सोच में सुधार से ही खत्म होगा बाल विवाह का अंधकार : एडीसी
- पंडित, मौलवी और गुरुद्वारा ज्ञानी को बाल विवाह न करने की दिलाई शपथ
फरीदाबाद। बाल विवाह के खिलाफ चल रही जागरूकता मुहीम के तहत आज अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) साहिल गुप्ता के मार्गदर्शन में सेक्टर-16 स्थित बीडीपीओ ऑफिस में पंडित, मौलवी और गुरुद्वारा ज्ञानी सहित अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक कर बाल विवाह न करने की शपथ भी दिलाई गयी।
इस अवसर पर संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी हेमा कौशिक ने बताया कि
बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अंतर्गत 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियों और 21 वर्ष से कम आयु के लड़कों का विवाह अवैध माना गया है। इसके तहत बाल विवाह कराने वालों पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि “बाल विवाह केवल एक सामाजिक समस्या नहीं है, बल्कि यह बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास को भी बाधित करता है। यह शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन के अन्य अवसरों को प्रभावित करता है। हम सभी को मिलकर इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए कदम उठाने होंगे।
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” उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा बच्चों की शिक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कई योजनाएं चल रही हैं, लेकिन समाज की जागरूकता और सहयोग के बिना इसे खत्म करना मुश्किल है। उन्होंने बताया कि बच्चों का शिक्षा प्राप्त करना, उनका मानसिक और शारीरिक विकास सुनिश्चित करना, समाज की जिम्मेदारी है। जब तक समाज बाल विवाह जैसी प्रथाओं के खिलाफ जागरूक नहीं होगा, तब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता।
इस अवसर पर डीपीओ मीनाक्षी और वन स्टॉप सेंटर हेड मीनू यादव सहित संबंधित विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।