उपायुक्त विक्रम सिंह ने ली प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की समीक्षा बैठक
फरीदाबाद, 08 जून। सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में मछली पालन विभाग द्वारा मछली पालन के क्षेत्र में भी नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं और नई-नई तकनीक के जरिए मछली पालन किया जा रहा है, जिसका फायदा किसानों को मिल रहा है। उपायुक्त विक्रम सिंह आज लघु सचिवालय के बैठक कक्ष में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना बैठक में मत्स्य पालन और अन्य विभागों के अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे रहे थे। डीसी विक्रम कहाकि मछली पालन का व्यवसाय काफी तेजी से बढ़ रहा है। किसान अब खेती के साथ-साथ इस व्यवसाय को भी अपना रहे हैं और यह व्यवसाय किसानों की आमदनी को दोगुना करने में कारगर साबित हो रहा है। मत्स्य पालन व्यवसाय जिला फरीदाबाद के मत्स्य पालक किसानों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा। जिला में अनेक मत्स्य पालक किसान इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं।
विभाग द्वारा मत्स्य योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से मछली पालकों के जीवन स्तर में बदलाव आया है। सरकार द्वारा जिला फरीदाबाद में मत्स्य पालकों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका उन्हें पूरा लाभ मिल रहा है। उन्होंने आगे बताया कि मत्स्य विभाग की ओर से मत्स्य पालकों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित किया जा रहा है। जिसके लिए किसान जिला मत्स्य अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। जिला मत्स्य अधिकारी रीटा ने बताया कि उन्होंने बताया कि मछली पालन में लागत कम है और मुनाफा अधिक है। मत्स्य किसानों को 20 हजार रुपए का जाल खरीदने पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। मत्स्य पालन के लिए विभाग द्वारा रियरिंग पोंड के लिए अनुमानित लागत सात लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान प्रदान किया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 60 प्रतिशत सभी वर्गों की महिलाओं व अनुसूचित जाति को तथा सामान्य व ओबीसी को 40 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाता है। उन्होंने आगे बताया कि यदि कोई बेरोजगार युवक मछलियों की बिक्री के लिए ऑटो रिक्शा खरीदता है तो उसे विभाग साठ प्रतिशत राशि अनुदान स्वरूप प्रदान की जाती है।