बाबरी विध्वंस मुद्दे पर महाराष्ट्र में I.N.D.I.A में फूट, समाजवादी पार्टी MVA से अलग हुई
बाबरी विध्वंस को लेकर शिवसेना (UBT) के अखबार में दिए एक विज्ञापन और सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन में फूट पड़ गई है।
समाजवादी पार्टी ने शनिवार को ऐलान किया है कि वह महाराष्ट्र में MVA से अलग हो रही है। साथ ही यह भी कहा कि शिवसेना (UBT) और भाजपा में कोई फर्क नहीं।
दरअसल, शिवसेना ने अखबार में विज्ञापन देकर बाबरी मस्जिद ढहाने वालों को बधाई दी थी। इसके साथ ही उद्धव ठाकरे के करीबी मिलिंद नार्वेकर ने इसे लेकर X पर पोस्ट भी किया था।
इसे लेकर महाराष्ट्र में समाजवादी प्रमुख अबु आजमी ने कहा- ‘शिवसेना (UBT) ने अखबार में विज्ञापन देकर उन लोगों को बधाई दी जिन्होंने बाबरी मस्जिद ढहाई। उद्धव के करीबी ने X पर पोस्ट करके मस्जिद के ढहाए जाने की तारीफ की। हम MVA से अलग हो रहे हैं। मैं इस बारे में समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव से बात कर रहा हूं।’
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अबु आजमी बोले- हम MVA के साथ गठबंधन में क्यों रहें?
सोशल मीडिया पोस्ट में मिलिंद नार्वेकर ने बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की तस्वीर के साथ शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे का कोट लगाया, जिसमें उन्होंने कहा था- जिन्होंने ये किया, मुझे उन पर गर्व है। इस पोस्ट में उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और खुद मिलिंद नार्वेकर की तस्वीर भी लगाई गई।
अबु आजमी ने इस पोस्ट को लेकर कहा कि अगर MVA में कोई इस तरह की बात कर सकता है, तो उसमें और BJP में क्या फर्क रह गया? हम उनके साथ गठबंधन में क्यों रहें?
आजमी ने X पोस्अ में कहा कि सपा अकेले चल लेगी, लेकिन शिवसेना UBT की सांप्रदायिक विचारधारा का हिस्सा बनना हमें गवारा नहीं। समाजवादी पार्टी सांप्रदायिकता के खिलाफ थी, है और हमेशा रहेगी।
अबु आजमी बोले- बाबरी मस्जिद ढहाने में संविधान को नहीं माना गया
6 दिसंबर को बाबासाहेब अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर अबु आजमी ने कहा था- ‘हम खुद को बहुत खुशनसीब मानते हैं कि हम बाबासाहेब के बनाए संविधान पर चलते हैं। हालांकि बाबरी मस्जिद के मामले में संविधान को नहीं माना गया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मेजॉरिटी चाहती है कि बाबरी मस्जिद की जगह पर मंदिर बने। मेजॉरिटी चाहती है, संविधान नहीं। अगर मेजॉरिटी से फैसला होगा, तो हम तो हमेशा माइनॉरिटी में रहेंगे। हमेशा हमारे खिलाफ ही फैसला होगा। और 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद क्यों ढहाई गई? ये दिखाने के लिए कि हम संविधान को नहीं मानते।’