रंजीता मेहता की कड़ी मेहनत और तपस्या से बाल कल्याण परिषद ने नए कीर्तिमान स्थापित किए-एसोसिएशन

चंडीगढ़। हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद अधिकारी एवं कर्मचारी एसोसिएशन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर परिषद में पिछले दो वर्षों में हुए विकास कार्यों से अवगत करवाया है। एसोसिएशन की प्रधान रितु राठी, पैटर्न भगत सिंह, सोमदत्त खुंदिया, उपप्रधान शिवानी जिंदल, सचिव विनोद कुमार, संयुक्त सचिव ओम प्रकाश, सलाहकार पूनम नागपाल, सहायक सलाहकार सुमन शर्मा ने बताया कि गत दो वर्ष पूर्व मनोहर लाल पूर्व मुख्यमंत्री हरियाणा ने रंजीता मेहता को बतौर मानद महासचिव हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद में नियुक्त किया था। रंजीता मेहता ने इन दो वर्षों में परिषद एवं कर्मचारियों के कल्याण के लिए जो कार्य किया, शायद कोई मानद महासचिव आज तक कर पाया हो। रंजीता मेहता के कार्याकाल से पूर्व कर्मचारियों एवं अधिकारियों को समय पर वेतन नहीं मिलता था। परिषद आर्थिक संकट से जूझ रही थी। जब रंजीता मेहता ने परिषद की बागडोर संभाली थी, तो पूरे परिषद के स्टाफ की आठ महीने का वेतन लंबित पड़ा था। रंजीता मेहता ने विभिन्न निजी कंपनियों से सीएसआर के माध्यम से परिषद को वित्तीय लाभ पहुंचाया। जिससे परिषद को ग्रांट के अतिरिक्त निजी कंपनियों से आने वाली धनराशि से मजबूती के साथ खड़ा होने का मौका मिला। इन दो वर्षों में परिषद के किसी भी कर्मचारी को वेतन के लिए 10 तारीख का इंतजार नहीं करना पड़ा। परिषद को मिलने पर ग्रांट को भी रंजीता मेहता ने समय पर दिलवाकर हमारे घरों में चूल्हे जलने से रुकने नहीं दिए।
एसोसिएशन की प्रधान रितु राठी ने कहा कि परिषद बच्चों के उत्थान एवं उनके लालन-पालन के लिए कार्य करती है। हमने देखा है कि किस तरह का प्यार और स्नेह रंजीता मेहता का इन बच्चों के प्रति था। किसी बच्चे को बुखार भी होता था, तो रंजीता मेहता कहीं पर भी हों, लेकिन वह बार-बार फोन करके उस बच्चे का हालचाल जानती थीं। जब भी कोई बेसहारा बच्चा परिषद के बाल गृह में आता था, तो तुरंत रंजीता मेहता उस बच्चे को मिलने आती थीं। बच्चों के नामकरण से लेकर परिषद में पल रही अनाथ बच्ची की धूमधाम से शादी जैसे बड़ा कार्य आज तक कोई मानद महासचिव नहीं कर पाया। जिस शादी की चर्चा और सराहना प्रदेश ही नहीं, बल्कि आसपास के प्रदेशों में भी हुई।
एसोसिएशन की प्रधान रितु राठी ने कहा कि परिषद बेसहारा बच्चों को अच्छे परिवारों में गोद देने का कार्य करता है, लेकिन दो वर्ष पहले यह प्रक्रिया कछुआ चाल थी। जो बच्चे समय पर अच्छे परिवारों में जा सकते थे, लेकिन प्रक्रिया तेज ना होने के कारण ओवरऐज हो गए। रंजीता मेहता ने इस कार्य को तेज गति देने का काम करके हर महीने से 5 से 6 बच्चों को नए परिवारों को सौंपने का कार्य करके इन बच्चों का भविष्य उज्जवल किया। आज परिषद के बच्चे अमेरिका, इटली, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलेंड, कैनेडा, स्पेन के अतिरिक्त भारत के हर कोने में आपके नाम को ऊंचा कर रहे हैं। रंजीता मेहता की नियुक्ति से पूर्व परिषद आर्थिक संकट से तो जूझ ही रहा था, लेकिन जिस तरह का मानसिक उत्पीड़न परिषद के कर्मचारी एवं अधिकारी झेल रहे थे। इन अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर लगभग 18 कोर्ट केस पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में करवा रखे थे, ताकि वह अपना कार्य सही ढंग से ना कर पाए। रंजीता मेहता ने कार्यभार संभालने के 10 दिन में ही इन सभी कोर्ट केस का निपटारा करवाकर मिसाल कायम की, जिससे वह मानसिक उत्पीड़न से बाहर आए। उन्होंने कहा कि राज्यपाल द्वारा रंजीता मेहता को तीन वर्ष को कार्यकाल पूरा होने से पूर्व कार्यभार मुक्त करने के निर्णय से हम आहत हैं। इस निर्णय से 950 कर्मचारी या अधिकारी नहीं, बल्कि 950 परिवारों का मन काफी व्यथित है। उन्होंने रंजीता मेहता को उनका कार्यभार पुन: देकर परिषद को आगे बढ़ाने की अपील की है।

You might also like