बदलते परिदृश्य के अनुसार लालन-पालन, शिक्षा, सरंक्षण कर हमारा नैतिक दायित्व- बंडारू दतात्रेय

बच्चे हमारे राष्ट्र के भावि कर्णधार - राज्यपाल -देश में बाल श्रमिक प्रथा का उन्मूलन होना चाहिए

पंचकूला 12 जून- हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दतात्रेय ने कहा कि बच्चे हमारे राष्ट्र के भावि कर्णधार है, जिनका तेजी से बदलते परिदृश्य के अनुसार सही लालन-पालन, शिक्षा, सरंक्षण कर हमारा नैतिक दायित्व है। इसलिए हर अभिभावक को बेहतरीन ढंग से बच्चों की देखरेख करनी चाहिए।

राज्यपाल आज इन्द्रधनुष आॅडिटोरियम सैक्टर 5 में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद् द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने प्रदेश भर के सभी जिलों में बाल दिवस के अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रकार की 18 प्रतियोगिताओं में अव्वल रहने वाले 383 बच्चों को सम्मानित किया। इनमें 303 लड़कियां शामिल रही।

राज्यपाल ने कहा कि आप सबके बीच आकर बेहद खुशी की अनुभूती हो रही है। पुरस्कार ग्रहण करने वाले प्रिय बच्चों को अपनी ओर से बधाई, आशिर्वाद एवं उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं प्रदान की। इन पुरस्कारों के लिए हरियाणा बाल कल्याण परिषद ने प्रदेश भर के उन बच्चों का चयन किया है, जिन्होंने क्विज, ऑन स्कैचिंग द स्पॉट, रंगोली, पोस्टर मेकिंग, फन गेम, सोलो सोंग, सोलो डांस, क्ले मॉडलिंग, फैंसी ड्रेस सहित अनेक राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में अव्वल स्थान हासिल किया है। इसके अलावा बाल भवन द्वारा चलाए जा रहे दत्तक एवं स्प ेशल एडॉप्शन कार्यक्रम, प्रारंभिक कक्षाएं, सांयकालीन कक्षाएं तथा स्पेशल बच्चों के लिए प्रयास स्कूल, नशा मुक्ति केंद्र, परिवार परामर्श केंद्र व अन्य कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि गरीब एवं जरूरतमंद बच्चों के लिए ओपन शेल्टर होम, कोचिंग एवं मार्गदर्शक कक्षाएं भी चलाना भविष्य के लिए अच्छा संकेत है। बाल कल्याण परिषद् के अधिकारियों को चाहिए कि वे बच्चों को नैतिकता एवं स्वावलम्बन की न केवल शिक्षा प्रदान करें बल्कि उन्हें स्वावलम्बी बनने में सहयोग भी करे। बच्चों की रूची समझकर उन्हें भविष्य का मार्ग दिखाए ताकि वे बड़े होकर एक शिक्षित और सुव्यवस्थित होकर उच्च कोटि का नागरिक बन सके। बाल कल्याण परिषद् द्वारा बच्चों के कल्याण के लिए हमेशा नए सृजनात्मक कार्यक्रमों को शामिल करते रहना चाहिए ताकि उनका उज्जवल भविष्य एवं जीवन सार्थक बन सके।

14 साल से कम आयु के बच्चों के लिए बाल निषेध कानून

विश्व बाल निषेध दिवस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि जब वे केन्द्र में श्रम मंत्री थे तब उन्होंने 14 साल से कम आयु के बच्चों के लिए किसी भी कार्य में लगाने पर निषेध कानून बनाया था। बाल श्रम करवाना महापाप है इसके लिए जागरूकता लाकर बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों के सहयोग से बाल श्रम को समाप्त किया जा सकता है। देश में बाल श्रमिक प्रथा का उन्मूलन होना चाहिए। बच्चे भगवान का रूप होते हैं। इसलिए उनके उत्थान एवं संर्वागीण विकास के लिए प्रदेश के 22 जिलों एवं 25 लघु बाल भवनों में विभिन्न प्रकल्पों मेें प्रशिक्षण देकर स्वावलम्बी बनाने की दिशा में बेहतर कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश की लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढ रही है। इसके लिए अभिभावकों को अच्छा वातावरण एवं माहौल देना चाहिए और पोष्टिक आहार भी प्रदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने नई शिक्षा नीति में कक्षा दस जमा दो तक वोकेशनल शिक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है जो बहुत ही कारगर साबित होगा।

बच्चों को आगे बढाने का सकंल्प लेना चाहिए – ज्ञानचंद गुप्ता

हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता राज्यपाल को जन्मदिन की बधाई देते हुए उनकी दीर्घायु की कामना की। उन्होंने कहा कि हर वर्ष उनका जन्म दिन भावी पीढी को संस्कार देने व संस्कारित नागरिक बनाने के लिए प्रोत्साहन और प्रेरणा प्रदान करता रहे। उन्होंने कहा कि बाल कल्याण परिषद के माध्यम से बच्चे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर देश व प्रदेश में नाम रोशन कर रहे है। देश भक्ति गीतों के माध्यम से स्कूलों से ही बच्चों को प्रेरणा मिलती है। इसलिए हमें आगे बढने का सकंल्प लेना चाहिए।

श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार ने बेटी पढाओ बेटी बचाओ अभियान चलाकर कन्या भ्रुण हत्या को रोकने की दिशा में कारगर कदम उठाए है। वर्तमान में प्रदेश में लिंगानुपात का आंकड़ा 925 हो गया है जो भविष्य के लिए सुखद परिणाम है। उन्होंने बच्चों के अच्छे कैरियर की कामना करते हुए कहा कि शिक्षा और जागृति से ही एकजुटता लाकर समाज में नशे की प्रवृति को भी रोकने का प्रयास करना चाहिए।

प्रतियोगिताओं से अल्पायु में ही बच्चों को बेहतर प्लेटफार्म सुलभ – असीम गोयल

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्री असीम गोयल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि बाल कल्याण परिषद बच्चों का विकास करते हुए निरंतर आगे बढ रही है। परिषद की ओर से परिवार परामर्श केन्द्र, नशा मुक्ति केन्द्र, आवासीय सुविधा, उत्थान कार्यक्रम चलाने के अलावा हर साल बाल दिवस पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं करवा कर बच्चों का चहुमंखी और सर्वागींण विकास करने का कार्य कर रहा है। इस प्रकार की प्रतियोगिताओं से अल्पायु में ही बच्चों को बेहतर प्लेटफार्म सुलभ होता है और वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते है। इस अवसर पर स्कूली बच्चों ने देश भक्ति एवं सामाजिक सरोकारों से भरपूर कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी को भावविभोर किया।

इस मौके पर महिला एवं बाल विकास विभाग की आयुक्त एवं सचिव श्रीमती अमनीत पी कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। निदेशक महिला एवं बाल कल्याण मोनिका मलिक, हरियाणा बाल कल्याण परिषद् की उपाध्यक्ष श्रीमती परीशा शर्मा, मेयर श्री कुलभुषन गोयल, उपायुक्त डा0 यश गर्ग, पुलिस आयुक्त हिमाद्रि कौशिक, उपप्रधान राज्य रैडक्रास सुषमा गुप्ता, डा. मुकेश अग्रवाल, वरिष्ठ बाल कल्याण अधिकारी श्री ओ पी मेहरा , मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी गुरुग्राम कमलेश शास्त्री, भगत सिहं दलाल, सहित प्रदेश भर से आए बाल कल्याण अधिकारी, मौजूद रहे।

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