यातायात पुलिस ने ग्रेटर कोलंबस इंटरनेशनल स्कूल में करीब 1000 छात्र-छात्राओं को साइबर अपराध, सड़क सुरक्षा व यातायात नियमों के साथ साथ महिला सुरक्षा संबंधित सामाजिक मुद्दों के बारे में किया जागरूक
फरीदाबाद, 25 अक्टूबर। डीसीपी ट्रैफिक अमित यशवर्धन के दिशा निर्देश के तहत ट्रैफिक एसएचओ सतीश कुमार ने एनआईटी स्थित केएल मेहता दयानंद पब्लिक स्कूल में छात्र-छात्राओं को सड़क सुरक्षा व यातायात नियमों के साथ साथ साइबर फ्रॉड व महिला सुरक्षा संबंधित सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरुक करते हुए जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर स्कूल की प्रर्धानाचार्य दीपिका शर्मा, डॉ रजा, मोनिका मल्होत्रा रूपम सचदेवा, उर्मिला सहित समस्त स्टाफ व 1000 छात्र व छात्राएं मौजूद रहीं। पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि छात्रों को जागरूक करने के लिए यातायात पुलिस की टीम स्कूल पहुंची जहां पर कॉलेज प्रशासन ने पुलिस टीम का भव्य स्वागत किया और छात्रों को जागरूक करने के लिए मंच पर आमंत्रित किया। इंस्पेक्टर सतीश ने छात्रों को साइबर अपराध से बचने के लिए अपना बैंक खाता, क्रेडिट या डेबिट कार्ड की कोई जानकारी किसी के साथ साझा न करने की हिदायत दी। साइबर अपराध से बचाव के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 की जानकारी देते हुए बताया कि अगर साइबर फ्रॉड हो जाता है तो तुरंत हेल्पलाइन नम्बर पर कॉल करे जिससे आपका पैसा 24 घंटे के अंदर वापस आने की संभावना रहती है।
यातायात नियमों के बारे में जागरूक करते हुए बताया कि सड़क पर यात्रा करते समय यातायात नियमों तथा सड़क सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना चाहिए और वाहन सावधानीपूर्वक चलाना चाहिए क्योंकि जरा सी सावधानी हटने पर सड़क दुर्घटना घटित हो सकती है और इसकी वजह से अपने साथ-साथ दूसरे वाहन चालक भी सड़क दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं इसलिए अपने बचाव में ही सबका बचाव है। उन्होंने बताया कि वाहन चालकों को निर्धारित गति सीमा में ही अपना वाहन चलना चाहिए तथा वाहन चलाते समय फोन का इस्तेमाल ना करें और न ही ऊंची आवाज में संगीत बजाएं क्योंकि ऊंची आवाज में संगीत बजाने की वजह से उन्हें पीछे आ रही गाड़ियों के हॉर्न सुनाई नहीं देते जिसकी वजह से भी सड़क दुर्घटना घटित हो सकती है।
उन्होंने बताया कि रात के समय वाहन चालकों को अपनी गाड़ी पर रिफ्लेक्टर टेप लगानी चाहिए तथा वाहन को दाएं बाएं मोड़ते समय इंडिकेटर का प्रयोग अवश्य करना चाहिए क्योंकि रात के समय दृश्यता कम हो जाती है इसलिए सड़क दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं जिसे कम करने के लिए इस प्रकार की सावधानियों का उपयोग करना आता आवश्यक है। उन्होंने बताया कि युवावस्था में नवयुवक हेलमेट व सीट बेल्ट नहीं लगाते जिसकी वजह से वह कई बार सड़क दुर्घटना का शिकार होने पर उन्हें गंभीर चोट लग जाती है इसलिए सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करना आता आवश्यक है ताकि सड़क दुर्घटना में आपका अधिक से अधिक बचाव हो सके और आपको चोट न पहुंचे।
वहां पर मौजूद छात्र छात्राओं तथा शिक्षकों को महिला विरुद्ध अपराध के बारे में जागरूक करते हुए बताया कि माननीय पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य ने महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सेफ सिटी परियोजना शुरू की है। इसके तहत प्रतिदिन लेट रात को यात्रा करने वाली महिलाएं अपने आप को डायल 112 पर रजिस्टर करवा सकती हैं और पुलिस द्वारा ऑटो चालकों को भी ट्रैक करने का तरीका अपनाया गया है जिसमें ऑटो चालकों को एक यूनिक नंबर दिया जा रहा है और ऑटो चालकों को उनका नाम, मोबाइल नंबर, ऑटो मलिक का नाम, पता सही सारी जानकारी ऑटो के अंदर सामने वाली साइड लगानी अनिवार्य है ताकि जो भी महिला उसमें यात्रा करे वह इसकी फोटो खींचकर डायल 112 पर भेज दें।
इस प्रकार जो महिला उसे ऑटो में यात्रा करेगी उस महिला और ऑटो चालक दोनों की जानकारी पुलिस के पास होगी जिससे ऑटो चालक को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। पुलिस के इस प्रयास से ऑटो चालकों में भी पुलिस डर रहेगा और वह किसी प्रकार की आपराधिक वारदात को अंजाम देने की कोशिश नहीं करेंगे। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों ने महिला हेल्पलाइन 1091, दुर्गा शक्ति एप के बारे में छात्राओं को जानकारी देते हुए बताया कि यदि आपको कहीं पर भी महिला विरुद्ध अपराध घटित होता दिखाई दे तो वह इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें। पुलिस द्वारा इस प्रकार के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कार्यक्रम के समापन पर स्कूल प्रशासन व छात्रों ने पुलिस द्वारा दी गई इस अहम जानकारी के लिए उनका धन्यवाद किया।