डीएवी स्कूल सेक्टर-14 में बाल विवाह जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन

फरीदाबाद। बाल विवाह के दुष्प्रभावों और इसे रोकने के लिए कानून की जानकारी देने के उद्देश्य से डीएवी स्कूल, सेक्टर-14, फरीदाबाद में एक बाल विवाह जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर की अध्यक्षता जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएलएसए) की सचिव एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रीतू ने की। कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों, और अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रीतू ने बाल विवाह की कुप्रथा को समाप्त करने के लिए समाज की सामूहिक जिम्मेदारी पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बचपन में विवाह करने के बजाय बच्चों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। शिक्षा ही वह साधन है जिससे बच्चे बड़े होकर अपने जीवन स्तर को बेहतर बना सकते हैं।

शिविर के दौरान सभी उपस्थित छात्रों, शिक्षकों और स्टाफ सदस्यों ने बाल विवाह न करने और इसे न प्रोत्साहित करने की शपथ ली। इस अवसर पर बताया गया कि जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण गांवों में बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। लोगों को इसके दुष्प्रभावों और कानूनों की जानकारी देने के लिए जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने महिलाओं और समुदाय के अन्य लोगों से अपील की कि यदि उनके आसपास कहीं बाल विवाह हो रहा हो, तो इसकी सूचना तुरंत दें। उन्होंने आश्वासन दिया कि ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और पीड़ित को हरसंभव मदद दी जाएगी।

“शक्ति” अभियान के तहत, डीएलएसए ने विभिन्न विभागों जैसे जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विभाग, शिक्षा विभाग, बाल विवाह निषेध अधिकारी, और पुलिस विभाग के साथ मिलकर प्रयास शुरू किए हैं। इन विभागों की टीमें फरीदाबाद जिले के विभिन्न स्थानों पर जागरूकता शिविर आयोजित कर रही हैं।

कार्यक्रम का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि फरीदाबाद को बाल विवाह मुक्त जिला बनाया जाएगा और बच्चों को शिक्षित, सशक्त और गरिमापूर्ण जीवन जीने का अवसर दिया जाएगा।

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