विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर रही है हरियाणा की हस्तशिल्प कला
अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड क्राफ्ट मेले में लाखों लोगों ने किए हरियाणवी लोक संस्कृति के दर्शन
फरीदाबाद,14 फरवरी: 36वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड क्राफ्ट मेले में विरासत द्वारा लगाई गई सांस्कृतिक प्रदर्शनी में विदेशी पर्यटक हरियाणा के हस्तशिल्प से आकर्षित होकर यहां की लोककला एवं हस्तकलाओं को देखकर अभिभूत हो रहे हैं। सूरजकुंड मेले में विरासत हेरिटेज विलेज ट्रस्ट की ओर से लगाई गई हरियाणा की सांस्कृतिक प्रदर्शनी में हाथ से बनी हुई फुलझडिय़ां, गुड्डे-गुडिय़ा तथा पेपरमैसी से बने हुए बोहिये व बंदनवार हरियाणा की हस्तकला के रूप में विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। इस विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए विरासत के निदेशक डॉ. महाङ्क्षसह पूनिया ने बताया कि हरियाणा की हस्तकला को अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड क्राफ्ट मेले के माध्यम से लोकप्रियता हासिल हुई है। लडक़ी की विदाई के समय दी जाने वाली फुलझड़ी हरियाणा की हस्तकला का ऐसा नायाब नमूना है जो सबको अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। विरासत प्रदर्शनी में प्रदर्शित किए गए मिट्टी मुलतानी एवं कागज से निर्मित पेपरमैसी के बोहिये हरियाणा की लोक परंपरा को तो दर्शा ही रहे हैं। इसके साथ-साथ पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। विरासत की ओर से अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड क्राफ्ट मेले में पहली बार गुड्डे-गुडिय़ा की प्रदर्शनी सभी के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। सभी पर्यटक हरियाणवी गुड्डे-गुडिय़ों के साथ सेल्फी लेना नहीं भूलते। डॉ. पूनिया ने बताया कि सूरजकुंड मेले में गांवों में घरों के दरवाजे पर लगाई जाने वाली बंदनवार भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। इसके साथ ही यहां पर पीढ़े एवं खाट की भराई के माध्यम से हरियाणा की हस्तकला का जो स्वरूप प्रस्तुत किया गया है वह पर्यटकों को अपने अतीत और वर्तमान दोनों से जोडक़र लोकप्रियता हासिल कर रहा है।