कारदेखो की सीएसआर शाखा गिरनार फाउंडेशन की ‘बॉक्स ऑफ जॉय’ पहल ने जयपुर और गुरुग्राम में सुविधा से वंचित 500 लोगों की दीवाली को किया रौशन
फाउंडेशन ने 500 से ज्यादा फेस्टिव हैम्पर्स बांटें, जिनमें मिठाईयां, पटाखे, कैंडल्स, दिये, एलईडी लाइट्स और कपड़े थे
यह अभियान समुदाय की सेवा करने और सभी के लिए एक जैसा समाज बनाने की गिरनार फाउंडेशन की जारी पहल का एक हिस्सा है
18 अक्टूबर 2024 : कारदेखो ग्रुप की सीएसआर शाखा गिरनार फाउंडेशन ने रौशनी के त्योहार का जश्न मनाने के लिये जयपुर और गुरुग्राम में दीवाली : बॉक्स ऑफ जॉय डिस्ट्रीब्यूशन ड्राइव का आयोजन किया। फाउंडेशन ने 500 दीवाली हैम्पर्स बांटे, जिसमें दोनों शहरों के लिये 250-250 हैम्पर्स रखे गये थे। इन हैम्पर्स में मिठाईयां, पटाखे, कैंडल्स, दिये, एलईडी लाइट्स और कपड़े थे, जिन्हें सुविधा से वंचित लोगों की दीवाली को खास बनाने के लिये …
[21:18, 10/21/2024] Harjinder (GLOBAL HARYABA): मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद ने गर्व के साथ क्षेत्र की सबसे एडवांस्ड वर्टिगो लैब की शुरुआत की
मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद ने शहर में अपनी तरह की पहली वर्टिगो लैब का शुभारंभ किया। यह संतुलन और वेस्टिबुलर विकारों वाले मरीजों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो सबसे एडवांस्ड उपचार समाधान प्रदान करता है। यह एडवांस्ड सुविधा चक्कर, चक्कर आना और अन्य संतुलन संबंधी स्थितियों से पीड़ित लोगों के लिए पूरी तरीके से डायग्नोसिस और इलाज विकल्प प्रदान करने के लिए तैयार की गई है। हॉस्पिटल में न्यूरोलॉजी विभाग का नेतृत्व न्यूरोलॉजी के क्लिनिकल डायरेक्टर एवं एचओडी डॉ. कुणाल बहरानी करते हैं। डॉ. कुणाल बहरानी और उनकी टीम के विशेषज्ञ नेतृत्व में, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद का न्यूरोसाइंसेस संस्थान चक्कर आने के लिए विशेष और सम्पूर्ण उपचार प्रदान करता है।
भारत में वर्टिगो (चक्कर आना) एक आम समस्या है, जिससे 180 मिलियन से अधिक लोग प्रभावित हैं। वर्टिगो दिमाग में महसूस होने वाला सेंसशन है। इससे पीड़ित व्यक्ति स्थिर खड़े रहने पर भी चक्कर आने या सिर घूमने या संतुलन बिगड़ने का अनुभव कर सकता है। चक्कर आने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें आंतरिक कान की समस्याएं, सिर की चोट और कुछ दवाएं शामिल हैं। वर्टिगो (चक्कर आना) की समस्या कुछ सेकंड से लेकर कई मिनट तक रह सकता है, लेकिन कभी-कभी यह अधिक समय तक भी रह सकता है। कारण के आधार पर यह सेमी-परमानेंट (सिमित समय के लिए) या परमानेंट (स्थायी) स्थिति हो सकती है। यदि किसी को वर्टिगो की समस्या है तो उसे ऐसा महसूस हो सकता है कि स्थिर खड़े रहने पर भी कमरा घूम रहा है या चक्कर आ रहा है। यह अनुभूति सिर को हिलाने या शरीर की कंडीशन में बदलाव के कारण होती है जैसे कि सीट से उठना और बिस्तर पर करवट बदलना।
मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद में वर्टिगो लैब अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक उपकरणों से सुसज्जित है, जिसमें वीडियो-निस्टाग्मोग्राफी (वीएनजी) जो संतुलन विकारों, रोटेशनल चेयर टेस्टिंग, और वेस्टिबुलर इवोक्ड मायोजेनिक पोटेंशियल (वीईएमपी) आदि के निदान के लिए आंखों की गतिविधियों पर नजर रखती है। ये अत्याधुनिक तकनीकें आंतरिक कान, ब्रेन और संतुलन प्रणाली का सटीक आकलन करने में सक्षम बनाती हैं, जिससे रोगियों को सटीक डायग्नोसिस और मरीज की स्थिति के अनुसार इलाज योजना अनुसार मिल सके। लैब में स्टैबिलोमीटर द्वारा संतुलन पर सेंसरी इंटरेक्शन के क्लीनिकल टेस्ट के लिए मॉडिफाइड mCTSIB, सिर की तीव्र गति और विजुअल स्टेबिलिटी का आकलन करने