प्रोपर्टी आई डी बनाने के नाम पर मची है लूट : भारत अरोड़ा
फरीदाबाद : हरियाणा में प्रोपर्टी आई डी बनाने के नाम पर किस तरह से लोगों को बेवकूफ बनाया जा रहा है और उनसे मोटी रकम वसूली जा रही है, इससे कोई अनभिज्ञ नहीं है। आज फरीदाबाद शहर में प्रतिदिन हजारों लोग प्रोपर्टी आई डी में करेक्शन करवाने के लिए धक्के खा रहे हैं। इसी का फायदा उठाते हुए निगम अधिकारी लोगों से उनकी प्रोपर्टी आई डी ठीक करने के पैसे ले रहे हैं। हाल में विधायक श्रीमती सीमा त्रिखा का एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें प्रोपर्टी आई डी के नाम पर पैसे वसूलने वाले किसी अधिकारी की शिकायत वह एक अन्य अधिकारी से कर रही हैं और उसको जबरदस्त फटकार लगा रही हैं।
इतना ही नहीं विधायक श्रीमती सीमा त्रिखा अधिकारी को जूते से पीटने और उनकी शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री से करने की बात कर रही हैं। भारत अरोड़ा ने कहा कि विधायक की वायरल हो रही इस ऑडियो से लगता है कि प्रशासनिक अधिकारियों में न तो जन प्रतिनिधियों का डर है और न ही अपने आपको भ्रष्टाचार का काल कहे जाने वाले मुख्यमंत्री मनोहर लाल का। मनोहरलाल और उनकी सरकार का अधिकारियों में कोई भय दिखाई नहीं देता है। जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता को उठाना पड़ रहा है। कभी प्रोपर्टी आई डी ठीक करने के नाम पर तो कभी परिवार पहचान पत्र में करेक्शन के नाम पर लोगों को परेशान किया जा रहा है और अधिकारी वर्ग इसका भरपूर फायदा उठाते हुए दोनों हाथों से भोली भाली जनता को लूटने में लगे हैं। भारत अरोड़ा ने कहा कि भाजपा सरकार बिना सोचे-समझे योजनाएं ला रही है, न तो उनका कोई सिर है न पैर। उन्होंने फरीदाबाद में प्रोपर्टी आई डी सर्वे का काम करने वाली गुजरात की याशी कंपनी के खिलाफ जांच करने की मांग की, कि कितने पैसे कंपनी को दे दिए और कितना काम याशी कंपनी ने किया है।
याशी कंपनी द्वारा प्रोपर्टी आई डी के नाम पर किया गया सर्वे तथ्यों से परे है और घर बैठे उन्होंने सर्वे कर मोटा पैसा निगम से वसूल लिया है। भारत अरोड़ा ने कहा कि याशी कंपनी किसकी है और बिना सटीक सर्वे के इसको पेमेंट जारी करने वाले अधिकारियों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए। मगर, प्रदेश की भाजपा सरकार कंपनी पर गलत सर्वे किए जाने पर दंडात्मक कार्यवाही करने के बजाय उसके द्वारा किए गए गलत कामों को छिपाने के लिए कैम्प एवं शिविरों का आयोजन कर लोगों को परेशान कर रही हैं। उन्होंने याशी कंपनी द्वारा किए गए सर्वे को रद्द कर कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही किए जाने की मांग की।