कहा, लोकसभा चुनावों में उम्मीदवारों की सहुलियत के लिए बनाया सुविधा पोर्टल
- चुनाव प्रचार से संबंधित हैलीकॉप्टर की प्रमिशन सहित विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के लिए मिलेगी ऑनलाइन प्लेट फार्म व आफ लाइन परमिशन
फरीदाबाद। ज़िला निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह ने कहा कि निर्वाचन आयोग के निर्देश 18वीं लोक सभा चुनाव के क्रियान्वयन के लिए सभी अधिकारी हाईटेक तरीके से चुनाव कराने की तैयारियां पूरी करें। ज़िला निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की हिदायतों के अनुसार लोकसभा चुनावों में उम्मीदवारों की सहुलियत के लिए सुविधा पोर्टल बनाया गया है। वहीं चुनाव प्रचार में हैलीकॉप्टर उतारने से लेकर तमाम चुनाव संबंधित विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के लिए ऑनलाइन प्लेट फार्म व आफ लाइन परमिशन मिलेंगी।
ज़िला निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह आज सोमवार को सभी नौ विधान सभा क्षेत्रों के सहायक रिटर्निगं अधिकारियो तथा अन्य प्रशासनिक तथा पुलिस अधिकारियों को चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी तमाम गतिविधियों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए आयोजित कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियो को दिशा-निर्देश दे रहे थे।
ज़िला निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के युग में भारत निर्वाचन आयोग हाईटेक तरीके से लोकसभा आम चुनाव कराने की तैयारियों में जुटा हुआ है। इस बार के लोकसभा आम चुनावों के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने कई मोबाइल ऐप व पोर्टल लॉन्च किए हैं, जिससे चुनाव प्रक्रिया से संबंधित गतिविधियों के क्रियान्वयन में निर्वाचन आयोग के साथ-साथ राजनीतिक पार्टियों व उम्मीदवारों को आन लाइन प्लेट फार्म प्रणाली की सुविधाएं हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लॉन्च किए गए सुविधा पोर्टल (suvidha.eci.gov.in) के माध्यम से चुनाव प्रचार गतिविधियों के लिए ऑनलाइन अनुमति मिलेगी। उन्होंने कहा कि सुविधा पोर्टल एक तकनीकी समाधान है, जो स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावों के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कायम रखते हुए सभी को समान अवसर सुनिश्चित किए गए है। सुविधा पोर्टल के माध्यम से चुनाव अवधि के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से अनुमति और सुविधाओं के अनुरोध प्राप्त करने तथा उन पर कार्रवाई करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया गया है। चुनाव अभियान अवधि के दौरान जब पार्टियां और उम्मीदवार मतदाताओं तक पहुंचने के लिए गतिविधियों में व्यस्त होते हैं, तो उस दौरान यह सुविधा पोर्टल पहले आओ-पहले पाओ के सिद्धांत पर पारदर्शी रूप से विविध श्रेणी के तहत अनुमति अनुरोधों पर कार्रवाई करेगा।
सुविधा पोर्टल पर राजनीतिक दल व उम्मीदवार अनुमति के लिए कहीं से भी किसी भी समय कर सकते हैं ऑनलाइन अनुरोध :
