दिव्यांग बेटियों के लिए आगे आए समाज: श्री मनोहर लाल
श्री विश्वकर्मा विश्वविद्यालय के मंच पर हुआ दिव्यांग बेटियों को समर्पित "सेल्फी विद डॉटर" अभियान का आगाज
फरीदाबाद, 10 जून। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के मंच से शुक्रवार को “सेल्फी विद डॉटर” के विशेष अभियान का आगाज हुआ। यह अभियान दिव्यांग बेटियों को समर्पित किया गया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने बतौर मुख्यातिथि अपने संदेश में कहा कि बेटी ईश्वरीय उपहार है। जहां बेटी है, वह संपूर्ण परिवार है। उन्होंने दिव्यांग बेटियों को दुलार और प्यार देने का आह्वान करते हुए हमेशा उनकी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाने की अपील भी की। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि दिव्यांग बेटियों को सम्मान देना समाज का कर्तव्य है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने दिव्यांग बेटियों के मर्म को समझा और “सेल्फी विद डॉटर” अभियान को दिव्यांग बेटियों को समर्पित कर एक अनुकरणीय पहल की है। सामाजिक और भावनात्मक तौर पर दिव्यांग बेटियों के लिए संबल बनने की पहल पर मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू को विशेष बधाई दी। उन्होंने शपथपूर्वक दिव्यांग बेटियों के जीवन को बेहतर बनाने की ताकीद भी की। दिव्यांग बेटियों को समर्पित “सेल्फी विद डॉटर” अभियान के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने इस अभियान के प्रवर्तक सुनील जागलान को विशेष बधाई दी।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए बेटियों को सशक्त बनाने की पुरजोर वकालत की। उन्होंने कहा कि बेटियां किसी से कम नहीं हैं। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि बेटियों के साथ लैंगिक आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। यह एक गलत मानसिकता है कि बेटियां बेटों के बराबर काम नहीं कर सकती, बल्कि लड़कियों को जो दायित्व दिया जाता है उसके परिणाम और भी बेहतर आते हैं। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि बेटियों को सशक्त और सक्षम बनाना पूरे समाज का दायित्व है और दिव्यांग बेटियों के प्रति हमारा कर्तव्य और ज्यादा बढ़ जाता है। “सेल्फी विद डॉटर” अभियान के लिए उन्होंने सुनील जागलान की सराहना की और इस अभियान में विशेष प्रेरणा देने के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का आभार ज्ञापित किया।
“सेल्फी विद डॉटर” अभियान के प्रवर्तक सुनील जागलान ने कहा कि समाज में बेटियों को बराबर का सम्मान मिलना चाहिए। बेटियों से जुड़े अनछुए पहलुओं पर समाज को खुलकर बात करनी चाहिए। सुनील जागलान ने दिव्यांग बेटियों की बेहतरी के लिए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की पहल के प्रति आभार जताया।
इससे पूर्व श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रो. ज्योति राणा ने दिव्यांग बेटियों के जीवन को बेहतर बनाने की शपथ दिलाई। शपथ में देश के कई हिस्सों से बड़ी संख्या में लोग जुड़े। ऑनलाइन माध्यम से अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, नेपाल, स्पेन और पुर्तगाल से भी कई लोगों ने शपथ ग्रहण की। प्रो. ज्योति राणा ने कहा कि दिव्यांग बेटियों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में हम जितना भी सहयोग कर पाए, वह हमारी सामाजिकता को सार्थक करेगा।
इस अभियान में आईआईएलएम यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रो. सुजाता शाही, डीक्रस्ट यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. राजेंद्र अनायत, ईस्ट वेस्ट ऑटोमेशन टेक्नोलॉजी के प्रबंध निदेशक अरविंद कौल और हीरो मोटर कॉर्प के एचआर हेड धर्म रक्षित के अलावा “सेल्फी विद डॉटर” के हस्ताक्षर अभियान की ब्रांड एंबेसडर अनवी ने अपने अनुभव साझा किए और बेटी होने के नाते गौरवान्वित करने वाले भाव जागृत किए। “सेल्फी विद डॉटर” अवार्ड 2023 की विजेता रिदम मूक भाषा में रूबरू हुई।
