मुख्यमंत्री राहत कोष से इलाज के लिए आर्थिक सहायता लेने की प्रक्रिया हुई सरल, जरूरतमंदों को आवेदन के 15 दिन में मिलेगी आर्थिक सहायता

- आर्थिक सहायता के रूप में इलाज खर्च का 25 प्रतिशत अधिकतम एक लाख रुपये तक मिलेगा लाभ, आवेदक साल में केवल एक बार ही ले सकेंगे आर्थिक सहायता  

फरीदाबाद। डीसी विक्रम सिंह ने बताया कि हरियाणा सरकार ने लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने की कड़ी में एक और कदम बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत चिकित्सा आधार पर वित्तीय सहायता प्राप्त करने वालों को सरल पोर्टल पर सुविधा प्रदान की है। इससे यह प्रक्रिया और अधिक सरल एवं आसान हो गयी है।

डीसी ने बताया कि अब आर्थिक सहायता के लिए प्रार्थी आवेदक सरल पोर्टल के माध्यम से सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री राहत कोष से मिलने वाली आर्थिक सहायता की राशि सीधे आवेदक या लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।

डीसी ने बताया कि आवेदक अपनी पीपीपी यानी परिवार पहचान पत्र आईडी के माध्यम से सरल पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए आवेदकों को अपने चिकित्सा बिल, ओपीडी बिल आदि जैसे अन्य संबंधित दस्तावेजों को अपलोड कर मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) से चिकित्सा आधार पर वित्तीय सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं।

योजना में किए गए बदलावों के तहत यदि कोई बीमारी आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना में कवर नहीं हो रही है, तो आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को भी इस योजना के तहत लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री राहत कोष के अंतर्गत आर्थिक सहायता के लिए जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें संबंधित एमपी, संबंधित एमएलए, उपायुक्त, सिविल सर्जन, नगर परिषद व नगर पालिकाओं के अध्यक्ष, जिला परिषद के चेयरमैन, पंचायत समिति के चेयरमैन को सदस्य और नगराधीश को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

डीसी ने आवेदन मंजूरी की पूरी प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि जैसे ही आवेदक आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए पोर्टल पर अपना आवेदन डालेगा वैसे ही आवेदन को संबंधित क्षेत्र के सांसद, विधायक, अध्यक्ष जिला परिषद, अध्यक्ष ब्लॉक समिति, मेयर/एमसी के अध्यक्ष के पास भेजा जाएगा और ये जनप्रतिनिधि पांच दिन के भीतर अपनी सिफारिशों के साथ डीसी कार्यालय को भेजेंगे। उसके उपरांत आवेदन को डीसी कार्यालय द्वारा संबंधित तहसीलदार को आवेदक की चल-अचल संपत्ति की वेरिफिकेशन तथा सिविल सर्जन को मेडिकल दस्तावेजों के सत्यापन के लिए भेजा जाएगा। इस पूरी प्रकिया में संपत्ति की वेरिफिकेशन के लिए चार दिन व सिविल सर्जन कार्यालय से जुड़े सत्यापन कार्य के लिए पांच दिन की समयसीमा निर्धारित की गई है।

डीसी ने बताया कि उपरोक्त दोनों विभागों से मिली रिपोर्ट्स को उपायुक्त की संस्तुति के साथ कमेटी के सदस्य सचिव को भेजा जाएगा, जिसे वे सीनियर अकाउंट अधिकारी को भेजेंगे। इसके बाद स्वीकृत  की गई राशि सीधे लाभार्थी के खाते में भेज दी जाएगी।

डीसी ने कहा कि पूर्व प्रक्रिया की विषमताओं को देखते हुए इस प्रक्रिया को आम जनता के लिए सरल बनाने के साथ ही समयबद्ध भी किया गया है। मुख्यमंत्री राहत कोष से मिलने वाली आर्थिक सहायता की राशि सीधे आवेदक या लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि कोई आवेदक दूसरे राज्य में इलाज करवा रहा है और वह चाहता है कि उपचार की राशि सीधे अस्पताल को मिले तो वह संबंधित अस्पताल की बैंकिंग डिटेल्स भी साझा कर सकता है।

– आर्थिक सहायता के रूप में इलाज खर्च का 25 प्रतिशत, अधिकतम एक लाख रुपए तक मिलेगा लाभ

डीसी ने बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता के रूप में इलाज खर्च का 25 प्रतिशत पैसा ही मिलेगा जिसकी अधिकतम सीमा एक लाख रुपए निर्धारित  की गई है। वहीं आवेदक वित्त वर्ष में केवल एक बार ही इस सुविधा का लाभ ले सकता है।

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