सशक्त महिला देश की दिशा और दशा बदलने में समर्थ : नरेश मलिक
बसंती देवी ट्रस्ट से प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी 16 महिलाओं को वितरित की सिलाई मशीनें
फरीदाबाद: सशक्त महिला देश की दिशा और दशा बदलने में समर्थ है। केवल महिलाओं को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है और समाज का कर्तव्य है कि वह महिलाओं को आगे बढऩे के लिए प्रेरित करे। यह बात बसंती देवी ट्रस्ट और रोटरी क्लब आफ फरीदाबाद सैफायर के संयुक्त तत्वावधान में सैक्टर-3 स्थित जाट समाज में चलाए जा रहे सिलाई सेंटर में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी महिलाओं को सिलाई मशीनें एवं नकद पुरस्कार वितरित करते हुए बसंती देवी ट्रस्ट और मंशा ग्रुप के चेयरमैन नरेश मलिक ने कही।
उन्होंने कहा कि आज महिला परिवार के साथ-साथ रोजगार के क्षेत्र में भी पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश और परिवार की आर्थिक व्यवस्था में सुधार के लिए अग्रसर है। इसलिए महिलाएं अपने आपकों अब अबला नहीं सबला के रूप में समाज में कार्य करें ताकि वह अपने परिवार के आर्थिक विकास में पूरी सहभागिता निभा सके। नरेश मलिक ने बताया कि हर साल जो भी महिला हमारे सिलाई केन्द्र से पास होती हैं हम सभी को मशीन देकर उनको रोजगार परक बनाने का पूर्ण प्रयास करते हैं।
यह भी पढ़ें
उन्होंने बताया कि आज 16 महिलाओं को सिलाई मशीन वितरित की गई और यह क्रम आगे भी जारी रहेगा। जाट समाज के महासचिव एच.एस. मलिक ने दोनों संस्थाओं के द्वारा चलाए जा रहे इस परोपकारी परियोजना में जाट समाज को हिस्सा बनाने के लिए आभार प्रकट किया और कहा कि ऐसी कोई भी संस्था परोपकार के कार्य करने के लिए जाट भवन की बिल्डिंग का इस्तेमाल करना चाहती है तो उसके लिए जाट समाज भवन के द्वारा 24 घंटे खुले हैं। रोटरी सैफायर के प्रेसिडेंट धीरेन्द्र श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए सभी महिलाओं का उत्साह बढ़ाया।
कार्यक्रम की शुरुआत नरेश मलिक के पिताश्री करण सिंह मलिक को सभी रोटरी सदस्यों रजनीश मलिक, अंजू श्रीवास्तव, ईशा गुप्ता, दलीप, मीनू वर्मा, असीम लूथरा, अनन्त कौशिक और मंशा ग्रुप के डायरेक्टर हिमांशु मलिक द्वारा शॉल भेंट कर की। इस अवसर पर महिलाओं ने नृत्य इत्यादि प्रस्तुत करके रोटरी और बसन्ती देवी ट्रस्ट में अपना विश्वास दिखाते हुए आभार प्रकट किया। इस अवसर पर पंकज निगम, सीमा, जय प्रकाश गर्ग, ऋतु गर्ग, विशाल जैन,पंकज भाटिया, अजय, सुरेश कौशिक, राकेश मलिक, आर.एस. दहिया की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही।