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत सबसे ज्यादा युवा जनसंख्या का देश है और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। यदि युवाओं को सही मार्गदर्शन मिले तो हमें शीर्ष पर जाने से कोई नहीं रोक सकता। युवाओं को कौशलवान बनाने में उन्होंने शिक्षण संस्थानों की भूमिका का भी उल्लेख किया। कुलपति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लेकर विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता और माइनर डिग्री पाठ्यक्रमों के बारे में भी जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. मुनीश वशिष्ठ ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।