देशभर से आए कलाकारों ने बिखेरी सप्तरंगी छटा
-तेरे नैन चमक तलवार, चालैं नागण से… पर झूमे पर्यटक
सूरजकुंड (फरीदाबाद),15 फरवरी। हरियाणवी दामण और उस पर कुर्ती, सिर पर बोरला, माथे पर छाज, नाक में नथनी, कान में बाली, गले में गंठी, हाथ पर हथफूल, कमर पर झूब्बेदार नाड़ा और पैर में रमझौल के साथ छोटी चौपाल के मंच पर जब हरियाणवी बालाओं ने तेरे नैन चमक तलवार चालैं नागण से… हरियाणवी गीत के साथ नृत्य प्रस्तुत किया तो सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले की छोटी चौपाल में दर्शकों के हुल्लड़ और सीटियों ने भी माहौल में रंगत घोल दी।
आजादी के अमृत काल में कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग तथा पर्यटन विभाग हरियाणा के संयुक्त तत्वाधान में बुधवार को आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में देशभर के विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने ऐसी सप्तरंगी छटा बिखेरी की माहौल में गर्माहट पैदा हो गई।
शौकीन के दल ने एक नई नवेली नार नजरां तैं वार करे से… के साथ हरियाणवी संस्कृति की झलक देखने को मिली।
आंध्र प्रदेश के कलाकारों ने लंबाडी नृत्य पेश करके फसल के बीजारोपण से लेकर कटाई तक गाई जाने वाली लोक विधा से दर्शकों को रूबरू कराया। वहीं राजस्थानी कलाकारों ने वहां का प्रसिद्ध कालबेलिया नृत्य प्रस्तुत किया।
स्वर्ग के समान समझी जाने वाली धरती से आए कश्मीरी कलाकारों ने कश्मीर की सुंदरता व केशर की खुशबू का अहसास अपनी लोक कला से कराया।
राहुल बागड़ी के दल ने सारी सखियां क_ी होकर रोज कुएं पै जावैं सैं.. पर नृत्य करके उस दौर की पनिहारियों की संस्कृति को सबके सामने रख दिया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के बीच बीच में मास्टर महेंद्र सिंह ने हास्य व्यंग की फुलझडियों से माहौल को और भी अधिक खुशनुमा कर दिया। इसके अलावा इस संस्कृति कार्यक्रम में योगेश, राहुल बागड़ी, नरेश कुंडू, श्री कृष्ण सांवरा एवं उनके दल ने हरियाणवी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। वही राखी दूबे ने कथक नृत्य तथा दिनेश रहेजा एवं उसके दल ने वेस्टर्न आर्केस्ट्रा के माध्यम से दर्शकों का मनोरंजन किया। इस कार्यक्रम के दौरान रेणु हुड्डा, सुमन डांगी के अलावा अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।