पदोन्नत मे नियम बदलने से कर्मचारी खफा होकर किया विरोध – नरेश कुमार शास्त्री
फरीदाबाद, 15 जून । सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा से सम्बन्धित विभागीय यूनियन/एसोसिएशनो के सैकड़ो कर्मचारियो ने जिला प्रधान करतार सिंह जागलान, सचिव युद्धवीर खत्री,वरिष्ठ उपप्रधान बलबीर बालगुहेर, कोषाध्यक्ष मास्टर भीम सिंह, प्रैस सचिव राजबेल देशवाल के नेतृत्व मे ब्लॉक स्तर पर रोष प्रदर्शन कर एसडीएम व तहसीलदार को ज्ञापन दिए। इनके साथ तिगांव ब्लॉक मे देवी सिंह ब्लॉक प्रधान, सचिव मनोज बालगुहेर, बड़खल के ब्लॉक प्रधान अनूप बाल्मिक, फरीदाबाद मे देवेंद्र त्यागी,बल्लभगढ मे रामकेश सहारण उपस्थित थे।
प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए संघ के राज्य वरिष्ठ उपप्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने कहा कि नियमित और स्थायी प्रकृति के पदों पर कच्चे अनुबंध कर्मचारी रखने के कौशल रोजगार निगम के प्रावधान के कुछ समय बाद अब पदोन्नति कोटे के पदों को भी कौशल रोजगार में बदलने अथवा खाली रखते हुए समाप्त करने के लक्ष्य से नियमों में बदलाव करने कुचेष्टा के खिलाफ कर्मचारियों में रोष पनप रहा है। हरियाणा सरकार ए, बी, सी ग्रुप में कर्मचारियों की पदोन्नति को रोकने के लिए नयी बाड़ेबंदी करने की कोशिश कर रही है। यह कोशिश उन नियमों को नजरअंदाज करके की जा रही है जिनके तहत कर्मचारी की नियुक्ति हुई थी। भर्ती के समय से बाद के सेवानियमों को पुराने कर्मचारियों पर लादना गलत और नियम विरुद्ध भी है। एक बार प्रस्तावित नया नियम अधिसूचित कर दिया जाता है तो यह सभी विभागों, निगमों और बोर्डों में काम करने वाले समस्त कर्मचारियों पर लागू हो जाएगा। इसके लिए सेवानियमों में आवश्यक बदलाव किये जाएंगे।
नये बदलाव के बाद पदोन्नति वरिष्ठता आधारित नहीं रहेगी, बल्कि उसे “मेरिट कम सीनियरिटी” आधार पर तय किया जाएगा। बाकी शर्तों के साथ पदोन्नति से पूर्व लिखित परीक्षा को अनिवार्य किया जाएगा।* यह न्यूनतम योग्यता को तय करेगी। पदोन्नति के लिए निर्धारित अंकों के साथ लिखित परीक्षा पास करनी होगी जिसमें सामान्य वर्ग के कर्मचारी को 50 प्रतिशत और अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग, आर्थिक रूप से पिछड़े तबके, भूतपूर्व सैनिक, विकलांग और खिलाड़ियों के लिए 45% अंकों के साथ लिखित परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा। भर्ती के समय कर्मचारी ने जिस कैटेगरी के तहत प्रार्थना पत्र दिया था उसकी वही कैटेगरी मानी जाएगी। उन्हीं कर्मचारियों को पदोन्नति के लिए वरिष्ठता के आधार पर योग्य माना जाएगा जिन्होंने निर्धारित अंकों के साथ लिखित परीक्षा पास कर ली होगी। लिखित परीक्षा में प्राप्त अंक वरिष्ठता क्रम को प्रभावित नहीं करेंगे। लिखित परीक्षा के लिए दो पेपर होंगे – एक पेपर जनरल एडमिनिस्ट्रेशन और दूसरा पेपर प्रशासनिक विभाग द्वारा तैयार की गई विषयवस्तु पर आधारित होगा।
