श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में मनाया किसान दिवस

Faridabad: श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की स्किल फ़ैकल्टी ऑफ़ एग्रीकल्चर द्वारा सोमवार को किसान दिवस का आयोजन किया गया। इस मौक़े पर बीवॉक और एम वॉक एग्रीकल्चर के विद्यार्थियों ने कृषि पर आधारित प्रदर्शनी आयोजित की। इसमें कृषि के कई मॉडल प्रस्तुत कर विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा प्रदर्शित की। सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से भी किसान वर्ग की भावनाएँ व्यक्त की गई और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौ. चरण सिंह को शिद्दत से याद किया गया। डीन प्रोफेसर जॉय कुरियाकोजे ने कृषि संकाय की उपलब्धियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और अतिथियों का भव्य स्वागत किया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुँची विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोसेसर ज्योति राणा ने कहा कि कृषि हमारी अर्थव्यवस्था का मज़बूत स्तंभ है। किसानों की मेहनत से ही देश को उन्नति करने में मज़बूती मिली है।किसान ही सब का पोषण करते हैं और कृषि में बहुत मेहनत लगती है। उन्होंने विद्यार्थियों से कृषि में नवाचार करने का आह्वान किया और साथ ही कहा कि आस पास के किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए भी हम प्रतिबद्ध हैं। निकट भविष्य में किसानों को उन्नत कृषि का प्रशिक्षण देने के लिए अभियान चलाया जाएगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने कहा कि हमारा उद्देश्य कृषि क्षेत्र में उद्यमिता के अवसर पैदा करना है, ताकि विद्यार्थी कृषि में नवाचार करें और अपने उत्पादों की मार्केटिंग कर रोज़गार के नए अवसर पैदा करें। साथ ही उन्होंने कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग और उर्वरक की अनावश्यक खपत रोकने की दिशा में काम करने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने में केवल कृषि वैज्ञानिक ही अकेले सक्षम नहीं हैं बल्कि इसके लिए उद्यमिता और मार्केटिंग का साझा प्रयास जरूरी है। डीएसडब्ल्यू प्रोफ़ेसर कुलवंत सिंह ने कहा कि जीने के लिए अन्न आवश्यक है और कृषि के माध्यम से ही यह आपूर्ति होती है। इसलिए कृषि क्षेत्र पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

नाबार्ड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर विनय त्रिपाठी ने कहा कि नाबार्ड किसानों और महिलाओं के विकास के लिए कार्य कर रहा है। किसानों के लिए और अधिक जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने आवश्यक हैं। किसानों की चुनौतियों को दूर करना हमारा कर्तव्य है।
डीन प्रोफेसर जॉय कुरियाकोजे ने मेहमानों को कृषि फार्म का भ्रमण कराया और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की।
इस अवसर पर डॉ. हरीश, सहायक कुलसचिव डॉ. राजेश कुमार, डॉ. जेके दुबे, प्रवीण आर्य, एसडीओ नरेश सधु, धीरज कंबोज. तेजेंद्र सिंह, डॉ. गीता, डॉ. स्मिता श्रीवास्तव, डॉ. खुशबू, डॉ. अजय, पुष्पेंद्र शर्मा और चंद्रशेखर भी उपस्थित थे।

फ़ोटो परिचय- किसान दिवस पर प्रदर्शनी का अवलोकन करती कुलसचिव प्रोफ़ेसर ज्योति राणा एवं अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफ़ेसर आर एस राठौड़।

श्रद्धा से याद किए गए पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह, स्किल फ़ैकल्टी ऑफ़ एग्रीकल्चर के विद्यार्थियों ने लगायी कृषि मॉडल पर आधारित प्रदर्शनी

पलवल। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की स्किल फ़ैकल्टी ऑफ़ एग्रीकल्चर द्वारा सोमवार को किसान दिवस का आयोजन किया गया। इस मौक़े पर बीवॉक और एम वॉक एग्रीकल्चर के विद्यार्थियों ने कृषि पर आधारित प्रदर्शनी आयोजित की। इसमें कृषि के कई मॉडल प्रस्तुत कर विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा प्रदर्शित की। सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से भी किसान वर्ग की भावनाएँ व्यक्त की गई और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौ. चरण सिंह को शिद्दत से याद किया गया। डीन प्रोफेसर जॉय कुरियाकोजे ने कृषि संकाय की उपलब्धियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और अतिथियों का भव्य स्वागत किया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुँची विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोसेसर ज्योति राणा ने कहा कि कृषि हमारी अर्थव्यवस्था का मज़बूत स्तंभ है। किसानों की मेहनत से ही देश को उन्नति करने में मज़बूती मिली है।किसान ही सब का पोषण करते हैं और कृषि में बहुत मेहनत लगती है। उन्होंने विद्यार्थियों से कृषि में नवाचार करने का आह्वान किया और साथ ही कहा कि आस पास के किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए भी हम प्रतिबद्ध हैं। निकट भविष्य में किसानों को उन्नत कृषि का प्रशिक्षण देने के लिए अभियान चलाया जाएगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने कहा कि हमारा उद्देश्य कृषि क्षेत्र में उद्यमिता के अवसर पैदा करना है, ताकि विद्यार्थी कृषि में नवाचार करें और अपने उत्पादों की मार्केटिंग कर रोज़गार के नए अवसर पैदा करें। साथ ही उन्होंने कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग और उर्वरक की अनावश्यक खपत रोकने की दिशा में काम करने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने में केवल कृषि वैज्ञानिक ही अकेले सक्षम नहीं हैं बल्कि इसके लिए उद्यमिता और मार्केटिंग का साझा प्रयास जरूरी है। डीएसडब्ल्यू प्रोफ़ेसर कुलवंत सिंह ने कहा कि जीने के लिए अन्न आवश्यक है और कृषि के माध्यम से ही यह आपूर्ति होती है। इसलिए कृषि क्षेत्र पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
नाबार्ड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर विनय त्रिपाठी ने कहा कि नाबार्ड किसानों और महिलाओं के विकास के लिए कार्य कर रहा है। किसानों के लिए और अधिक जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने आवश्यक हैं। किसानों की चुनौतियों को दूर करना हमारा कर्तव्य है।

डीन प्रोफेसर जॉय कुरियाकोजे ने मेहमानों को कृषि फार्म का भ्रमण कराया और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की।
इस अवसर पर डॉ. हरीश, सहायक कुलसचिव डॉ. राजेश कुमार, डॉ. जेके दुबे, प्रवीण आर्य, एसडीओ नरेश सधु, धीरज कंबोज. तेजेंद्र सिंह, डॉ. गीता, डॉ. स्मिता श्रीवास्तव, डॉ. खुशबू, डॉ. अजय, पुष्पेंद्र शर्मा और चंद्रशेखर भी उपस्थित थे।

You might also like