योग भारत की प्राचीनतम पद्धति है, नियमित योगाभ्यास से जीवनशैली में होता है परिवर्तन : एसडीएम त्रिलोक चंद

- योग की बदौलत ही भारत को मिली विश्व पटल पर अलग पहचान- आज दुनिया में भारतीय आध्यात्मिकता का सर्वश्रेष्ठ स्थान

बल्लभगढ़, 21 जून। एसडीएम त्रिलोक चंद ने कहा कि योग भारत की प्राचीनतम पद्धति है, नियमित योगाभ्यास करने से मनुष्य की जीवनशैली में परिवर्तन होता है।

एसडीएम त्रिलोक चंद आज शुक्रवार को प्रातः 06:00 बजे स्थानीय अनाज मंडी में उपमंडल स्तरीय 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर योगाभ्यास करने वालों को सम्बोधित कर रहे थे।

एसडीएम त्रिलोक चंद ने कहा कि योग की बदौलत ही भारत को विश्व पटल पर अलग पहचान मिली है। आज दुनिया में भारतीय आध्यात्मिकता का सर्वश्रेष्ठ स्थान है। उन्होंने कहा कि

शारीरिक रूप से फिट रहने और मानसिक शांति व अध्यात्म के लिए लोग योग प्राचीनकाल से ही कर रहे हैं। पूरी दुनिया में योग पद्धति सबसे पहले भारत में ही शुरू हुई थी।

 एसडीएम त्रिलोक चंद ने उपस्थित योगाभ्यास करने वाले सभी को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि योग केवल शरीर की कुछ मुद्राओं या आसन तक सिमित नहीं है। बल्कि यह हमें स्वस्थ और संतुलित जीवन जीना सिखाता है। यह हमें अपनी सांसें, विचारों और भावनाओं को नियंत्रित करना सिखाता है। इससे हम सभी परिस्थितियों में शांत रहना और अपना ध्यान केंद्रित करना सीखते हैं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता टीपर चंद शर्मा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का उद्देश्य योग का अभ्यास के जरिये मनुष्य के जीवन में शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास के बारे में दुनिया भर के लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए और प्राचीनतम भारतीय संस्कृति का दुनिया में परचम लहराने तथा लोगों को अपने दैनिक जीवन के एक भाग के रूप में इसे अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।

उन्होंने कहा कि योगाभ्यास की प्रत्येक गतिविधि के क्रियान्वयन से मनुष्य के शरीर में  लचीलापन, ताकत, शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक संतुलन में गुणात्मक  सुधार होता है। नियमित रूप योगाभ्यास मनुष्य के  आधुनिक जीवनशैली में चुनौतियों को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए तैयार करता है।

टीपर चंद शर्मा ने कहा कि योग मनुष्य के तन और मन को आत्मसात कर एक साथ जोड़ता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वर्ष 2014 से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा जोकि पूरे विश्व ने स्वीकार किया है।  विश्व ने मानवता कल्याण के लिए समग्र स्वास्थ्य और जीवन के लिए आवाज उठाई है  तब भारत के प्राचीन ज्ञान की हमेशा चर्चा और सराहना हुई है।

योग गुरू तेजपाल शर्मा  ने मंचासीन होकर योग योगाभ्यास का नेतृत्व किया और उपस्थित जनों को विभिन्न मुद्राओं में आसन करवाए।

इस अवसर पर आयुष विभाग से  आयुष अधिकारी डॉक्टर योगेश सरधाना, खण्ड शिक्षा अधिकारी महेन्द्र सिंह, सहायक सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी संजय कुमार, पारस जैन, राकेश गुर्जर, लखन बैनीवाल, अशोक शर्मा, जितेन्द्र बंसल, सुषमा यादव, महेन्द्र सिंह  सहित  विभिन्न विभागों के  विभागों के अधिकारीगण व गणमान्य नागरिकों ने उपमंडल स्तरीय 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में शामिल होकर योगाभ्यास किया।

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