राष्ट्रीय सेवा योजना वार्षिक शिविर का छठा दिन संपन्न 11 जनवरी 2025, डीसी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेक्टर-9
फरीदाबाद: राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के वार्षिक शिविर के छठे दिन का आयोजन डीसी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बड़े उत्साह के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम में गुरुग्राम के मंडल बाल कल्याण अधिकारी श्री कमलेश शास्त्री और रेड क्रॉस पैटर्न के वरिष्ठ समाजसेवी श्री विमल खंडेलवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से किया गया, जिसमें विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती ज्योति गुप्ता और शिक्षकगण भी शामिल हुए।
कमलेश शास्त्री का संबोधन
अपने उद्बोधन में श्री कमलेश शास्त्री ने बच्चों को नैतिकता, अनुशासन, शिष्टाचार और व्यवहार के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा, “हम सबसे पहले समाज में एक अच्छा नागरिक बनने का प्रयत्न करें और इसके बाद अपने कर्तव्यों का पालन करें। नैतिकता और अनुशासन का पालन जीवन में सफलता की कुंजी है।”
शास्त्री जी ने राष्ट्रीय सेवा योजना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह युवाओं में सेवा भावना को प्रबल करती है और समाज में उनकी सकारात्मक पहचान बनाने में सहायक होती है। उन्होंने स्वयंसेवकों से अपील की कि वे समाज के प्रति अपने दायित्वों को जिम्मेदारी से निभाएं।
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वरिष्ठ समाजसेवी श्री विमल खंडेलवाल ने अपने विचार साझा करते हुए सेवा के महत्व और समाज में इसके प्रभाव पर बल दिया। उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय सेवा योजना एक ऐसा मंच है, जो युवाओं को देश का जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए प्रेरित करता है। सेवा भावना से ही समाज में वास्तविक परिवर्तन लाया जा सकता है।”
उन्होंने स्वयंसेवकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि सेवा के छोटे-छोटे प्रयास भी बड़े बदलाव लाने में सहायक हो सकते हैं। साथ ही, उन्होंने इस शिविर में भाग ले रहे बच्चों को प्रेरित किया कि वे न केवल स्वयं को बल्कि अपने आसपास के लोगों को भी बेहतर जीवन जीने के लिए प्रेरित करें।
विद्यालय का योगदान
विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती ज्योति गुप्ता ने दोनों अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके विचार और मार्गदर्शन से बच्चों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। उन्होंने स्वयंसेवकों को नैतिकता, अनुशासन और समाज सेवा के प्रति जागरूक रहने की सीख दी।
इस अवसर पर शिविर में भाग ले रहे सभी स्वयंसेवक, अध्यापकगण और अन्य स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।
शिविर का यह दिन बच्चों के लिए न केवल ज्ञानवर्धक बल्कि प्रेरणादायक भी रहा।