ओल्ड फरीदाबाद के दो विद्यालयों में नशे के विरुद्ध जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
एनसीबी हरियाणा का अथक प्रयास- नशा मुक्त हरियाणा जित दूध दही का खाना
फरीदाबाद। हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री ओ.पी. सिंह साहब के दिशानिर्देशों, पुलिस उप महानिरीक्षक श्री सिमरदीप सिंह के मार्गदर्शन एवं पुलिस अधीक्षक सुश्री नीतिका गहलोत भापुसे एवं पुलिस अधीक्षक सुश्री पंखुरी कुमार के आदेशानुसार फरीदाबाद जिले के शिक्षण संस्थानों में नशे के विरुद्ध विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ब्यूरो के जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी उप निरीक्षक डॉ. अशोक कुमार वर्मा निरंतर इस कार्य में जुटे हुए हैं।
आज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ओल्ड फरीदाबाद और राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ओल्ड फरीदाबाद में नशे के विरुद्ध अलग अलग जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। ब्यूरो के जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी/उप निरीक्षक डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने दोनों स्थानों पर अलग अलग सम्बोधित करते हुए कहा कि विधि अनुसार भारत में कोई भी व्यक्ति अफीम, भांग, गांजा, चरस, हेरोइन, स्मैक, चिट्टा, एलएसडी, नशीली गोलियां, नशीले टीके आदि न अपने पास रखेगा।
न सेवन करेगा। न खरीदेगा और न बेचेगा। उन्होंने वार्तालाप के माधयम से एकत्रित विद्यार्थियों को बताया कि हरियाणा में नारकोटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरो का गठन हो चूका है। इस ब्यूरो का एकमात्र उद्देश्य हरियाणा प्रान्त को नशा मुक्त करना है। इसके लिए ब्यूरो और हरियाणा पुलिस नशे की तस्करी में संलिप्त अपराधियों को प्रतिदिन सलाखों के पीछे भेजने का कार्य कर रही है। इतना ही नहीं नशे में ग्रस्त हो चुके लोगों का निशुल्क उपचार कराया जाता है।
प्रत्येक ज़िले के सरकारी अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र चल रहे हैं। डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने विस्तारपूर्वक नशे के प्रवेश और निगमन बारे लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति यह नहीं चाहता कि उसकी संतान किसी भी प्रकार का नशा करे लेकिन नशे के तस्कर युवाओं को नशे का आदि बना रहे हैं। प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह ऐसे दुष्ट लोगों की गुप्त सूचनाएं 9050891508 पर देकर पुलिस का सहयोग करे। उन्होंने कहा गुप्त सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम पूर्ण रूप से गुप्त रहेगा। कविताओं और गायन के माध्यम से भी उन्होंने नारी शक्ति को नशे के दुर्गुण गिनवाए। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने विद्यार्थियों से जीवन में नशा न करने की सौगंध दिलाई। उन्होंने दोनों स्थानों पर गायन के माध्यम से भी विद्यार्थियों को जागरूक किया।