जिला फरीदाबाद में सिंथेटिक / चाइनीज मांझा (रील) का प्रयोग करने, रखने व बेचने पर प्रतिबंध : जिलाधीश विक्रम सिंह
चाईनीज मांझा आसमान में उड़ने वाले पक्षियों के लिए है बहुत खतरनाक
फरीदाबाद, 28 जुलाई। जिलाधीश विक्रम सिंह ने जिला फरीदाबाद में सिंथेटिक/ चाइनीज मांझा (रील) का प्रयोग करने, रखने व बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जिलाधीश विक्रम सिंह ने कहा कि चाईनीज मांझा आसमान में उड़ने वाले पक्षियों के लिए बहुत खतरनाक है। यह पक्षियों से लेकर इंसान तक की गर्दन तक काट/ घायल कर रहा है। इसके मद्देनजर जिलाधीश विक्रम सिंह ने जिला फरीदाबाद में भारतीय दण्ड प्रक्रिया नियमावली, 1973 की धारा-144 के अन्तर्गत आदेश पारित किए गए हैं।
वहीं चाईनीज मांझे की खरीद-फरोख्त भण्डारण एवं प्रयोग पर रोक लगाई है।इन आदेशों की अवहेलना में यदि कोई दोषी पाया जाता है तो वह धारा 188 भारतीय दण्ड संहिता 1860 के तहत दंड का भागीदार होगा। बता दें कि इसी सम्बन्ध में वर्ष 2013 में, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय एवं वर्ष 2017 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने चाइनीज मांझे के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था।
जिला फरीदाबाद में कई दुकानदारों द्वारा चाइनीज मांझा की खरीद-फरोख्त भण्डारण एवं प्रयोग किये जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। अतः इसके मद्देनजर रखते हुए चाईनीज मांझे की खरीद-फरोख्त भण्डारण एवं प्रयोग किये पर रोक लगाई जानी आवश्यक है। अतः आमजन की सुरक्षा को देखते हुए जिला फरीदाबाद में चाइनीज मांझा की खरीद-फरोख्त भण्डारण एवं प्रयोग पर रोक लगाने के लिए धारा 144 सी.आर.पी.सी. के आदेश पारित किए गए है।
जिलाधीश फरीदाबाद, भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा- 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला फरीदाबाद में सिंथेटिक / चाइनीज मांझा (रील) का प्रयोग करने, रखने व बेचने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इन आदेशों की अवहेलना में यदि कोई दोषी पाया जाता है तो वह धारा 188 भारतीय दण्ड संहिता 1860 के तहत दंड का भागीदार होगा। यह आदेश आपातकालीन स्थिति, समय की कमी तथा परिस्थितियों के दृष्टिगत सम्बन्धित व्यक्तियों की अनुपस्थिति में पारित किए गए है। इन आदेशों की पालना सम्बन्धित पुलिस आयुक्त, फरीदाबाद, उप-मंडल मजिस्ट्रेट एवं थाना प्रभारी द्वारा की जायेगी। जैसा कि विदित है कि भारत में पतंगबाजी का खेल बहुत पुराना और काफी प्रसिद्ध है। भारत के विभिन्न राज्यों में पतंगों को अलग-अलग समय में उड़ाया जाता है।
अन्य राज्यों की तरह हरियाणा में भी मकर संक्रांति व स्वतंत्रता दिवस के पर्व पर लोग अपने दोस्तों, परिवारों और रिश्तेदारों के साथ छतों पर इकट्ठे होकर पतंगबाजी करते है। हरियाणा में बसंत पंचमी व होली के अवसर पर भी युवा पतंगबाजी करते है और अब दिन प्रतिदिन युवाओं में पतंग बाजी का शोक बढ़ रहा है। काफी स्थानों पर चाईनीज मांझे का प्रयोग किया जाता है ताकि उसकी पतंग की डोर पैनी हो सके और दूसरे की पतंग को काट सके पतंग के लिए धागे के रूप में इस्तेमाल किया जाने वाला चाइनीज मांझा आसमान में उड़ने वाले पक्षियों के लिए बहुत खतरनाक है। चाइनीज मांझा पेच लड़ाने पर सिर्फ पंतगे नहीं काटता है बल्कि पक्षियों से लेकर इंसान तक की गर्दन तक काट/ घायल कर रहा है। जिला प्रशासन की जिला वेबसाईट www.faridabad.nic.in के माध्यम से भी इस बारे प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।