के लिए वीएचआईटी (वीडियो हेड इंपल्स टेस्ट), वीईएमपी (वेस्टिबुलर इवोक्ड मायोजेनिक पोटेंशियल) जो आंतरिक कान और संतुलन रिफ्लेक्स का टेस्ट करता है, डायनेमिक विजुअल एक्यूटी टेस्टिंग (एसवीवी) जो गति के दौरान दृष्टि की स्पष्टता का मूल्यांकन करता है, भी शामिल हैं। डॉक्टरों की टीम गिरने से होने वाली चोटों को रोकने के लिए गिरने के जोखिम का पूरी तरीके से मूल्यांकन भी करती है। इसके अतिरिक्त, लैब में बेहिट और पोस्टुरा नामक दो प्रकार के उपकरण भी शामिल हैं, जिनका प्रयोग लैब इलाज कार्यक्रम में करती है, जो इस क्षेत्र में किसी के पास नहीं हैं। लैब का वीओजी उपकरण सबसे अधिक एडवांस्ड है।
डॉ. कुणाल बहरानी, क्लीनिकल डायरेक्टर एवं एचओडी- न्यूरोलॉजी ने कहा, “सभी डायग्नोस्टिक और चिकित्सीय तौर-तरीकों के साथ इस अत्याधुनिक वर्टिगो लैब के शुभारंभ के साथ, हम वर्टिगो और चक्कर आने के लिए नए उपचार विकल्प लाने के लिए तैयार हैं जो किसी व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को काफी हद तक ख़राब कर सकते हैं। वर्टिगो लैब मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल द्वारा विशेष स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करने और रोगियों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के बड़े लक्ष्य का हिस्सा है। दुनिया भर में लाखों लोग वर्टिगो और चक्कर आने की समस्या से पीड़ित हैं। यह सुविधा समय पर और सटीक डायग्नोसिस और सही इलाज के द्वारा रोगी के परिणामों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। हम सबसे एडवांस्ड उपलब्ध उपकरणों के साथ विशेषज्ञ देखभाल प्रदान करने के लिए समर्पित हैं और हमारे विशेषज्ञों की टीम प्रत्येक मरीज के साथ मिलकर काम करेगी ताकि उनके लक्षणों के मुख्य कारण की पहचान की जा सके और मरीज की स्थिति के अनुसार इलाज संबंधित मेथड विकसित किया जा सके।”
वर्टिगो लैब द्वारा पेश की जाने वाली प्रमुख विशेषताएं चक्कर आने और संतुलन विकारों के सटीक मूल्यांकन के लिए सबसे एडवांस्ड उपकरणों के साथ अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक तकनीक होंगी। न्यूरोलॉजिस्ट, ईएनटी विशेषज्ञ और वेस्टिबुलर थेरेपिस्ट की मल्टीडिसिप्लिनरी टीम बड़े पैमाने पर देखभाल प्रदान करेगी।
सत्यम धीरज, फैसिलिटी डायरेक्टर, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद कहते हैं, “हम अपनी सुविधा में अत्याधुनिक वर्टिगो लैब शुरू करने के लिए उत्साहित हैं, जो एडवांस्ड और विशिष्ट स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता में एक नया अध्याय जोड़ता है। एनसीआर में ऐसे बहुत कम केंद्र हैं जहां ऐसी सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं, और फरीदाबाद में यह पहला केंद्र है। इस केंद्र की विशेषता यह है कि इसे न्यूरोलॉजिस्ट और उनकी प्रतिस्पर्धी टीम द्वारा चलाया जाएगा जिसमें एक न्यूरोलॉजिस्ट, ईएनटी विशेषज्ञ और साइकोलोजिस्ट शामिल होंगे। हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक मरीज को उसकी खास आवश्यकताओं के अनुरूप सर्वोत्तम संभव देखभाल प्राप्त हो। हमारा मानना है कि यह सुविधा वर्टिगो (चक्कर आना) और संतुलन विकारों के डायग्नोसिस और उपचार में एक नई मिसाल कायम करेगी।”
हर साल लगभग 20% वयस्क वर्टिगो से पीड़ित होते हैं। यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में और 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में अधिक आम है। पूरे भारत में वर्टिगो से 9.9 मिलियन से अधिक लोग पीड़ित हैं। मोटे तौर पर, जबकि वर्टिगो की घटना किसी भी उम्र में हो सकती है, यह विशेष रूप से कुछ आबादी को प्रभावित कर सकती है – उदाहरण के लिए, यह आमतौर पर बुजुर्गों में देखी जाती है।