जिला निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह ने कहा कि सुविधा पोर्टल के माध्यम से राजनीतिक दल और उम्मीदवार कहीं से भी, किसी भी समय ऑनलाइन अनुमति अनुरोध प्रस्तुत कर सकते हैं। इसके अलावा सभी उम्मीदवारों के लिए समान अवसर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सुनिश्चित करने के लिए ऑफ़लाइन प्रमिशन विकल्प भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि पोर्टल में एक ऐप भी है जो आवेदकों को वास्तविक समय में अपने अनुरोधों की स्थिति को ट्रैक करने में सक्षम है, जिससे प्रक्रिया में और अधिक सुविधा और पारदर्शिता आती है। इसके अलावा, पोर्टल पर उपलब्ध अनुमति डेटा चुनाव व्यय की जांच करने के लिए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में कार्य कर रहा है, जो चुनावी प्रक्रिया में अधिक जवाबदेही और अखंडता में योगदान देता है। इस पोर्टल पर रैलियों के आयोजन, अस्थायी पार्टी कार्यालय खोलने, घर-घर जाकर प्रचार करने, वीडियो वैन, हेलीकॉप्टर, वाहन परमिट प्राप्त करने व पर्चे बांटने सहित विभिन्न गतिविधियों की अनुमति प्राप्त की जा सकती है।
उम्मीदवार के खाते में जुड़ेगा बल्क एसएमएस का खर्च :-
जिला निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह ने कहा कि 18वीं लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान उम्मीदवार द्वारा थोक में भेजे जाने वाले एसएमएस का खर्च भी संबंधित उम्मीदवार के खाते में जोड़ा जाएगा। वहीं प्रचार अवधि के दौरान वैकल्पिक निर्वाचन के प्रचार के लिए बल्क (थोक) में भेजे गए एसएमएस की जानकारी जिला प्रशासन व संबंधित सहायक रिटर्निंग अधिकारी को मिलने पर वह सेवा प्रदाता से इस पर हुए व्यय का अनुमान लगवाकर इसे उम्मीदवार के खाते में जोड़ देगा।
चुनाव से जुड़ी सही जानकारी प्राप्त करने के लिए आयोग की वेबसाइट्स व सोशल मीडिया को करें फॉलो:-
–फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब के माध्यम से कर रहा है जागरूक
ज़िला निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह ने कहा कि 18 वीं लोकसभा चुनाव 2024 के दृष्टिगत चुनाव आयोग ने डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देते हुए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि आमजन को चुनाव से जुड़ी जानकारी को प्राप्त करने के लिए चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट (ईसीआई.जीओवी.इन) व एप को ही फॉलो करना चाहिए। इसके अलावा अन्य अपुष्ट स्रोतों से जानकारी प्राप्त नहीं करनी चाहिए।
भारत निर्वाचन आयोग की हिदायतों के अनुसार चुनाव आदर्श आचार संहिता के दौरान इस बार कई तरह की एप लॉन्च की गई हैं। जो अलग-अलग कार्य के लिए इस्तेमाल में लाई जा सकती हैं। इसके अलावा हर रोज की चुनाव आयोग से जुड़ी गतिविधियों को भारत निर्वाचन आयोग क वेबसाइट्स व सोशल मीडिया हैंडल पर देखा जा सकता है।
ज़िला निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह ने कहा कि इस बार चुनाव आयोग ने स्पेशल चुनाव आयोग प्रवक्ता (इलेक्शन कमीशन स्पोक्सपर्सन) नाम से ट्विटर अकाउंट बनाया है। जिस पर जरूरी गतिविधियां की जानकारी दी जाती है। उन्होंने कहा कि यह ट्विटर हेंडल सबसे भरोसेमंद स्रोत हैं।
उन्होंने कहा कि वोटर हेल्पलाइन एप मतदाताओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण एप है। यह एप मतदाताओं को चुनाव से जुड़ी सभी जानकारी प्रदान कर रहा है, जैसे कि मतदाता सूची में नाम खोजने, मतदान केंद्र का पता लगाने, चुनाव से जुड़ी शिकायतें दर्ज कराने, चुनाव आयोग के निर्देश, आदेश और नोटिफिकेशन देखने, मतदाता शिक्षा से जुड़ी सामग्री देखने आदि सुविधाएं शामिल हैं । उन्होंने कहा कि चुनाव के समय आमजन तक सत्यापित सूचनाएं पहुंचना जरूरी है। कई बार भ्रामक सूचनाओं से माहौल खराब होता है। ऐसे में आमजन से आह्वान है कि वह चुनाव से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए चुनाव आयोग के आधिकारिक स्रोतों का ही इस्तेमाल करें।
