भगवान परशुराम के जन्मोत्सव का न्योता देने फरीदाबाद पहुंचा हूं- कार्तिकेय शर्मा, सांसद
फरीदाबाद। 5 मई को करनाल में होने वाले भगवान परशुराम जन्मोत्सव का न्यौता देने फरीदाबाद के गांव मवई पहुंचे राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि भगवान परशुराम एक समाज के नहीं 36 बिरादरी के भगवान हैं। इस मंच से 36 बिरादरी को न्यौता देना चाहता हूं और इस यज्ञ में सभी अपनी आहुति डालें।
उन्होंने कहा कि हम भगवान परशुराम के वंशज हैं, हमारा दायित्व बनता है कि उनकी सीख, उनकी शिक्षा, उनकी सोच, उनकी शैली का प्रचार प्रसार करें। उनकी पैरोकारी करें ताकि आने वाली पीढ़ी को उनकी शिक्षा मिल सके। उनकी शिक्षा का महत्व हर जगह पहुंच सके। हमें भगवान परशुराम को समझने की जरूरत है ताकि हम उनकी बात समझ के आगे उनके विचार बढ़ा सकें। भगवान हमेशा सही के साथ खड़े होते हैं।
उन्होंने कहा कि यह बात सही है, कि भगवान परशुराम का फरसा चलता है लेकिन चलता तब है, जब अति हो जाती है। हमें भगवान परशुराम की शिक्षा भी समझनी चाहिए। भगवान परशुराम शास्त्र और शस्त्र दोनों की बात करते हैं, उनका ज्ञान होना जरूरी है। सांसद कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि आपका ही हूं और आगे भी रहूंगा। मैं सांसद के नाते आपके बीच में नहीं आया हूं, आपका भाई हूं, आपका बेटा हूं, इस हैसियत से आया हूं। आगे भी ऐसा ही रहूंगा। ना मुझे फरीदाबाद से चुनाव लड़ना है ना मैं वोट मांगने आया हूं। मैं केवल आपका प्यार और आशीर्वाद मांगने आया हूं। मुझे पद की कोई दरकार नहीं है। ना विनोद शर्मा जी को कोई दरकार थी ना मुझे है।
उन्होंने इपीबीजी का पौधा लगाया है। यह पद तो आने जाने हैं अपनों का सरोकार और आशीर्वाद बना रहना चाहिए।
आर्थिक आधार पर जो आरक्षण मिला उसका सभी वर्गों को फायदा हुआ। लोकतंत्र में अपनी बात मुख्य रूप से रखनी चाहिए। मैं सार्वजनिक जीवन में पंक्ति में खड़े आखिरी व्यक्ति और 36 बिरादरी की मदद कर सकूं। पंडित विनोद शर्मा ने सिखाया है कि कोई किसी भी क्षेत्र से आए कभी क्षेत्रवाद नहीं किया। उन्होंने सभी समाज की चिंता की है। मैं भी उनके ही दिखाए रास्ते पर चल रहा हूं। लगभग ईपीबीजी के तहत बचे हुए 800 बच्चों में से 600 बच्चों की नियुक्ति हो चुकी है 200 बच्चे बच्चे हुए हैं। मैं आश्वासन देता हूं कि जब तक 200 बच्चों की नियुक्ति नहीं होगी, मैं चैन से नहीं बैठूंगा। प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं है। समाज के सामने सूची का बंडल दिखाते हुए उन्होंने कहा कि 14 से 15000 बच्चों को नौकरी मिली है। आगे भी इस प्रयास में लगे रहेंगे।
चाहे धौली के मालिकाना हक बात हो चाहे, इंटरव्यू सिस्टम खत्म करने की बात हो। हमने हमेशा अग्रसर होकर लड़ाई लड़ने का काम किया है। समाज को भी सोचने की जरूरत है कि कहां क्या कमी रह गई। यह सोच का विषय है और जो कमी रह गई उसे कैसा पूरा कर सकें। सांसद कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि मैं मन से एक बात कहना चाहता हूं ना तो हमें किसी और का हक चाहिए ना हमें कम चाहिए। जितना है उतना चाहिए, उतना ही लेंगे। उससे ज्यादा नहीं लेंगे। ब्राह्मण समाज का दायित्व है कि 36 बिरादरी को बांधकर साथ चलना है। सांसद कार्तिकेय शर्मा ने करनाल में होने वाले 5 मई को भगवान परशुराम जन्मोत्सव को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि भगवान ने जो ताकत दी है, उससे ज्यादा लड़ने का प्रयास करता रहूंगा। ब्राह्मण समाज की सबसे ज्यादा भागीदारी फरीदाबाद और पलवल में है और यह भागीदारी करनाल में दिखनी चाहिए।