अमृता हस्पताल में हुआ फरीदाबाद फिजियोकॉन का भव्य आयोजन
फरीदाबाद: अमृता अस्पताल में विशाल फिजियोथेरेपी कॉन्फ्रेंस फरीदाबाद फिजियोकॉन का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन भारत सरकार में मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर एवं हरियाणा सरकार की शिक्षा मंत्री श्रीमती सीमा त्रिखा के कर कमलों द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में देश भर से 900 से ज्यादा फिजियोथैरेपिस्ट एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया । इस कांफ्रेंस का आयोजन फरीदाबाद के 6 सुप्रसिद्ध फिजियोथैरेपिस्ट डॉक्टर संदीप चौहान, डॉक्टर देवेंद्र राठी, डॉक्टर भारत भारद्वाज, डॉक्टर सौरव त्यागी, डॉक्टर धीरजा बब्बर एवं डॉ विनोद कौशिक ने मिलकर किया और फिजियोथैरेपी को एक नई दिशा देने के लिए सबको एक मंच पर लेकर आए ।
इसमें विभिन्न प्रकार की नई नई तकनीक एवं अमृता हॉस्पिटल के सीनियर डॉक्टर न्यूरोसर्जन, ऑर्थोपेडिक्स सर्जन, नियोनेटल सर्जन के नई तकनीकों पर लेक्चरर्स थे । कांफ्रेंस में 45 कॉलेज ने पेपर और पोस्टर प्रेजेंटेशन अंडर ग्रेजुएट, एचडी, पोस्ट ग्रेजुएट विभिन्न श्रेणी की प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया । इसमें डॉक्टर संजीव के झा इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथैरेपिस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष , डॉक्टर रुचि वार्ष्णेय राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ,डॉक्टर तरुण लाला, डॉक्टर शिशिर , डॉक्टर मृणाल शर्मा , डॉक्टर एजाज असाई जैसे विश्व प्रसिद्ध फिजियोथैरेपिस्ट ने अपना ज्ञान बच्चों और फिजियोथैरेपिस्ट के साथ सांझा किया।
कांफ्रेंस का उद्देश्य मरीज के बेहतरीन इलाज के लिए नए-नए तकनीक से फिजियोथैरेपिस्ट को अवगत कराना था जिससे की मरीज को जल्दी से ठीक किया जा सके।अमृता हॉस्पिटल के मार्केटिंग हेड श्री राम ने सभी फिजियोथैरेपिस्ट के आने का धन्यवाद किया और भविष्य में ऐसी कांफ्रेंस और बड़े स्तर पर करने का वादा भी किया । कांफ्रेंस में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था , जिसमें विभिन्न कालेज के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया ।
इस कांफ्रेंस में मुख्यतः पीजीआई रोहतक, आईआईएमटी मेरठ, कैलाश इंस्टिट्यूट ऑफ़ पैरामेडिकल साइंसेज, नोएडा , मानव रचना कॉलेज, एमवीएन कॉलेज , पलवल, गुरुग्राम यूनिवर्सिटी, जीडी गोयंका गुरिग्राम, आर पीआई आई टी करनाल जैसे विभिन्न फिजियोथैरेपी कॉलेज ने अपनी बढ़ चढ़कर भागीदारी निभाई । कार्यक्रम के आयोजन कर्ताओं ने सभी आए हुए प्रतिनिधियों का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया और फरीदाबाद फिजिकोन में आने वाले सभी फिजियोथैरेपिस्ट का यह कहना था कि वह यहां से बहुत कुछ सीख कर जा रहे हैं जो इनका भविष्य में बहुत मदद करेगा।