पशु कल्याण सेवाओं के सुधार की दिशा में बढ़ाया एक महत्वपूर्ण कदम : उपायुक्त विक्रम सिंह
- उपायुक्त विक्रम सिंह ने फैजूपुर खादर गांव में पशु अस्पताल, एबीसी यूनिट एवं मोबाइल हेल्थ वैन का उद्घाटन किया - हरियाणा में पशु कल्याण पहल को बढ़ावा देने के लिए टाको द्वारा सराहनीय पहल
फरीदाबाद, 26 जुलाई। उपायुक्त विक्रम सिंह ने कहा कि पशुओं के इलाज के लिए अब पशुपालकों को भटकना नहीं पड़ेगा, बल्कि उनके दरवाजे पर ही पशुओं का इलाज भी मिलेगा। उपायुक्त विक्रम सिंह ने आज फैजूपुर खादर गांव में अनिल अग्रवाल फाउंडेशन और द एनिमल केयर ऑर्गेनाइजेशन (टाको) के शेल्टर में बने पशु चिकित्सा अस्पताल और एबीसी यूनिट (पशु जन्म नियंत्रण इकाई) का विधिवत तरीके से रिबन काटकर उद्घाटन किया। उनके साथ हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड, और नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, वेदांता लिमिटेड प्रिया अग्रवाल हेब्बर उपस्थित रही।
इस दौरान एक मोबाइल हेल्थ वैन (एमएचवी) भी लॉन्च की गई, जिसका उद्देश्य पशु कल्याण सुविधाओं की पहुँच को शेल्टर से आगे लेकर जाने का है। कार्यक्रम के दौरान एक बछिया का नामकरण कर ‘गंगा’ नाम रखा गया।
उपायुक्त विक्रम सिंह ने कहा कि पशु कल्याण सेवाओं के सुधार की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इस तरह के प्रयासों से हमें अपने समुदाय को अधिक मानवीय और सभी जीवित प्राणियों की देखभाल करने में सक्षम बना सकते हैं।” पशु चिकित्सा अस्पताल में एक इन-हाउस लेबोरेटरी भी है, जो रक्त और रसायन विज्ञान परीक्षणों के लिए उन्नत मशीनों से सुसज्जित है। इससे पशु चिकित्सकों को जानवरों का अधिक प्रभावी ढंग से निदान और इलाज करने में मदद मिलती है। एबीसी यूनिट का लक्ष्य आवारा पशुओं की आबादी को प्रबंधित करना है, जिसमें स्टरलाइजेशन सम्बंधित चिकित्सीय सुविधाएँ शामिल हैं। इसमें सात क्षेत्र हैं, जिनमें स्वास्थ्य लाभ के लिए बिल्लियों और कुत्तों के लिए वातानुकूलित वार्ड और उनकी पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए एक रसोई घर शामिल है।
उपायुक्त ने बताया कि इस नई सुविधा में सर्जरी या परीक्षण की आवश्यकता वाले जानवरों को साइट पर त्वरित देखभाल मिल सकेगी। ऐसे में उन्हें कहीं और ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी। 2 एकड़ में फैले, पशु चिकित्सा अस्पताल, एबीसी यूनिट और एमवीएच प्रत्येक में एक ऑपरेटिंग थिएटर (ओटी) है। जटिल और गंभीर मामलों सहित विभिन्न चिकित्सीय स्थितियों के निदान और उपचार के लिए अनुभवी पशुचिकित्सक और सर्जन भी यहाँ उपलब्ध रहेंगे।
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड, और नॉन- एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर वेदांता लिमिटेड की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने कहा कि “टाको की शुरुआत इसी स्थान पर दो साल पहले हुई थी। अपने इंफ्रास्ट्रक्चर और कुशल सेवाओं के माध्यम से हमने अपना विस्तार किया है। हमारा नया अस्पताल स्थानीय समुदाय की मदद करेगा और मोबाइल हेल्थ वैन आपातकालीन मामलों को संभालने के लिए घर-घर का दौरा करेगी। यह सुविधा सभी जानवरों, बड़े या छोटे को आवश्यक चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करेगी। मोबाइल हेल्थ वैन (एमएचवी) शेल्टर के 20 किमी के दायरे में आवारा, पशु धन और पालतू पशुओं के लिए टीकाकरण और उपचार भी करेगी और बड़े जानवरों के इलाज के लिए हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म के साथ ही उपचार के लिए दो टेबल और उन्नत उपकरणों से सुसज्जित है। एक डॉक्टर, एक पैरा-पशु चिकित्सक और एक पशु चिकित्सा सहायक एमएचवी के साथ यात्रा करेंगे।
उन्होंने बताया कि बड़े और आक्रामक जानवरों को सुरक्षित रूप से संभालने के लिए तीन ट्रैविस इकाइयां हैं। गर्भ धारण करने के दौरान जानवरों को अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है, इसके समाधान के रूप में यहाँ एक विशेष हिस्सा बनाया गया है। वहीं, दृष्टिहीन जानवरों को चोटों आदि से सुरक्षित करने के लिए एक अन्य हिस्सा स्थापित किया गया है। टाको सुविधा अपने परिसर में चारे की खेती करती है और इसकी भंडारण क्षमता भी दोगुनी कर दी गई है। इसके अतिरिक्त, यह वर्मीकम्पोस्टिंग के माध्यम से एक स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन पद्धति का उपयोग करता है।