हिमाचल के तकनीकी शिक्षा मंत्री ने किया श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का अवलोकन

कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने किया स्वागत, स्किल इको सिस्टम को सशक्त बनाने में हर संभव सहयोग का भरोसा दिया - हिमाचली प्रतिनिधिमंडल ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में अत्याधुनिक लैब, स्किल स्कूल और कंस्ट्रक्शन एकेडमी का भ्रमण किया 

पलवल। हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने सोमवार को प्रतिनिधिमंडल के साथ श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का भ्रमण किया और स्किल एजुकेशन के मॉडल का अध्ययन किया। विश्वविद्यालय परिसर पहुंचने पर कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने उनका भव्य स्वागत किया और विश्वविद्यालय की अवधारणा से अवगत करवाया। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने उनके समक्ष प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

हिमाचल प्रदेश में स्किल इकोसिस्टम को और अधिक सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी, हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक हिमांशु मोंगा और तकनीकी शिक्षा के निदेशक अक्षय सूद ने देश के पहले राजकीय कौशल विश्वविद्यालय के मॉडल का अध्ययन किया। उन्होंने भविष्य में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के साथ मिल कर कौशल परियोजनाओं पर काम करने की इच्छा व्यक्त की। कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने उन्हें हर संभव सहयोग का भरोसा दिया।
उन्होंने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय हर प्रकार का सहयोग करने के लिए हमेशा तत्पर है।
इससे पूर्व हिमाचल प्रदेश के प्रतिनिधंडल ने विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में अत्याधुनिक लैब का अवलोकन किया और कौशल विकास की पूरी प्रक्रिया का अध्ययन किया। इस दौरान उन्होंने कई लैब में दिलचस्पी से जानकारी हासिल की। इनमें ऑटोमेशन लैब, सीएनसी लैब, मैकेट्रॉनिक लैब, एडवांस वेल्डिंग लैब और एडवांस्ड इलेक्ट्रिक लैब शामिल हैं। इस दौरान कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने कहा कि स्किल एजुकेशन के इस मॉडल में किताबी ज्ञान की अपेक्षा सीखने पर ज्यादा जोर दिया जाता है। प्रेक्टिकल एक्सपोजर पर सबसे ज्यादा फोकस है।
हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने अपनी टीम के साथ इनोवेटिव स्किल स्कूल का भी अवलोकन किया और यहां स्थापित लैब की सराहना की। विद्यार्थियों के साथ भी उन्होंने सार्थक संवाद किया और उनसे व्यवसायिक कोर्स के माध्यम से करियर बनाने पर चर्चा की। इस दौरान कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने विद्यार्थियों को स्किल कोर्स के माध्यम से आगे बढ़ने को प्रेरित किया।
कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने हिमाचली प्रतिनिधिमंडल को विश्वविद्यालय में चलाए जा रहे बंचारी फोक आर्ट के कोर्स के बारे में बताया कि यह लोक के संवर्धन की दिशा में प्रयास है। उन्होंने मेहमानों को बंचारी फोक आर्ट पर विश्वविद्यालय द्वारा तैयार करवाया गया ग्रन्थ भी दिखाया। इस पर मंत्री राजेश धर्माणी ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि लोक कला को प्रोत्साहित करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण प्रयास है। कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने उन्हें विश्वविद्यालय में पढ़ाई जा रही जर्मन और जापानी भाषाओं के बार में भी अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं से रोजगार की बहुत संभावनाएं हैं।
कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने अपने प्रतिवेदन में ऑन द जॉब ट्रेनिंग, प्लेसमेंट, औद्योगिक साझेदारी व भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने गुरु शिष्य कौशल सम्मान योजना के बारे में भी बताया। अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ पाठ्यक्रम और विभिन्न कोर्स के बारे में जानकारी दी।
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