सरकार की स्वीकृति के उपरांत विभाग स्वयं या किसी एजेंसी के माध्यम से यह परीक्षा आयोजित करेगा। आवश्यकता के अनुसार परीक्षा बार-बार ली जाती रहेगी। पाठ्यक्रम, भाषा, प्रश्नपत्र के डिजाइन (वस्तुनिष्ठ या विषयनिष्ठ), समयसीमा आदि के बारे में विभाग अलग से अधिसूचना जारी करेगा।
पदोन्नति के लिए उपलब्ध स्थानों से दोगुना संख्या में कर्मचारी यह परीक्षा दे सकेंगे। वर्ष में 31 दिसम्बर तक रिक्त हो जाने वाले पदोन्नति पदों को भी इस में शामिल किया जा सकेगा। यदि कोई कर्मचारी लंबी छुट्टी पर है या निलंबित है अथवा अन्य विभाग में प्रतिनियुक्त है तो भी उसे परीक्षा में शामिल होने की अनुमति होगी, भले ही वह तत्काल पदोन्नति के लिए पात्र न हो। वास्तव में पदोन्नति तो योग्यता के आधार पर ही हो सकेगी। यदि लिखित परीक्षा पास करने वालों की संख्या उपलब्ध पदों से कम रह जाती है तो खाली पदों व 31 दिसम्बर तक पदोन्नति उपलब्ध पदों से पाँच गुणा उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा के लिए आंमत्रित किया जाएगा। एक बार परीक्षा उत्तीर्ण करने पर पदोन्नति न होने पर कर्मचारी को दोबारा परीक्षा नहीं देनी होगी। पर्याप्त संख्या में विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण कर्मचारियों के उपलब्ध होने की स्थिति में विभाग बिना लिखित परीक्षा लिए ही पदोन्नति सूची जारी कर सकेगा। परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए अवसरों की कोई सीमा नहीं होगी। जो कर्मचारी लिखित परीक्षा पास नहीं कर पाएंगे उन्हें एसीपी और वार्षिक वेतन वृद्धि आदि लाभ यथावत् मिलते रहेंगे। भविष्य में इन पर प्रश्नचिह्न लगने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
पदोन्नति के लिए उपलब्ध स्थानों से दोगुना संख्या में कर्मचारी यह परीक्षा दे सकेंगे। वर्ष में 31 दिसम्बर तक रिक्त हो जाने वाले पदोन्नति पदों को भी इस में शामिल किया जा सकेगा। यदि कोई कर्मचारी लंबी छुट्टी पर है या निलंबित है अथवा अन्य विभाग में प्रतिनियुक्त है तो भी उसे परीक्षा में शामिल होने की अनुमति होगी, भले ही वह तत्काल पदोन्नति के लिए पात्र न हो। वास्तव में पदोन्नति तो योग्यता के आधार पर ही हो सकेगी। यदि लिखित परीक्षा पास करने वालों की संख्या उपलब्ध पदों से कम रह जाती है तो खाली पदों व 31 दिसम्बर तक पदोन्नति उपलब्ध पदों से पाँच गुणा उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा के लिए आंमत्रित किया जाएगा। एक बार परीक्षा उत्तीर्ण करने पर पदोन्नति न होने पर कर्मचारी को दोबारा परीक्षा नहीं देनी होगी। पर्याप्त संख्या में विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण कर्मचारियों के उपलब्ध होने की स्थिति में विभाग बिना लिखित परीक्षा लिए ही पदोन्नति सूची जारी कर सकेगा। परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए अवसरों की कोई सीमा नहीं होगी। जो कर्मचारी लिखित परीक्षा पास नहीं कर पाएंगे उन्हें एसीपी और वार्षिक वेतन वृद्धि आदि लाभ यथावत् मिलते रहेंगे। भविष्य में इन पर प्रश्नचिह्न लगने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है।