आईटी हायरिंग में तेजी से सितंबर में नौकरी बाजार में 6% की वृद्धि: नौकरी जॉबस्पीक रिपोर्ट
भारत में व्हाइट-कॉलर नौकरी गतिविधियों का प्रमुख सूचकांक, नौकरी जॉबस्पीक इंडेक्स, सितंबर 2024 में 2727 अंक पर पहुंचा, जो पिछले साल की तुलना में 6% की वृद्धि दिखाता है। इस सकारात्मक रुझान का मुख्य कारण आईटी सेक्टर में आई तेजी रही, जिसमें सालाना आधार पर 18% की वृद्धि हुई। इसके अलावा, एफएमसीजी (+23%) और तेल एवं गैस (+13%) जैसे क्षेत्रों ने भी मजबूत प्रदर्शन किया। एआई/एमएल में भी तेजी जारी रही, और इन पदों के लिए सितंबर 2023 की तुलना में 31% अधिक भर्तियां हुईं।
आईटी सेक्टर ने नए केंद्रों के साथ बढ़त बनाई:
आईटी क्षेत्र में 18% की सालाना वृद्धि के साथ जबरदस्त वापसी हुई। दिलचस्प बात यह है कि कुछ नए आईटी केंद्रों ने भी उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई, जो भौगोलिक विविधता को दर्शाता है। जयपुर में आईटी नौकरियों में 47% की बढ़त देखी गई, इसके बाद कोलकाता में 32% की वृद्धि दर्ज की गई। इस क्षेत्र में 16+ वर्षों के अनुभव वाले पेशेवरों की भर्ती में भी 35% की वृद्धि हुई। इस बढ़त में प्रमुख भूमिका यूनिकॉर्न कंपनियों और विदेशी एमएनसी की रही, जिनमें क्रमशः 16% और 14% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई।
एफएमसीजी और तेल एवं गैस सेक्टर में सबसे ज्यादा बढ़त:
एफएमसीजी क्षेत्र में नियुक्तियों में सालाना 23% की बढ़त देखी गई। मुंबई और बेंगलुरु प्रमुख केंद्र बने, जहां एफएमसीजी नौकरियों में क्रमशः 49% और 43% की वृद्धि हुई। खासतौर से, 16 साल से ज्यादा अनुभव वाले सीनियर प्रोफेशनल्स की भर्ती में 70% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो इस क्षेत्र में वरिष्ठ पेशेवरों की बढ़ती मांग को दिखाती है।
तेल और गैस क्षेत्र में भी मजबूती देखी गई, जहां नियुक्तियों में सालाना 13% की बढ़ोतरी हुई। इस सेक्टर में अहमदाबाद सबसे आगे रहा, जहां 54% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई।
जीसीसी (ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स) का लगातार विकास:
जीसीसी में भर्तियों में सालाना 12% की वृद्धि देखी गई। इस बढ़त का नेतृत्व मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म्स के जीसीसी ने किया, जहां 50% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई, इसके बाद भारी मशीनरी सेक्टर में 40% की वृद्धि हुई। क्षेत्रीय स्तर पर, कोलकाता और बेंगलुरु जीसीसी हायरिंग के प्रमुख केंद्र बने, जहां क्रमशः 18% और 16% की बढ़ोतरी हुई।
स्टार्टअप हब के रूप में उभरता चेन्नई:
नए रोजगार केंद्रों के उभरने से अब नौकरियों के अवसर महानगरों से बाहर भी फैल रहे हैं और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल रहा है। भुवनेश्वर और उदयपुर जैसे शहर तेजी से उभर रहे हैं, जहां सफेदपोश नौकरियों में क्रमशः 41% और 44% की वृद्धि दर्ज की गई है।
बड़ौदा भी विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों (MNCs) के लिए एक प्रमुख स्थान बनकर उभरा, जहां भर्तियों में 22% की बढ़ोतरी हुई। इसके अलावा, चेन्नई में यूनिकॉर्न कंपनियों की भर्तियों में 21% की वृद्धि हुई, जिससे यह शहर स्टार्टअप हब के रूप में अपनी पहचान बना रहा है।
अहमदाबाद: अनुभवी प्रोफेशनल्स के लिए तेजी से बढ़ता बाजार
16 साल से ज्यादा अनुभव वाले पेशेवरों की भर्तियों में सालाना 14% की वृद्धि हुई है, जो अनुभवी लोगों की मांग को दर्शाती है। नौकरी बाजार में अनुभवी प्रोफेशनल्स के लिए सकारात्मक संकेत देखने को मिले। कोयंबटूर में नई भर्तियों में 26% की बढ़ोतरी हुई, जो नए ग्रेजुएट्स के लिए अवसरों का संकेत है।
अहमदाबाद समावेशी विकास का प्रतीक बनकर उभरा है, जहां सभी अनुभव स्तरों पर भर्तियों में दोहरे अंकों में वृद्धि हुई है। 16+ साल के अनुभवी प्रोफेशनल्स की भर्ती में 42.32% की बढ़त देखी गई, जबकि 4-7 साल के अनुभव वाले लोगों के लिए 17.87% की वृद्धि हुई। यहां तक कि एंट्री लेवल की नौकरियों में भी 10.36% की बढ़त दर्ज की गई, जिससे अहमदाबाद व्हाइट कॉलर नौकरियों का एक प्रमुख केंद्र बनकर सामने आया है।
नौकरी के चीफ बिजनेस ऑफिसर पवन गोयल ने कहा, “नियुक्तियों में 6% की बढ़त उत्साहजनक है, लेकिन सबसे खास बात आईटी सेक्टर में लंबे समय के बाद आई मजबूत रिकवरी है। आईटी, बीपीओ, एआई-एमएल और जीसीसी भूमिकाओं का अच्छा प्रदर्शन उम्मीद जगाता है।”
कार्य-पद्धति:
नौकरी जॉबस्पीक एक मासिक सूचकांक है, जो भारत के जॉब मार्केट की स्थिति को दर्शाता है। यह Naukri.com के डेटा बेस पर रिक्रूटर्स द्वारा की गई नई जॉब लिस्टिंग और जॉब से जुड़ी खोजों* के आधार पर काम करता है। जॉबस्पीक इंडेक्स उद्योगों, शहरों, कार्य क्षेत्रों और अनुभव के आधार पर भर्ती गतिविधियों को मापता है। इस सूचकांक का आधार माह जुलाई 2008 है, जिसे 1,000 के सूचकांक मूल्य के साथ लिया गया है। हर महीने के सूचकांक मूल्यों की तुलना जुलाई 2008 के आंकड़ों से की जाती है। यह इंडेक्स भारत में सफेदपोश (व्हाइट-कॉलर) नौकरियों का एक भरोसेमंद संकेतक है। यह सूचकांक 70 लाख से अधिक नई नौकरियों और 100,000 से ज्यादा ग्राहकों की भर्ती गतिविधियों पर आधारित है। इस रिपोर्ट में गिग जॉब्स, हाइपर लोकल हायरिंग या कैंपस प्लेसमेंट को शामिल नहीं किया गया है। लंबी अवधि में, जॉबस्पीक इंडेक्स इंटरनेट की पहुंच और जॉब मार्केट के आकार जैसे कारकों से प्रभावित हो सकता है।
*बीएफएसआई, टेक और जीसीसी सेक्टर्स में कुछ उप-उद्योगों के दोबारा वर्गीकरण के कारण, सितंबर 2023 के लिए बेस इंडेक्स वैल्यू संशोधित की गई है, जिससे इस रिपोर्ट में साल दर साल तुलना प्रभावित हो सकती है।