जागरुकता व सावधानियां बरतकर मधुमेह और हृदय रोगों का निदान संभव : डा. एस.एस. बंसल

Faridabad : एसएसबी अस्पताल में मधुमेह और हृदय रोग की रोकथाम को लेकर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में अस्पताल के प्रबंध निदेशक एवं वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. एस.एस. बंसल ने मधुमेह और हृदय रोग की रोकथाम और सावधानियों को लेकर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। श्री बंसल ने बताया कि भारत में मधुमेह और हृदय के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, हर वर्ष जानकारी के अभाव के चलते हजारों लोग अकाल मौत का ग्रास बन जाते है,

अगर हम मधुमेह और हृदय रोगों के प्रति जागरुकता बरते तो इन बीमारियों के साथ भी नियमित जीवन जीया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मधुमेह और हृदय रोग आपस में गहराई से जुड़े हुए है। मधुमेह से पीिड़त लोगों में हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है, लेिकन कुछ सावधािनयां बरतकर इन दोनों समस्याओं को रोका या नियंत्रित किया जा सकता है।
रोकथाम के उपाय :

स्वस्थ आहार का पालन करें, हरी सिब्जयों, फल, साबुत अनाज, और कम वसा वाले प्रोटीन का सेवन करें, तले हुए और अिधक मीठे खाद्य पदार्थो से बचें। नमक का सेवन सीिमत करें, क्योंकि इससे रक्तचाप बढ़ सकता है, जो हृदय रोग का खतरा बढ़ाता है। संतृप्त और ट्रांस फैट से बचें, क्योंकि ये कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकते हैं और दल की सेहत पर असर डाल सकते है।

नियिमत व्यायाम करे
रोजाना कम से कम 30 मिनट मध्यम-तीव्रता का व्यायाम करें, जैसे कि तेज चलना, साइिकल चलाना या योग।
व्यायाम से ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है और हृदय की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
3.वजन नियंत्रित रखें

स्वस्थ वजन बनाए रखें। अधिक वजन या मोटापा मधुमेह और हृदय रोग का जोखिम बढ़ा सकता है।
बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) को सामान्य सीमा में रखें (18.5 से 24.9 के बीच)।
4.धूम्रपान और शराब से बचें
धूम्रपान न करें, क्योंकि यह हृदय की धमनियों को नुकसान पहुचं सकता है।
शराब का सेवन कम से कम करें या पूरी तरह से छोड़ दें, क्योंकि यह ब्लड शुगर को अनियंत्रित कर सकता है और हृदय रोग का खतरा बढ़ाता है।

5.ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की निगरानी करें
रक्तचाप को 120/80 एमएमएचजी के आसपास रखने की कोशिश करे। उच्च रक्तचाप दिल पर दबाव डालता है और हृदय रोग का जोखिम बढ़ाता है। नियमित रूप से कोलेस्ट्रॉल का परीक्षण कराएं और इसे नियंत्रण में रखने के लिए संतुिलत आहार लें।

6.तनाव प्रबंधन
तनाव कम करने के लए ध्यान (मेिडटेशन), गहरी सांस लेना, और योग जैसे तरीकों का अभ्यास करें। अधिक तनाव से ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर लेवल दोनों बढ़ सकते है।
7 नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराएं
रक्त शर्क रा (ब्लड शुगर) और एचबीएवीसी के स्तर की नियमित जांच कराएं।
हृदय की सेहत की जांच के लए नयिमत रूप से ईसीजी, ईकोकािडर्योग्राम, और लिपड प्रोफाइल टेस्ट कराएं।
सावधािनयां: 1.दवाओं का नयिमत सेवन करें

डॉक्टर द्वारा नधार्िरत मधुमेह और हृदय रोग की दवाओं का नयिमत सेवन करे।
डॉक्टर से बना पूछे दवाओं में बदलाव न करें
2.खून में शर्करा का स्तर नयिमत रूप से मापें
ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रखें और नियमित रूप से मानिटर करें, तािक मधुमेह का प्रभाव हृदय पर कम हो सके।
4.खून में थक्के बनने से रोकें
डॉक्टर के परामर्श से ब्लड थनर (खून को पतला करने वाली दवाएं) का उपयोग करें, यदि आपके हृदय रोग का जेखिम अधिक है।

5 नियमित नींद ले
पर्याप्त और गहरी नींद लें, क्योंिक अच्छी नींद से हृदय और ब्लड शुगर का स्तर बेहतर रहता है।
6.संक्रमण से बचें
मधुमेह रोगियों के लिए संक्रमण का खतरा अधिक होता है, इसलिए वैक्सीनेशन (टीकाकरण) जैसे कि न्यूमोकोकल और फ्लू का टीका लगवाएं।

इन सावधानियों और रोकथाम के उपायों का पालन करके मधुमेह और हृदय रोग के जोिखम को कम कया जा सकता है और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता है। नियमित जांच और एक स्वस्थ जीवनशैली इन समस्याओं को नियंत्रित करने में सहायक है।

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