मोदी ने धारा 370 हटाकर दी डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि : राजकुमार वोहरा

डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपना जीवन देश की एकता व अखण्डता के लिए बलिदान कर दिया : राजकुमार वोहरा    -डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने जम्मू कश्मीर के सम्पूर्ण विलय के लिए अपने प्राणों की दी आहुति : राजकुमार वोहरा  -भाजपा फ़रीदाबाद के कार्यकर्ताओं ने मनाई जनसंघ के संस्थापक डॉक्टर श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जयंती

फ़रीदाबाद 06 जुलाई I डॉक्टर श्यामाप्रसाद मुखर्जी एक विद्वान, बुद्धिजीवी और महान देशभक्त थे। ‘’देशभक्त और राष्ट्रवादी” डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भारत की एकता एवं अखंडता के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया । हमारे प्रेरणा स्त्रोत व एक प्रखर राष्ट्रवादी विचारक श्रध्देय डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर हम उन्हें कोटि-कोटि नमन करते है । ज़िला अध्यक्ष राजकुमार वोहरा ने अटल कमल ज़िला कार्यालय पर उनकी जन्म जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा I भाजपा ज़िला कार्यालय पर ज़िला अध्यक्ष राजकुमार वोहरा के नेतृत्व में ज़िला पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ जनसंघ के संस्थापक श्रध्देय डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती मनाई और उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किए ।

केन्द्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, हरियाणा सरकार में उद्योग मंत्री मूलचंद शर्मा, शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा, राजेश नागर,  नरेंद्र गुप्ता, मुख्यमंत्री के पूर्व राजनैतिक सचिव अजय गौड़, वरिष्ठ उप महापौर देवेन्द्र चौधरी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सोहनपाल सिंह, महापौर सुमन बाला और भाजपा प्रदेश, जिला, मंडल व बूथ स्तर के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने अपने बूथों पर आयोजित कार्यकर्मों में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए ।

ज़िला कार्यालय पर कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए ज़िला अध्यक्ष राजकुमार वोहरा ने कहा कि डॉ.श्यामा प्रसाद मुख़र्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को कलकत्ता के एक अत्यन्त प्रतिष्ठित ब्राह्मण परिवार में हुआ। डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भी बंगाली विषय में एम.ए. प्रथम स्थान के साथ उत्तीर्ण किया और सन 1924 में क़ानून की भी पढ़ाई पूरी की। श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे थे । जम्मू-कश्मीर में लगाए गए अनुच्छेद 370 के खिलाफ मुखर रूप से आवाज़ उठाने वाले लोगों में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम सबसे पहले आता है। वे स्वतंत्र भारत की पहली कैबिनेट में मंत्री रहे थे जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के मसले पर अपना इस्तीफा दे दिया था ।

जम्मू-कश्मीर राज्य का अलग संविधान बनाने के विरुद्ध श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपनी आवाज उठाई थी , वो इस राज्य के लिए अलग संविधान बनाने के पक्ष में नहीं थे।

1953 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी बिना परमिट के जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर निकले, जहां उन्हें गिरफ्तार किया गया था. 23 जून, 1953 में जेल में ही उनकी मौत हो गई थी । डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान से ही आज कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा हैं और हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने धारा 370 व 35A हटाकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी हैं ।

आज के कार्यक्रम में जिला महामंत्री श्री सुरेन्द्र जांगड़ा और मनोज वशिष्ठ, जिला उपाध्यक्ष सुखबीर मलेरना, लक्ष्मण तंवर, जिला किसान मोर्चा अध्यक्ष राजू ठाकुर, अल्पसंख्यक मोर्चा जिला महामंत्री नरेंद्र जैन, फतेहपुर मंडल महामंत्री दिनेश कौशिक, जिला मीडिया सह प्रमुख राज मदान, कार्यालय सह सचिव सचिन गुप्ता, मनीष राघव, विशाल राठौर व अन्य भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे I

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