संगीत तथा पोस्टर मेकिंग की प्रतियोगिता दिनांक 9 नवंबर 2024 को आयोजित की गयी।
- दिव्यांजलि ने शास्त्रीय संगीत प्रतियोगिता के एकल गायन में प्रथम स्थान प्राप्त किया। - सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र द्वारा शास्त्रीय गायन, वादन एवं पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का सफलतम आयोजन किया गया।
फरीदाबाद: सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र द्वारा शास्त्रीय गायन, वादन एवं पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का सफलतम आयोजन किया। इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने शास्त्रीय संगीत में राग गायन,विभिन्न वाद्ययंत्रों की एकल प्रस्तुति दी पोस्टर मेकिंग में मानवता एवं पर्यावरण संरक्षण पर विभिन्न चित्र बना कर सुंदर प्रदर्शन किया। जिसमें अनेक छोटे तथा युवा वर्ग के बच्चों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती अनुपमा तलवार चेयरपर्सन सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री सुरेंद्र धींगरा, अंबाला शहर के मेयर उपस्थित रहे। निर्णायक मंडल के रूप में श्रीमती अंजू मुंजाल, श्रीमति निहारिका शर्मा तथा श्रीमति शरद बाला श्रीवास्तव जी उपस्थित रहीं। श्री एस एन गोगिया जी मैनेजर तथा श्री दीपेंद्र कांत प्रधानाचार्य सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र ने सभी का मार्गदर्शन किया। वाद्य प्रतियोगिता में जूनियर कैटेगरी में निशांत ने प्रथम, शैंकी ने द्वितीय तथा लक्षय ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
वाद्य प्रतियोगिता में सीनियर कैटेगरी में प्रिंस बैरागी ने प्रथम, कुंदन मिश्रा ने द्वितीय तथा कुमार कार्तिकेय ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। जूनियर गायन प्रतियोगिता में वैश्नवी ने प्रथम, केशव ने दूसरा तथा अदा श्रीवास्तव ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। सीनियर गायन प्रतियोगिता में दिव्यांजली ने प्रथम , आरोही ने द्वितीय तथा खुशबू ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। सभी प्रतिभागियों ने बहुत ही सुंदर प्रदर्शन किया।
सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र की चेयरपर्सन श्रीमती अनुपमा तलवार, जो खुद गायन और नृत्य प्रतिपादक हैं, ने अपने भाषण में उल्लेख किया कि सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र के पंख दिल्ली, फरीदाबाद, पानीपत, अबाला, जालंधर, लुधियाना, रोहतक जैसे विभिन्न शहरों में फैले हुए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कला केंद्र प्रयाग संगीत समिति, प्रयागराज से संबद्ध है जो 1926 से हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की शिक्षा दे रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र बिना किसी भेदभाव के गायन, वाद्य और नृत्य तीनों विधाओं में शिक्षा प्रदान करता है। उन्होंने प्रतिभागियों को यह कहकर प्रेरित किया कि संगीत एवं चित्रकला केवल एक प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि यह एकता, सद्भाव और हम में से प्रत्येक के भीतर पनपने वाली असीमित रचनात्मकता का उत्सव है।
सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र के प्रधानाचार्य दीपेंद्र कांत ने “संगीत का जीवन में मूल्य” पर चर्चा करते हुए बताया संगीत का विधिवत् गायन संभव है।
कार्यक्रम में मंच संचालन केशव शुक्ला ने तथा बच्चों का मार्ग दर्शन संजय बिडलान ने किया। अंत में सभी अतिथियों, अभिभावकों एवं प्रतिभागियों, मीडिया कर्मियों आदि का धन्यवाद के साथ समापन हुआ।