धक्का-मुक्की अडाणी-अंबेडकर से ध्यान भटकाने की साजिश: राहुल

लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संसद में धक्का-मुक्की की घटना पर बात की।

खड़गे ने कहा कि हम शांति से प्रोटेस्ट करने आए थे, लेकिन उन्हें (भाजपा) क्या सूझा मालूम नहीं। उन्होंने मसल पावर दिखाया और हमारे ऊपर हमला किया। मुझे भी धक्का दिया, मैं बैलेंस नहीं संभाल सका और नीचे बैठ गया।

वहीं, राहुल ने कहा कि ये भाजपा की स्ट्रैटजी रही है कि संसद में अडाणी पर कोई चर्चा न हो। उसी के लिए अलग-अलग तरह से ध्यान भटकाने की कोशिश करते हैं।

राहुल ने कहा कि भाजपा अंबेडकर और संविधान के खिलाफ है। हमने गृहमंत्री का इस्तीफा मांगा, तो इन्होंने नया डिस्ट्रैक्शन शुरू किया।

दरअसल, भाजपा सांसद प्रताप सारंगी ने सुबह आरोप लगाया था कि राहुल ने उनके साथ धक्का-मुक्की की, जिससे उनके सिर में चोट आई। पार्टी के एक अन्य सांसद मुकेश राजपूत ने भी राहुल पर यही आरोप लगाए थे।

हालांकि, जब राहुल से इस पर सवाल हुआ तो उन्होंने उल्टा भाजपा सांसदों पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा- भाजपा सांसदों ने उन्हें संसद में जाने से रोका, धमकाया और धक्का-मुक्की की।

संसद में गुरुवार सुबह I.N.D.I.A. ब्लॉक अंबेडकर पर शाह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा था। इसी दौरान भाजपा और विपक्षी सांसद आमने-सामने आ गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस घटना के बाद ही धक्का-मुक्की शुरू हुई।

1. गृहमंत्री कुछ बोलने से पहले फैक्ट चेक किया करें

खड़गे ने कहा कि, “कल हमने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उसमें हम बहुत सी चीजें आपको बताई थीं। और एक मुद्दा हमारे सामने आया है, जो आज की सरकार खासकर प्रधानमंत्रीजी और हमारे होम मिनिस्टर बयान जो दे रहे हैं अंबेडकर पर, वो दुखदायक है। आप बगैर फैक्ट देखे बिना प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बोल रहे हैं। जांच तो कर लें कि फैक्ट्स क्या हैं। उसके बाद आप नेहरूजी को गालियां दें, अंबेडकर को अपमानित करें। ये सब जो कर रहे हैं, वो जानबूझकर कर रहे हैं, आपके पास कोई सबूत नहीं है इन बातों का।

2. संविधान पर चर्चा पर अमित शाह ने भगवान की अलग व्याख्या कर दी

खड़गे ने कहा “हम रोज पहले से ही सदन में रखे जाने वाले मुद्दों पर चिंतन करते हैं, हमने सदन को डिस्टर्ब करने की कोशिश नहीं की। 14 दिन सदन चलाने के लिए हमारा संकल्प था और हमने रोज प्रोटेस्ट किया। रोज मुद्दा था कि अडाणी जो देश को लूट रहे हैं, जो लूटने दे रहे हैं, उनके ऊपर हमारा हमला था। लेकिन बीच में जब संविधान की चर्चा आई, उस वक्त शाहजी को कहां से समझ में आया, किसने ज्ञान दिया, मुझे नहीं मालूम। उन्होंने भगवान की व्याख्या भी अलग कर दी। अंबेडकर पूजनीय हैं, उनके बारे में कोई बोलता है तो शाह ने अंबेडकर का मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा कि कितना अंबेडकर, अंबेडकर बोलते हो, अगर इतना भगवान का नाम लेते तो 7 जन्म तक स्वर्ग में रहते। यह मानसिकता जिस लीडर की हो, वो निंदनीय है।”

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