पेशेवर तरक्की व सुधार, उद्यमशीलता और आर्थिक स्वतंत्रता भारतीय युवाओं की सबसे बड़ी आकांक्षाएं: फाइब (Fibe) के ‘मिलेनियल अपग्रेड इंडेक्स’ में सामने आई यह बात
~ अविवाहित महिलाओं में घर खरीदने की आकांक्षाएं अविवाहित पुरुषों की तुलना में अधिक होती हैं~
• दीर्घकालिक आकांक्षाएं: 41% युवा (मिलेनियल्स) अपना घर खरीदने की इच्छा रखते हैं, 21% अपना व्यवसाय शुरू करना या बढ़ाना चाहते हैं, तथा 19% आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनना चाहते हैं।
• अल्पकालिक आकांक्षाएं: व्यावसायिक विकास, नया गैजेट या वाहन खरीदना, तथा व्यक्तिगत कल्याण (जैसे दंत चिकित्सा, नेत्र शल्य चिकित्सा, तथा स्वस्थ होना) सबसे ऊपर हैं।
• 29% मिलेनियल्स अपनी जीवनशैली को बेहतर बनाने के लिए अल्पकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने पर फोकस करते हैं, 39% अपने परिवार के लिए सुविधा बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जबकि 26% जीवन में स्थिरता प्राप्त करने के लिए दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राथमिकता देते हैं।
• दो में से एक उत्तरदाता ने वित्तीय बाधाओं को अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने में एक बड़ी बाधा बताया
भारत: भारत दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश है और यहां 30 करोड़ से ज़्यादा युवा हैं। देश के युवाओं के कई सपने और महत्वाकांक्षाएं हैं जिन्हें वे पूरा करने चाहते हैं। भारत की अग्रणी फिनटेक कंपनी फाइब (Fibe) ने अपना ‘फ़ाइब-मिलेनियल अपग्रेड इंडेक्स’ लॉन्च किया है, जिसमें युवा भारतीयों की महत्वाकांक्षाओं पर जानकारीपूर्ण डेटा दिया गया है। इसमें मेट्रो एवं नॉन मेट्रो शहरों में रहने वाले युवाओं के अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों तरह के लक्ष्य शामिल हैं।
दीर्घकालिक लक्ष्य:
इस स्टडी से पता चलता है कि अपना घर खरीदना (41%), उद्यमशीलता (21%), और वित्तीय स्वतंत्रता (19%) भारतीय युवाओं (मिलेनियल्स) के तीन सबसे अहम दीर्घकालिक लक्ष्य हैं। खास बात ये है कि घर खरीदने की इच्छा रखने वाले 41% से अधिक लोग 30 वर्ष से कम आयु के हैं। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत में महानगरों की तुलना दूसरे इलाकों के ज्यादा युवा अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए उत्सुक हैं। ये युवा जीवन में अधिक संतुष्टि और स्थिरता, पारिवारिक जरूरतों को पूरा करने और सामाजिक मान्यता प्राप्त करने के लिए इन दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राथमिकता देते हैं।
भारत में महिलाओं की आकांक्षाएं:
बड़ी बात यह है कि यह स्टडी भारत में महिलाओं की बढ़ती आकांक्षाओं पर प्रकाश डालती है, जिससे पता चलता है कि अविवाहित महिलाएं, अविवाहित पुरुषों की तुलना में घर खरीदने की अधिक महत्वाकांक्षा रखती हैं। इसके अलावा, अविवाहित महिलायें (70%) विवाहित महिलाओं (58%) की तुलना में अपने कॅरियर में आगे बढ़ने के लिए ज्यादा इच्छुक हैं।
अल्पकालिक लक्ष्य:
इस सर्वे से यह भी पता चलता है कि मेट्रो में रहने वाले युवा बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण बेहतर नौकरी पाने को लेकर अधिक परेशान हैं। मेट्रोज के 60% उत्तरदाताओं ने इसे अपना एक प्रमुख लक्ष्य बताया है। इस स्टडी से पता चलता है कि अल्पावधि में, युवा पीढ़ी के लिए शीर्ष चार प्राथमिकताएं अपनी जीवनशैली को बेहतर बनाना, परिवार के लिए सुविधाएं जुटाना और जीवन में नई चीजों का अनुभव करना हैं।
