अग्रवाल महविद्यालय के अर्थशास्त्र, प्रबंध व वाणिज्य विभागों द्वारा दो-दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन समारोह।
फरीदाबाद, 10 मई। अग्रवाल महाविद्यालय बल्लभगढ़ में अर्थशास्त्र, प्रबंध और वाणिज्य विभागों के तत्वावधान में चेंजिंग सिनेरियो ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड: गेन्स एंड चैलेंजेस फॉर इंडिया विषय पर दो-दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह सम्मेलन भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा अनुमोदित था। जिसका आज 10 मई को समापन समारोह हुआ। इस सम्मेलन को कुल 8 तकनीकी सत्रों में विभाजित किया गया जिसमें से 4 तकनीकी सत्रों का आयोजन पहले दिन अर्थात् 9 मई 2023 को किया गया था। अगले 4 तकनीकी सत्रों का आयोजन 10 मई 2023 को किया गया।
इस कार्यक्रम में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020: चैलेंजेस एंड अपॉरच्युनिटी शीर्षक किताब का विमोचन भी किया गया। दूसरे दिन पांचवें सत्र की अध्यक्षता डॉ. विजित चतुर्वेदी एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा द्वारा की गई, आमंत्रित वार्ता प्रोफेसर एस.के. चक्रवर्ती, फॉर्मर हेड डीन एकेडमिक्स एनआईटी, कुरुक्षेत्र द्वारा दी गयी, उन का विषय था डब्ल्यू .टी.ओ. एडवांटेज एंड डिसएडवांटेज। उन्होंने वार्ता में इकोनॉमिक्स और फिजिक्स को जोड़कर ईकोनोफिजि़क्स शब्द का प्रयोग किया और आगे इसी पर शोध करने की आवश्यकता को उजागर किया उन्होंने वीडिओज़ के माध्यम से बड़े ही रोमांचित तरीके से डब्ल्यू.टी.ओ. के फायदे और नुकसानों को बताया। पांचवें सत्र का मंच संचालन डॉ. डिंपल द्वारा सुचारू रूप से किया गया।
छठे सत्र में अध्यक्ष की भूमिका डॉ. रेनू अग्रवाल, जे.सी. बोस यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद ने निभाई तथा आमंत्रित वार्ता डॉ. विजित चतुर्वेदी, एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा द्वारा दी गई। उनकी थीम स्ट्रेटेजिक एंड ट्रांसफोर्मेटिव पोजिशनिंग ऑफ इंडिया एज ए ग्लोबल डेस्टिनेशन आप फ्यूचरिस्टिक आस्पेक्ट। उन्होंने हमारे देश के विभिन्न विभागों जैसे रक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, बैंकिंग और बीमा व शोध विभाग के विकास के बारे में बताया तथा यह भी बताया कि ये विभाग कैसे आत्मनिर्भर बन रहे हैं। इसी सत्र में दूसरी आमंत्रित वार्ता डॉ. प्रगति चौहान, विभागाध्यक्ष एम.बी.ए, मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज़ द्वारा दी गयी। जिनका विषय कैपिटलाइज ऑन आवर स्ट्रेंथस् टू बिल्ड इन्क्लूसिव एंड रेजिलिएंट इकॉनमी रहा। इन्होंने अपनी वार्ता में संभार तंत्र के विषय पर बात की तथा यह भी बताया कि व्यापार को आसानी से कैसे किया जा सकता है। इसके अलावा इन्होंने आयात तथा निर्यात की महत्त्वता को बताते हुए उसके संतुलन पर भी प्रकाश डाला।
सातवें सत्र में अध्यक्ष की भूमिका अग्रवाल महविद्यालय प्राचार्य डॉ. कृष्णकांत जी ने निभाई। इस सत्र की आमंत्रित वार्ता डॉ. प्रियंका सिंह द्वारा दी गई। उनकी वार्ता का विषय द इंपैक्ट ऑफ डिजिटल मार्केटिंग ऑन इंटरनेशनल ट्रेड रहा। उन्होंने बताया कि पहले व्यापार करना आसान नहीं था, लेकिन डिजिटल मार्केटिंग की मदद से नए बजारो में प्रवेश पाना आसान हुआ है। इसी सत्र में दूसरी आमंत्रित वार्ता डॉ. मनोज शुक्ला हेड डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक्स को ऑर्डिनेटर आई.क्यू.ए.सी, अग्रवाल महविद्यालय बल्लभगढ़ द्वारा दी गई। उनका विषय था इंटरनेशनल ट्रेड चैलेंजेज एंड अपॉर्च्युनिटीज। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के फलस्वरूप किसी भी अर्थव्यवस्था को होने वाले लाभों और चुनौतियों के बारे में बताया। आठवें सत्र के समापन समारोह के मुख्य अतिथि प्रोफेसर जयप्रकाश यादव, वाइस चांसलर इंदिरा गाँधी यूनिवर्सिटी, मीरपुर, रेवाडी रहे। मुख्य अतिथि ने बताया कि अगर कोई देश अपनी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाना चाहता है तो उसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ाना होगा इसके अलावा उन्होंने अंतरराष्ट्रीय व्यापार के बदलते हुए स्वरूप के बारे में भी बताया।
उन्होंने महाविद्यालय को इस तरह के विषयों पर आगे भी सम्मेलन कराने के लिए प्रोत्साहित किया क्योंकि इस तरह के विषय आज के समय की मांग है।इस समापन समारोह की अध्यक्षता महाविध्यालय प्राचार्य डॉ. कृष्णकांत गुप्ता जी ने की, उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार देश के औद्योगिक विकास में भी सहायक होता है उद्योगों के विकास हेतु जो साधन देश में उपलब्ध नहीं है उनका विदेशों से आयात किया जा सकता है और जो संसाधन देश के पास अधिक मात्रा में है उनका निर्यात किया जा सकता है जिससे भुगतान शेष को संतुलन में लाया जा सकता है। इस सम्मेलन के सफल संचालन के लिए प्राचार्य जी ने पूरी टीम को बधाई दी। समापन भाषण प्रोफेसर रवि के हांडा डायरेक्टर इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी फरीदाबाद ने दिया। उन्होंने कहा अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय विदेशी मुद्रा अर्जित करने का एक महत्वपूर्ण साधन है, उन्होंने कहा कि कोई भी विकासशील अर्थव्यवस्था अंतरराष्ट्रीय व्यापार के बिना विकसित नहीं बन सकती। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के संयोजक डॉ. मनोज शुक्ला जी ने किया और बताया कि यह एक सफल राष्ट्रीय सम्मेलन रहा तथा इसके माध्यम से अनेक शोधकर्ता, विद्यार्थी तथा विशेषज्ञ लाभान्वित हुईं। श्रीमती पूजा ने इस दो-दिवसीय कार्यक्रम का संक्षिप्त विवरण दिया इसके पश्चात प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए सम्मेलन के अंत में मुख्य अतिथि महोदय को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।