श्री विश्वकर्मा कौशल विद्यालय के डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. आरएस राठौड़ ने अतिथियों के प्रति आभार ज्ञापित किया।
इस समारोह में ऑन लाइन माध्यम से पंडित लख्मीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट के कुलपति गजेंद्र चौहान, गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार, हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार, वाशिंगटन डीसी से डॉ. सुरेश गुप्ता, आस्ट्रेलिया से सतबीर तुर्क, स्पेन से फुटबॉलर एरिक, सुरेंद्र, पुर्तगाल से नरेंद्र चौहान के अलावा देश के अलग अलग हिस्सों से काफी संख्या में लोगों ने शपथ ली। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के काफी संख्या में शिक्षक और विद्यार्थी इस समारोह में शामिल हुए।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए बेटियों को सशक्त बनाने की पुरजोर वकालत की। उन्होंने कहा कि बेटियां किसी से कम नहीं हैं। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि बेटियों के साथ लैंगिक आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। यह एक गलत मानसिकता है कि बेटियां बेटों के बराबर काम नहीं कर सकती, बल्कि लड़कियों को जो दायित्व दिया जाता है उसके परिणाम और भी बेहतर आते हैं। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि बेटियों को सशक्त और सक्षम बनाना पूरे समाज का दायित्व है और दिव्यांग बेटियों के प्रति हमारा कर्तव्य और ज्यादा बढ़ जाता है। “सेल्फी विद डॉटर” अभियान के लिए उन्होंने सुनील जागलान की सराहना की और इस अभियान में विशेष प्रेरणा देने के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का आभार ज्ञापित किया।
“सेल्फी विद डॉटर” अभियान के प्रवर्तक सुनील जागलान ने कहा कि समाज में बेटियों को बराबर का सम्मान मिलना चाहिए। बेटियों से जुड़े अनछुए पहलुओं पर समाज को खुलकर बात करनी चाहिए। सुनील जागलान ने दिव्यांग बेटियों की बेहतरी के लिए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की पहल के प्रति आभार जताया।
इससे पूर्व श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रो. ज्योति राणा ने दिव्यांग बेटियों के जीवन को बेहतर बनाने की शपथ दिलाई। शपथ में देश के कई हिस्सों से बड़ी संख्या में लोग जुड़े। ऑनलाइन माध्यम से अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, नेपाल, स्पेन और पुर्तगाल से भी कई लोगों ने शपथ ग्रहण की। प्रो. ज्योति राणा ने कहा कि दिव्यांग बेटियों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में हम जितना भी सहयोग कर पाए, वह हमारी सामाजिकता को सार्थक करेगा।
इस अभियान में आईआईएलएम यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रो. सुजाता शाही, डीक्रस्ट यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. राजेंद्र अनायत, ईस्ट वेस्ट ऑटोमेशन टेक्नोलॉजी के प्रबंध निदेशक अरविंद कौल और हीरो मोटर कॉर्प के एचआर हेड धर्म रक्षित के अलावा “सेल्फी विद डॉटर” के हस्ताक्षर अभियान की ब्रांड एंबेसडर अनवी ने अपने अनुभव साझा किए और बेटी होने के नाते गौरवान्वित करने वाले भाव जागृत किए। “सेल्फी विद डॉटर” अवार्ड 2023 की विजेता रिदम मूक भाषा में रूबरू हुई।
श्री विश्वकर्मा कौशल विद्यालय के डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. आरएस राठौड़ ने अतिथियों के प्रति आभार ज्ञापित किया।
इस समारोह में ऑन लाइन माध्यम से पंडित लख्मीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट के कुलपति गजेंद्र चौहान, गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार, हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार, वाशिंगटन डीसी से डॉ. सुरेश गुप्ता, आस्ट्रेलिया से सतबीर तुर्क, स्पेन से फुटबॉलर एरिक, सुरेंद्र, पुर्तगाल से नरेंद्र चौहान के अलावा देश के अलग अलग हिस्सों से काफी संख्या में लोगों ने शपथ ली। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के काफी संख्या में शिक्षक और विद्यार्थी इस समारोह में शामिल हुए।