मानव रचना में दिग्गज ओलंपिक खिलाड़ियों की मौजूदगी में ‘ग्लोरी ऑफ 5 रिंग्स’ लांच —————- मुख्य हैडिंग

फरीदाबाद। मानव रचना शैक्षणिक संस्थान ने सोमवार को ओलंपिक खेलों के उत्साह को जगाने और छात्रों के बीच खेल भावना को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रमों की एक सीरीज ‘ग्लोरी ऑफ 5 रिंग्स’ का धूमधाम से शुभारंभ किया। यह भव्य समारोह कुछ दिनों में शुरू होने वाले पेरिस ओलंपिक की प्रेरक यात्रा का प्रतीक है। ‘ग्लोरी ऑफ 5 रिंग्स’ पहल का उद्देश्य छात्रों को खेल भावना के बारे में जागरूक करना,उन्हें दिग्गज एथलीटों की कहानियों के ज़रिए प्रेरित करना और खेलों में मानव रचना की उपलब्धियों का जश्न मनाना है। मानव रचना का मकसद एथलेटिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने वाले माहौल को तैयार करना है और ‘ग्लोरी ऑफ़ 5 रिंग्स’ युवाओं के बीच एक स्वस्थ व सक्रिय जीवन शैली को बढ़ावा देने की विरासत को आगे बढ़ाएगा।

इस दौरान अनुभव साझा करते हुए भारतीय कुश्ती चैंपियन और ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त ने कहा कि ओलंपिक में जाना हर खिलाड़ी का सपना होता है। खिलाड़ियों का जीवन बेहद मुश्किल और चुनौतीपूर्ण होता है। कई बार ज़िंदगी में ऐसे पड़ाव आते हैं कि खिलाड़ी को ज़ीरो से दोबारा करियर की शुरुआत करनी पड़ती है।
ट्रैप शूटर मानवजीत सिंह संधू ने कहा कि ओलंपिक में भाग लेना ही खिलाड़ियों के लिए बड़ी उपलब्धि है। ये मेरे लिए बेहद सम्मान और खुशी की बात है कि देश के लिए ओलंपिक में जाने और पदक जीतने का मौका मुझे मिला। भावी खिलाड़ियों को ये संदेश देना चाहूंगा कि खेलों में भागीदारी मायने रखती है।

भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान दिलीप तिर्की ने कहा कि इस खेल में देश का प्रतिनिधित्व करना एक बहुत बड़ा सम्मान है। आज के युवा, जो खेलों में अपना करियर बनाना चाहते  हैं उनके पास पहले के मुकाबले आगे बढ़ने के बहुत ज़्यादा अवसर हैं। अपना लक्ष्य ऊंचा रखें, दृढ़ निश्चय के साथ काम करें सफलता ज़रूर मिलेगी।
भारतीय शॉट पुट चैंपियन ओम प्रकाश सिंह करहाना ने कहा ओलंपिक में भाग लेना हर किसी के लिए बेहद सम्मान और गौरव की बात होती है। हर खिलाड़ी खेलों के लिए सालों तक खुद को तैयार करते हैं। जिस तरह हर क्षेत्र में संघर्ष होता है।

भारतीय हॉकी खिलाड़ी रानी रामपाल ने कहा,” इस प्रतिष्ठित मंच पर मुझे आमंत्रित करने के लिए मानव रचना का दिल से आभार व्यक्त करती हूं। मैंने 2008 में ओलंपिक क्वालीफायर के दौरान अपनी ओलंपिक यात्रा शुरू की और मुझे भारतीय टीम का हिस्सा होने और पदक दिलाने पर गर्व है। खेलों से मैंने दृढ़ता का अमूल्य सबक सीखा है। जब असफलताओं का सामना करना पड़ता है, तो हमें अपने लक्ष्यों को नहीं छोड़ना चाहिए।

मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के उपाध्यक्ष डॉ.अमित भल्ला ने कहा,”मानव रचना शैक्षणिक संस्थान में हमारा मिशन असाधारण खेल प्रतिभाओं को पोषित करते हुए उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करना है। ओलंपिक 2024 का विशेष महत्व है, क्योंकि हमारे दो प्रतिष्ठित पूर्व छात्र वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार हैं।

ओलंपियन और डबल ट्रैप शूटर रोंजन सोढ़ी ने कहा ओलंपिक में जाने वाला हर खिलाड़ी पदक जीतने के इरादे से ही खेलों में भाग लेता है। मानव रचना में ओलंपियनों के इस शानदार उत्सव का गवाह बनकर मैं बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूं। ओलंपियन का समर्पण और सफलता हम सभी को प्रेरित करती है, जो कि संस्थान में पोषित उल्लेखनीय प्रतिभा को दर्शाती है।

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