बिजली-पानी संकट से सेक्टर-3 की जनता में त्राहिमाम त्राहिमाम, महिलाएं पानी के लिए रात भर जागने पर मजबूर

फरीदाबाद। आबादी के अनुसार एशिया के सबसे बड़े बताए जाने वाले सेक्टर तीन में मूलभूत ढांचा चरमराने के कारण पिछले चार दिनों से बिजली पानी का संकट गहरा गया है। जिसके कारण जनता त्राहिमाम त्राहिमाम करने पर मजबूर हो रही हैं। महिलाएं रात भर जागकर पानी आने का इंतजार करती रहती हैं। पूरी रात जागने के बाद भी पानी नहीं मिल पा रहा है। लोगों को प्राइवेट टैंकर वालों से मोटी रकम देकर पानी खरीद कर काम चलाना पड़ रहा है।

बिजली की लगातार ब्रेक डाउन हो रही है और फ्यूज उड़ रहे हैं तथा कैबिल जल रही है। बिजली का पर्याप्त स्टाफ व आवश्यक सामान न होने के कारण कई कई घंटे बिजली बंद पड़ी रहती है। बिजली न होने से ट्यूबवेल बंद हो जाते हैं और पानी की सप्लाई टूट जाती है। भीषण गर्मी के कारण बिजली एवं पानी की डिमांड भी बढ़ रही है।

इस बिजली पानी संकट पर प्रशासन व जन प्रतिनिधि पूरी तरह खामोश है। जिससे जनता का आक्रोश उनके खिलाफ बढ़ रहा है। रेजिडेंट वेलफेयर फेडरेशन के सचिव रतनलाल राणा व अन्य पदाधिकारियों द्वारा बिजली एवं पानी की आपूर्ति को सुचारू रूप से चलाने के दिन रात किए जा रहे प्रयासों से ही थोड़ी बहुत राहत मिल पा रही है।

रेजिडेंट वेलफेयर फेडरेशन के प्रधान सुभाष लांबा व सचिव रतनलाल राणा ने शनिवार को जारी बयान में बताया कि सेक्टर 3 में लगभग 60 से 70 हजार की आबादी निवास करती है। सेक्टर तीन में तकरीबन 30 हजार मतदाता है। यहां 36,50,60 वर्ग व  हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में अधिकांश मजदूर वर्ग के नागरिक रहते हैं। इतनी बड़ी आबादी के अनुपात में यहां पर मूलभूत ढांचा भी उसी हिसाब से होना चाहिए। उन्होंने बताया कि पिछले वर्षों में कुछ के पानी के ट्यूबवेल खराब हो गये है तो कुछेक का जमीन में पानी का स्तर घट गया है। इनकी जगह नयी व्यवस्था नहीं की गई है।

प्रशासन व नेताओं के वादे धरे के धरे रह गए।  सिस्टम सुधरने के बजाय धराशायी होता चला गया। जिस पर कोई गौर नहीं किया गया। बिजली पानी के संकट के अलावा अडानी गैस और जियो, एयरटेल कम्पनी द्वारा जमीन में ड्रिल करते समय बड़े पैमाने पर सीवरेज और पानी की लाइन को डैमेज कर दिया। जिसके कारण पीने के पानी वाले नल से साफ पानी की जगह सीवरेज का पानी मिक्स होकर आता है।

प्रशासन की अनदेखी करने पर सेक्टर वासी दूषित पानी इस्तेमाल करने के लिए मजबूर है।‌ इससे लोग बीमार भी पड़ रहे है। आम जनता द्वारा कई बार इसकी शिकायत चुने हुए प्रतिनिधियों व निगम अधिकारियों से की, मगर नतीजा जीरो बटा सिफर रहा  आम जनता का कहना है कि जो सरकार लोगों को उनकी मूलभूत सुविधा भी नहीं दे सकती और संकट के समय उनके साथ खड़ी नहीं हो सकती तो ऐसी सरकार को चुनने का क्या फायदा।

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