फाइब के को-फाउंडर और सीईओ अक्षय मेहरोत्रा ने कहा, “भारत के युवाओं को सशक्त बनाना बहुत जरूरी है और हमारे देश की आर्थिक प्रगति के लिए एक बड़ा उत्प्रेरक है। हमारा अध्ययन उनकी जीवंत आकांक्षाओं के साथ-साथ उनके सामने आने वाली विकट चुनौतियों को भी उजागर करता है, जो उनकी जरूरत के मुताबिक वित्तीय समाधानों की तत्काल जरूरत पर जोर देता है। अधिकांश मिलेनियल्स ने संकेत दिया कि वे अपनी अल्पकालिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए वित्तीय संस्थानों से ऋण लेंगे। इसके लिए वे आसान पहुंच, सुविधा, लचीलेपन और तत्काल वित्तीय जरूरत को पूरा करने की क्षमता जैसे मानकों के आधार पर वित्तीय संस्थानों का चुनाव करेंगे। फाइब लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और जीवन के हर चरण में उनकी ज़रूरतों को पूरा करने में उनकी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। एक ज़िम्मेदार ऋणदाता के रूप में, हमारा लक्ष्य इन युवाओं को ज़िम्मेदारी से उधार लेने के तरीकों के बारे में शिक्षित करना भी है ताकि वे अपने क्रेडिट प्रोफ़ाइल को अच्छी तरह मैनेज करते हुए आत्मविश्वास के साथ अपने सपनों को पूरा कर सकें।”
इन महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में आने वाली बाधाएं:
• 45% लोगों ने मेट्रो और गैर-मेट्रो शहरों में अपनी अल्पकालिक और दीर्घकालिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में वित्तीय बाधाओं को एक बड़ी बाधा बताया, तथा ऐसे वित्तीय समाधानों की आवश्यकता पर बल दिया जो सभी को आसानी से मिल सकें।
• दीर्घकालिक लक्ष्य: 35% युवाओं ने अन्य पारिवारिक खर्चों को प्राथमिकता देने की बात कही, तथा 15% ने दीर्घकालिक वित्तीय योजना के अभाव को एक बाधा बताया।
• अल्पकालिक लक्ष्य: 23% उत्तरदाताओं ने कहा कि इलाज पर होने वाले खर्च और अन्य बड़ी पारिवारिक ज़रूरतें ज्यादा अहम हो जाती हैं। कुछ ने समय की कमी (13%) और प्रेरणा की कमी (8%) को भी बाधा बताया।
महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए योजनाएं:
• दीर्घकालिक लक्ष्य: दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, 39% उत्तरदाताओं ने कहा कि वे बचत करेंगे और रणनीतिक रूप से वित्तीय योजना बनाएंगे, 21% आय के अन्य स्रोतों की तलाश करेंगे और 29% ने ऋण लेने की बात कही। इस अध्ययन के निष्कर्ष मिलेनियल्स के बीच जिम्मेदारी की भावना को स्पष्ट करते हैं क्योंकि वे अपनी आकांक्षाओं को सही ढंग से बनाई गई वित्तीय योजना के साथ संतुलित करना चाहते हैं।
• अल्पकालिक लक्ष्य: चूंकि भारत के मिलेनियल्स तरक्की करने और अपनी जीवनशैली को बेहतर बनाने के लिए निरंतर कोशिश कर रहे हैं, इसलिए 26% युवा तब तक अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने का इंतजार करेंगे, जब तक वे पर्याप्त बचत नहीं कर लेते, जबकि 59% युवा वित्तीय सुविधाओ की ओर रुख करेंगे और ऋण लेंगे।
बाहरी स्रोत से उधार लेने की ओर यह बदलाव डिजिटल लोन देने वाले प्लेटफ़ॉर्म्स के प्रति बढ़ते भरोसे को दर्शाता है। खास बात ये है कि 21% मिलेनियल आय के वैकल्पिक स्रोतों की तलाश की बात करते दिखे। गैर-पारंपरिक आय स्रोतों की ओर यह बढ़ता रुझान फाइनेंशियल प्लानिंग और अपने लक्ष्यों को पूरा करने के तरीके में मिलेनियल्स के सोच में बदलाव को दर्शाता है।
मेट्रो और नॉन-मेट्रो शहरों में 8,000 व्यक्तियों के बीच हुए सर्वे के आधार पर ‘फाइब-मिलेनियल अपग्रेड इंडेक्स’ को तैयार किया गया। उत्तरदाताओं में से अधिकांश (47%) 30 वर्ष से कम आयु के हैं, इसके बाद 26% 30-35 वर्ष की आयु के हैं, 14% 35-40 वर्ष की आयु के हैं, और 13% 40 वर्ष से अधिक आयु के हैं।