संसार की व्यवस्था में मां का नाम सबसे पहले और सर्वोपरि: स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य

- मां को सम्मान देने वाले करते हैं मातृभूमि की रक्षा : एम एस बिट्टा

फरीदाबाद। सूरजकुंड रोड स्थित श्री लक्ष्मीनारायण दिव्य धाम श्री सिद्धदाता आश्रम में अधिष्ठाता अनंत श्री विभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर श्रीमद जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज की माता अशर्फी देवी की पांचवी पुण्यतिथि पर हजारों भक्तों ने पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर अखिल भारतीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एम एस बिट्टा भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि ये याद रखना कि हम सब पर माँ की कृपा का कर्ज है। वह चाहे हमारी जन्म देने वाली माँ हो या आश्रय देने वाली भारत माँ हो। इस अवसर पर बिट्टा ने कहा कि वह भारत माँ की सेवा में आजन्म लगे हुए हैं तो यह भगवान की कृपा है जो वह गुरु रूप में हमारा मार्गदर्शन करते हैं, सम्बल प्रदान करते हैं और हमें पल पल सँभालते रहते हैं। मानव रचना विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ प्रशांत भल्ला ने बताया कि वह यहाँ अक्सर आते हैं और यथा संभव सेवा कर रहे हैं। मुझसे पहले पिताजी डॉ ओपी भल्ला जी अपना समय यहाँ दिया करते थे और वर्तमान में मैं अपनी माँ सत्या भल्ला के निर्देशन में समाज में अपना योगदान दे रहा हूँ। माँ इस संसार में भगवान का रूप हैं।

इस अवसर पर बिट्टा ने कहा कि वह भारत माँ की सेवा में आजन्म लगे हुए हैं तो यह भगवान की कृपा है जो वह गुरु रूप में हमारा मार्गदर्शन करते हैं, सम्बल प्रदान करते हैं और हमें पल पल सँभालते रहते हैं। उन्होंने कहा कि सिद्धदाता आश्रम में आने पर असीम ऊर्जा प्राप्त होती है। गुरूजी स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज के सानिध्य में बैठने में मन लगता है और वह यहाँ बार बार आना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि भगवान को साक्षी मानकर आप लोग धर्म और देश को सर्वोपरि रखो, गुरु महाराज एवं गुरु माता हम सब पर अपनी कृपा अवश्य रखेंगे। इस अवसर पर पहुंचे मानव रचना विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ प्रशांत भल्ला ने बताया कि वह यहाँ अक्सर आते हैं और यथा संभव सेवा कर रहे हैं। मुझसे पहले पिताजी डॉ ओपी भल्ला जी अपना समय यहाँ दिया करते थे और वर्तमान में मैं अपनी माँ सत्या भल्ला के निर्देशन में समाज में अपना योगदान दे रहा हूँ| माँ इस संसार में भगवान का रूप हैं।

इस अवसर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने कहा कि हमारी माता करुणामयी सब पर दया करने वाली हैं। हमारे गुरु महाराज ने जो आध्यात्मिक यात्रा पूरी की, उसमें सबसे बड़ा योगदान माँ ने दिया। हमारे मंदिर पर जब शिखर बनने की बारी आयी तो माता जी ने सबसे पहले अपने आभूषण दान किये| माँ के चरणों में स्वर्ग होता है। माँ कभी कुमाता नहीं हो सकती है। हम सब जिनकी पुण्यतिथि मना रहे हैं उनका इस सिद्धदाता आश्रम के प्रादुर्भाव में भी बड़ा योगदान रहा है।

इस अवसर पर यथार्थ हॉस्पिटल एवं आश्रम के सेवाभावी चिकित्सकों के सहयोग से एक निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया| जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोगों ने अपने ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, ईसीजी, बीएमडी, पल्स, टीएसएच, एचबी 1 सी, एक्सरे, खून की जांच सहित सभी रोगों का निःशुल्क परामर्श प्राप्त किया। शिविर में हड्डी एवं जोड़ रोग, हृदय रोग, सांस रोग, प्रसूति एवं स्त्री रोग सहित नेत्र रोग के वरिष्ठ विशेषज्ञ मौजूद रहे। पुष्पांजलि सभा में गायक गोपाल शर्मा ने सुमधुर भजनों एवं स्वामी सुदर्शनाचार्य वेद वेदांग संस्कृत महाविद्यालय के छात्रों ने वेद की ऋचाओं की प्रस्तुति दी।

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