दशकों से लोक आस्था का महापर्व छठ को मानते और डूबते सूर्य को अर्घ्य देते समाजसेवी डॉ.मोहन तिवारी
लोक आस्था का महापर्व छठ पर्व का उपासना करने और डूबते सूर्य को अर्घ्य देना का खास महत्व -डॉ.मोहन तिवारी --छठ ऐसा पर्व है जिसमें डूबते हुए सूर्य को दिया जाता हैं अर्घ्य- पं0 मोहन तिवारी
फरीदाबाद। शहर सेक्ट 12 फरीदाबाद के रहने वाले समाजसेवी, राजनीतिक विश्लेषक, वरिष्ठ पत्रकार डॉ.मोहन तिवारी ने बताया की वह दशकों से लोक आस्था का महापर्व छठ की उपासना करते आ रहे है। डॉ.मोहन तिवारी ने कहा की पूरे देश भर में लोक आस्था का महापर्व छठ का पर्व मनाया जा रहा है। चार दिनों तक चलने वाले छठ त्योहार गुरुवार कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को डूबते हुए सूर्य अर्घ्य दिया जाता है वह तीसरा दिन रहा है।
छठ पर्व का तीसरा दिन सबसे खास माना जाता है। इस दिन डूबते सूर्य अर्घ्य दिया जाता है,फिर अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर समापन किया जाता है। श्री तिवारी ने कहा की लोक आस्था का महापर्व छठ का पर्व का बहुत ही महत्व है। समाजसेवी, राजनीतिक विश्लेषक, वरिष्ठ पत्रकार डॉ.मोहन तिवारी ने कहा की वह इस बार भी पूर्व की भांति लोक आस्था का महापर्व छठ की उपासना कर रहे है।
समाजसेवी डॉ.मोहन तिवारी ने कहा की गुरुवार को उन्होंने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिए। अगले दिन शुक्रवार को वह अर्घ्य देकर व्रत का समापन कर देंगे। वरिष्ठ पत्रकार पंडित मोहन तिवारी ने बताया की भगवान सूर्य जिन्हे प्रत्यक्ष देवता और पंचदेवों में एक हैं उन्हें आमतौर पर जब सुबह वे उगते हैं तो जल चढ़ाने की परंपरा है,लेकिन छठ ऐसा पर्व है जिसमें डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
श्री तिवारी ने बताया की वह पीछे से उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जनपद के अंतर्गत चर्चित ग्रामसभा मठिया श्रीराम के निवासी है और उनके गांव में लोक आस्था का महापर्व छठ को बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। जिसके चलते वह पिछले कई सालों से छठ का पर्व का उपासना कर रहे है।