पहलगाम के आतंक का बदला हो ऐसा, कांप उठे आतंकवादी: हरीश आजाद

फरीदाबाद। आजादी के शहजादे संस्था के राष्ट्रीय संयोजक हरीश चन्द्र आज़ाद ने कहा कि पहलगाम के आतंक का बदला इस तरह से लिया जाए जिससे न सिर्फ आंतकवादी कांप उठे बल्कि भारत के दुश्मन देशों को हिन्दुस्तान की ताकत का एहसास हो जाये। उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से निर्दोष मारे गए लोगों के परिवार वालों पर गमों जो पहाड़ टूटा है जिसे देखकर हिन्दुस्तान का बच्चा बच्चा दुखी है उसका बदला साधारण नहीं होना चाहिये।

हरीश चन्द्र आज़ाद ने कहा कि पहलगाम के मामले में कोई राजनीति करना गुनाह है इस समय सब सरकार के साथ हैं लेकिन गृह मंत्री को इस बात का जवाब तो देना ही चाहिये कि कश्मीर के सबसे संवेदनशील जगह पर सुरक्षा क्यों नहीं थी और तो और खबर मिलने के भी 90 मिनट तक वहाँ लोग तड़पते रहे कोई सुरक्षा कर्मी(सेना या पुलिस बल) नहीं पहुंचा और घायलों को 90 मिनट तक अस्पताल ले जाने का इंतजाम न हो सका। सरकार को जवाब देना होना जहाँ खबर मिलने के बाद भी सुरक्षा पहुंचाने में 2 घंटे लगते हैं वहा यात्रियों को किसके भरोसे छोड़ा गया। इस चूक के लिये ग्रहमंत्री का तुरन्त इस्तीफा दे देना चाहिये।

सुरक्षा में चूक का यह हाल तब है जब 10 मार्च 2025 को केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने जम्मू में हाई लेवल सुरक्षा समीक्षा की बैठक की और गृहमंत्री अमित शाह ने उसके बाद 6 अप्रैल 2025 को श्रीनगर में बड़ी बैठक की अध्यक्षता की इन्ही दोनों बैठको के दौरान ही खुफिया एजेंसियों ने यह चेतावनी दी थी फिर क्यों पहलमाग के सुरक्षा नहीं लगाई गई।

आज़ाद ने कहा कि संसद में आतंकवादियों की सजा के लिये अलग से कानून बनाया जाए और वह कानून ऐसा हो ताकि फिर कोई आतंकवादी हिंदुस्तान की ओर आँख उठाकर न देख सके। आतंकवादियों के लिये ऐसी सजा होनी चाहिए जिसे सुनकर रूह कांप ऊठे ताकि कोई इंसान आतंकवादी बनने से पहले 100 बार सोचे। आप दुबई जैसे कई देशों के उदाहरण लीजिए जहां छोटे से छोटे जुर्म के लिये अलग-अलग तरह की सजाएं है जिसकी वजह से वहाँ अपराध बहुत कम है।

चेयरमैन वासुदेव अरोड़ा ने कहा कि पहलगाम की आतंकवादी घटना से पूरा देश गम में डूबा है और जन-जन में आतंकवादियों के खिलाफ आक्रोश है। सभी देशवासी व सभी पक्ष व विपक्षी दल सरकार के साथ हैं प्रत्येक हिन्दुस्तानी पाकिस्तान से आर-पार की लड़ाई चाहता है। अब समय आ गया है जब सरकार के आदेश के बाद हमारे सैनिक भी पहलगाम का बदला लेने को तैयार हैं। समय के हालात को देखते हुए सरकार को जो अच्छा लगता है निर्णय ले बस सभी सिर्फ और सिर्फ पहलगाम का बदला जल्द से जल्द चाहते हैं और बदला भी निर्दोष मारे गए परिवारों के हिसाब से लिया जाये।

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