शोध सुविधाओं को उन्नत बनाने के लिए जे.सी. बोस विश्वविद्यालय को मिला केन्द्रीय अनुदान
केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से कुलपति प्रो. तोमर ने प्राप्त किया प्रतिष्ठित शोध अनुदान
फरीदाबाद, 24 अप्रैल। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की प्रतिष्ठित ‘विश्वविद्यालय अनुसंधान एवं वैज्ञानिक उत्कृष्टता संवर्धन (पर्स) योजना के अंतर्गत शोध अनुदान प्रदान किया। योजना के अंतर्गत विश्वविद्यालय को अनुसंधान की ढांचागत व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए 7 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है।
डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित विश्वविद्यालय अनुसंधान उत्सव-2023 के दौरान विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने अनुदान प्राप्त किया। पर्स योजना के अंतर्गत देश के चुनिंदा विश्वविद्यालयों को वैज्ञानिक विकास के लिए अपने अनुसंधान ढांचे में सुधार के लिए अनुदान दिया जाता है। विश्वविद्यालय को दी जाने वाली यह एक प्रोत्साहन अनुदान योजना है जोकि विश्वविद्यालयों की शोध व्यवस्था में सुधार को लेकर केंन्द्रित है। जे.सी. विश्वविद्यालय का चयन देश के उन 12 चुनिंदा विश्वविद्यालय में हुआ है, जिन्होंने वर्ष 2022 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के विशेष आह्वान पर पर्स अनुदान के लिए आवेदन किया था।
विश्वविद्यालय का चयन केन्द्र की प्रतिष्ठित अनुदान योजना के अंतर्गत होने पर प्रसन्नता जताते हुए कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने कहा कि इस प्रकार के प्रतिष्ठित एवं प्रतिस्पर्धी अनुदान के लिए जे.सी. बोस विश्वविद्यालय का चयन के लिए गर्व का विषय है जोकि विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षण और अनुसंधान में किये जा रहे गुणवत्तापूर्ण कार्यों को दर्शाता है। प्रो. तोमर ने पर्स अनुदान के लिए प्रयासरत टीम के समन्वयक डॉ. रवि कुमार और सह-समन्वयक डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. सूरज गोयल, डॉ. सोमवीर, डॉ. दीपांश शर्मा और अन्य सदस्यों डॉ. श्रुति मित्तल, और डॉ. पारुल गुप्ता को उनकी कड़ी मेहनत और सफलता के लिए बधाई दी है।