फरीदाबाद में फिर खिला ‘कमल’, बीजेपी उम्मीदवार कृष्ण पाल गुर्जर जीते

फरीदाबाद। हरियाणा के फरीदाबाद लोकसभा सीट पर सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हो थी है। इस सीट पर भाजपा से कृष्णपाल गुर्जर और कांग्रेस से महेंद्र प्रताप के बीच मुकाबला देखने को मिला। भाजपा के कृष्णपाल गुर्जर सुबह से ही लीड लिए हुए थे। फरीदाबाद सीट से बीजेपी उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने 7,88,569 वोट प्राप्त करते हुए 1,72,914 वोट से बड़ी जीत दर्ज की है। कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र प्रताप को कुल 6,15,655 मिले हैं। इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर लगातार दो बार जीतते आ रहे हैं। इस बार उन्होंने हैट्रिक मारकर इतिहास बनाया है। कृष्णपाल गुर्जर की हैट्रिक से भाजपा वर्करों में उत्साह है और उनके कार्यालय पर जमकर आतिशबाजी की गई और मिठाइयां बांटी गई। ढोल की थाप पर जमकर डांस किया गया।

कृष्णपाल की दो बार की जीत का आंकड़ा
साल 2019 में इस सीट पर 64.10 फीसदी तक वोटिंग हुई थी। उस समय भाजपा टिकट पर कृष्णपाल गुर्जर 6 लाख 44 हजार 895 वोटों से चुनाव जीत गए थे। उन्हें कुल 9 लाख 13 हजार 222 वोट मिले थे। इसी प्रकार दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के उम्मीदवार अवतार सिंह भड़ाना को महज 2 लाख 68 हजार 327 वोटों पर ही संतोष करना पड़ा था। इस चुनाव में बसपा के उम्मीदवार मनधीर सिंह मान को महज 84 हजार वोट मिले थे और उनकी जमानत जब्त हो गई थी। साल 2014 में फरीदाबाद लोकसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार कृष्णपाल गुर्जर आसान मुकाबले में चुनाव जीत गए थे। उस समय उन्हें 6 लाख 52 हजार 516 वोट मिले थे। जबकि उनके प्रतिद्वंदी कांग्रेस के उम्मीदवार अवतार सिंह भड़ाना को महज 1 लाख 85 हजार 643 और इनेलो के उम्मीदवार आरके आनंद को 1 लाख 32 हजार 472 वोट मिले थे।

1996 में पहली बार चुनाव लड़कर कांग्रेसी नेता महेंद्र प्रताप सिंह को दी थी शिकस्त
वर्ष 1996 में प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में वह मेवला महाराजपुर से हविपा-भाजपा गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी बने और कद्दावर कांग्रेसी नेता महेंद्र प्रताप सिंह को शिकस्त देकर जीत हासिल की थी। उन्हें बंसीलाल सरकार में परिवहन मंत्री बनाया गया। वर्ष 2000 विधानसभा चुनाव में उन्होंने बसपा से उम्मीदवार महेंद्र प्रताप सिंह को फिर हराया और विधानसभा में भाजपा पक्ष के नेता बने। वर्ष 2005 में उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार महेंद्र प्रताप सिंह से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद वर्ष 2009 में हुए परिसीमन में बनी नई सीट तिगांव विधानसभा से फिर जीत हासिल की और उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार ललित नागर को हराया। 2009 उन्हें भाजपा का हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया।

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