काउंसिल ऑफ भारतीय स्कूल एजुकेशन
श्री अरोड़ा ने आगे कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद के द्वारा परिवार पहचान पत्र मामले में भी माननीय न्यायालय को आश्वस्त किया गया था कि परिवार पहचान पत्र के कारण अथवा किसी अन्य दस्तावेज के कारण किसी भी छात्र को शिक्षा से वंचित नहीं किया जाएगा और साथ ही साथ मैं स्वयं ऐसे छात्रों का दाखिला उन विद्यालयों में करवाऊंगी, जिन विद्यालयों में वह करवाना चाहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने उन सभी 140 छात्रों के दाखिले विद्यालयों में करवाए जिनके पास परिवार पहचान पत्र न था साथ ही साथ निदेशालय के द्वारा भी एक पत्र जारी करवाया कि पूरे हरियाणा में किसी भी छात्र को दस्तावेज न होने के कारण शिक्षा से वंचित न रखा जाए उनका दाखिला विड्रोल रजिस्टर के द्वारा तत्काल प्रभाव से किया जाए।
श्री अरोड़ा ने आगे कहा कि एक मामला काउंसिल ऑफ भारतीय स्कूल एजुकेशन ने माननीय न्यायालय में छात्रों के हित के लिए दायर किया था जिसमें 100 मीटर दायरे में तंबाकू उत्पाद न बेचे जाने के बारे में भी कहा गया था जिस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी आशा दहिया ने जिला उपायुक्त विक्रम सिंह को चालान बुक दिए जाने का अनुरोध किया व कहा कि इन तंबाकू उत्पाद बेचने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जाए न केवल कटप्पा एक्ट 2003 में चालान किया जाए अपितु 18 वर्ष से कम के छात्रों को तंबाकू बेचने वालों पर जुनाइल जस्टिस एक्ट के धारा 77 के तहत भी मुकदमा दर्ज किया जाए।
उन्होंने कहा कि एक अन्य मामले काउंसिल ऑफ भारतीय स्कूल एजुकेशन वर्सेस राज्य सरकार हरियाणा में जिला शिक्षा अधिकारी ने नगर निगम अधिकारियों से प्रार्थना की कि विद्यालयों के आसपास के क्षेत्र में गंदगी ना रखी जाए आवारा पशुओं को हटाया जाए ताकि छात्रों को आवारा पशुओं से कोई खतरा न हो साथ ही साथ सीवर के खुले मैनहोल स्कूलों के आसपास नहीं अपितु पूरे जिले में बंद करवाने का कष्ट करें ऐसा निवेदन भी जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यकाल में पहली बार हुआ है।
श्री अरोड़ा ने बताया कि आशा दहिया के द्वारा पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य को भी चि_ी लिखकर के निवेदन किया गया था कि स्कूलों के आसपास छात्रों की सुरक्षा हेतु सुबह स्कूल लगने के समय व दोपहर को स्कूल की अवकाश के समय कम से कम एक पुलिसकर्मी तैनात किया जाए ताकि छात्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके और ऐसे विद्यालय जो कि नियमों को ताक में रखकर छात्रों को जान माल को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे विद्यालयों को भी आदेशित किया कि वह सभी जरूरी दस्तावेज पूरे कर ले अन्यथा कार्यवाही अमल में लाई जाएगी यदि कोई जिला शिक्षा अधिकारी किसी विद्यालय को अथवा किसी छात्र को बेवजह परेशान करता है तो हमारे द्वारा उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाती है परंतु जब यह जिला शिक्षा अधिकारी छात्रों एवं विद्यालयों के हित में कार्य कर रहे हैं तो उनके पक्ष में कहना और इनका हर मामले में सहयोग देना भी हमारा प्रथम कर्तव्य बनता है आगे भी जो भी अधिकारी हमारे छात्रों को और हमारे विद्यालयों को सहयोग करेंगे हम उनके साथ हैं और यदि कोई भी शिक्षा अधिकारी चाहे वह आशा दहिया ही क्यों ना हो किसी विद्यालय के खिलाफ अथवा किसी छात्र को बेवजह परेशान करेंगे तो उनके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया को अपनाएंगे। इस अवसर पर एडवोकेट मनसा पासवान ने कहा कि हमारे जिले को आशा दहिया जैसे ईमानदार एवं सहयोग प्रदान करने वाले जिला शिक्षा अधिकारी की ही आवश्यकता है कल आशा दहिया की रिटायरमेंट है हम माननीय निदेशालय से निवेदन करते हैं कि या तो आशा दहिया के कार्यकाल को बढ़ा दें अथवा हमें आशा दहिया जैसे ही दूसरे जिला शिक्षा अधिकारी चाहिए।
इस अवसर पर एडवोकेट लक्ष्मी रानी राजपूत, सोनिया, शिक्षाविद् विनय लाल व डॉ दीपमाला भारद्वाज समाजसेविका मुख्य रूप से उपस्थित रहे।