सूरजकुंड मेले में राजस्थान का कच्ची घोडी नृत्य बन रहा है मुख्य आकर्षण का केंद्र
-पर्यटक कच्ची घोडी नृत्य देखकर हुए मंत्र मुग्ध
सूरजकुंड(फरीदाबाद), 07 फरवरी। 36वें सूरजकुंड अंतरराष्टï्रीय हस्तशिल्प मेले में राजस्थान के बूंदी शहर से आए गणेश कुमार सोनी ने कच्ची घोडी लोक नृत्य कर देश व विदेश से आए हुए पर्यटकों को मंत्र मुग्ध किया। गणेश कुमार सोनी ने बताया कि वे कच्ची घोडी नृत्य पिछले करीब 40 सालों से कर रहे हैं। इस नृत्य का आरंभ भारतीय राज्य राजस्थान के शेखावटी क्षेत्र से हुआ। कच्ची घोडी नृत्य में नृृतक फैंसी कपड़ों से सुसज्जित होकर घोडी पर सवार होकर डांस करता है। यह नृत्य राजस्थान में ही नहीं अपितु देश के अन्य राज्यों जैसे-गुजरात, महाराष्टï्र में भी प्रसिद्ध है। कच्ची घोड़ी नृत्य बामरिया नामक डकैत जोकि अमीरों का धन लूटकर गरीबों में बांटता था। उस समय से दूल्हा पक्ष के बारातियों के लिए व अन्य खुशी के अवसरों पर कच्ची घोडी नृत्य किया जाता रहा है। कच्ची घोडी नृत्य को देखकर मेला में आए हरेक पर्यटक उसके साथ नृत्य करने से अपने आप को रोक नहीं पा रहे हैं।