फरीदाबाद ट्रैफिक पुलिस ने सुरक्षित वाहन पॉलिसी के तहत एक दिन में 124 स्कूल बसों के काटे चालान
इसके साथ ही यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले 1225 वाहन चालकों के चालान काट नियमों की पालना करने के लिए चेताया गया
फरीदाबाद, 27 जुलाई । पुलिस कमिश्नर विकास कुमार अरोड़ा एवं आईजी ट्रैफिक हरियाणा के निर्देशानुसार डीसीपी ट्रैफिक अमित यशवर्धन के मार्गदर्शन व एसीपी ट्रैफिक विनोद कुमार के नेतृत्व में फरीदाबाद ट्रैफिक पुलिस ने सुरक्षित वाहन पॉलिसी के तहत सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने वाले 124 वाहन चालकों के चालान काटे हैं। पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि यातायात पुलिस ने सुरक्षित वाहन पॉलिसी के तहत अभियान शुरू किया है जिसने स्कूल की बसों में छात्रों को ले जा रहे वाहन चालकों द्वारा सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने पर उनके चालान काटे जा रहे हैं। इस अभियान के तहत फरीदाबाद पुलिस ने एक दिन में 124 बस चालको के चालान काटे हैं। इसके अलावा यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले 1225 वाहन चालकों के चालान भी काटे गए हैं और उनको सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक भी किया गया है।
शिक्षण संस्थानों व स्कूल बस चालकों के लिए सुरक्षा नियम:
1. स्कूल बस पीले रंग के पेट की हुई हो जिसपर खिड़की से 178 मिलीमीटर नीचे 254 मिलीमीटर की गहरे नीले रंग की पट्टी हो
2. बस के आगे सफेद, पीछे लाल तथा साइड में पीली रिफ्लेक्टिव टेप लगी हो जिसकी चौड़ाई कम से कम 50 मिलीमीटर हो
3. बस की स्पीड शहर के किसी भी एरिया में 50 किलोमीटर/घंटा से अधिक ना हो
4. स्कूल के आगे व पीछे स्कूल बस लिखा हो और यदि बस बाहर से हायर की गई हो तो उस पर “ऑन स्कूल ड्यूटी” साफ-साफ लिखा हो
5. स्कूल बस प्रॉपर मेंटेन हो और उस पर प्रशिक्षित ड्राइवर व कंडक्टर तैनात किए गए हो
6. बस चलाने का परमिट या परमिशन ली हुई हो
7. बस के ड्राइवर के पास कम से कम 5 साल का अनुभव हो
8. बस ड्राइवर का 3 बार से अधिक चलान न कटा हो और उसके 5 साल के अनुभव के दौरान वह भारतीय दंड संहिता की धारा 279, 336, 337, 338, 304ए का अपराधी ना रहा हो
9. यदि बस में केवल लड़कियां सफर कर रही हो तो उसके लिए महिला स्टाफ या कंडक्टर होनी चाहिए
10. स्कूल या शैक्षणिक संस्थान के पास स्कूल की बाउंड्री के अंदर
पार्किंग स्थान अवश्य होना चाहिए ताकि बच्चों को स्कूल के अंदर उतारा जा सके ताकि वह सड़क दुर्घटना का शिकार होने से बच सकें
1. स्कूल बस पीले रंग के पेट की हुई हो जिसपर खिड़की से 178 मिलीमीटर नीचे 254 मिलीमीटर की गहरे नीले रंग की पट्टी हो
2. बस के आगे सफेद, पीछे लाल तथा साइड में पीली रिफ्लेक्टिव टेप लगी हो जिसकी चौड़ाई कम से कम 50 मिलीमीटर हो
3. बस की स्पीड शहर के किसी भी एरिया में 50 किलोमीटर/घंटा से अधिक ना हो
4. स्कूल के आगे व पीछे स्कूल बस लिखा हो और यदि बस बाहर से हायर की गई हो तो उस पर “ऑन स्कूल ड्यूटी” साफ-साफ लिखा हो
5. स्कूल बस प्रॉपर मेंटेन हो और उस पर प्रशिक्षित ड्राइवर व कंडक्टर तैनात किए गए हो
6. बस चलाने का परमिट या परमिशन ली हुई हो
7. बस के ड्राइवर के पास कम से कम 5 साल का अनुभव हो
8. बस ड्राइवर का 3 बार से अधिक चलान न कटा हो और उसके 5 साल के अनुभव के दौरान वह भारतीय दंड संहिता की धारा 279, 336, 337, 338, 304ए का अपराधी ना रहा हो
9. यदि बस में केवल लड़कियां सफर कर रही हो तो उसके लिए महिला स्टाफ या कंडक्टर होनी चाहिए
10. स्कूल या शैक्षणिक संस्थान के पास स्कूल की बाउंड्री के अंदर
पार्किंग स्थान अवश्य होना चाहिए ताकि बच्चों को स्कूल के अंदर उतारा जा सके ताकि वह सड़क दुर्घटना का शिकार होने से बच सकें