चुनावी प्रक्रिया में रैली व रोड शो के लिए भी लेनी होगी परमिशन:
ज़िला निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह ने कहा कि 18 वीं लोकसभा चुनाव में प्रत्येक राजनीतिक पार्टी व उम्मीदवार को निर्वाचन आयोग के नियमों की पालना सुनिश्चित करनी होगी। भारत निर्वाचन आयोग की हिदायतों के अनुसार लोकसभा चुनाव में पारदर्शी व निष्पक्ष ढंग से चुनाव करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिला में किसी भी राजनीतिक दल व उम्मीदवार की कोई रैली या रोड शो का काफिला निकालना है। तो उसकी अनुमति संबंधित सहायक निर्वाचन अधिकारी से लेनी जरूरी है। उन्होंने बताया कि रोड शो का काफिला निकलता है, तो उस दौरान रोड जाम नहीं होना चाहिए। जहां पर अस्पताल व ट्रामा सेंटर होगा वहां से कोई भी राजनीतिक पार्टी रोड शो का काफिला नहीं निकाल सकेगी।
राजनीतिक दलों व उम्मीदवारों के लिए कार्यालय खोलने से सम्बन्धित हिदायतें:-
लोक सभा निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल / अभ्यर्थी द्वारा सार्वजनिक या निजी सम्पत्ति का अतिक्रमण करके कार्यालय नहीं खोला जाएगा। किसी भी धार्मिक स्थल या परिसर में कोई कार्यालय नहीं खोला जाएगा। किसी भी शैक्षणिक संस्थान / अस्पताल के समीप कोई कार्यालय नहीं खोला जाएगा। मौजूदा मतदान केन्द्र के 200 मीटर के दायरे में कोई कार्यालय नहीं खोला जाएगा। कार्यालय में पार्टी के प्रतीक / फोटो के साथ केवल पार्टी का झंडा और बैनर ही प्रदर्शित किया जा सकता है। कार्यालय में उपयोग किए जाने वाले बैनर का आकार 4 से लेकर 8 फीट से अधिक नहीं होना चाहिए।
कार्यशाला में एडीसी आनन्द शर्मा, एमसीएफ आयुक्त स्वपलीन पाटिल, सीईओ जिला परिषद सतबीर मान, एसडीएम फरीदाबाद शिखा अन्तिल, एसडीएम बड़खल अमित मान, एसडीएम बल्लभगढ़ त्रिलोक चंद, सीटीएम अंकित कुमार,एसीईओ एफएमडीए गौरी मिड्डा सहित सभी नौ विधान सभा क्षेत्रों के सहायक रिटर्निगं अधिकारी तथा प्रशिक्षण से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
फोटोज संग्लन:- ज़िला निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह कार्यशाला में अधिकारियो को दिशा-निर्देश देते हुए।
Press Note – 2
11 मई को न्यायालय परिसर में लगेगी राष्ट्रीय लोक अदालत : सीजेएम सुकिर्ती गोयल
– आपसी समझौते के जरिये होगा कोर्ट में विचाराधीन केसों का निपटारा
फरीदाबाद,15 अप्रैल। सीजेएम कम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती सुकिर्ती गोयल ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आगामी 11 मई को स्थानीय न्यायिक परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। जहां विभिन्न अदालतों में विचाराधीन केसों का आपसी सुलह व समझौते के आधार पर स्वयं या अपने अधिवक्ता के जरिये केसों का निपटारा करा सकते हैं।
सीजेएम ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक लोन से संबंधित मामले, मोटर एक्सीडेंट, एनआई एक्ट, फौजदारी, रेवेन्यू, वैवाहिक विवाद का निपटारा आपसी सहमति से किया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि न्यायालय में लंबित मामलों को परस्पर सहयोग व सौहार्दपूर्ण माध्यम से निपटाने के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति का कोई मामला न्यायालय में लंबित है, तो वह राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से उसका निस्तारण करा सकता है। लोक अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति व राजीनामे से सौहार्दपूर्ण वातावरण में दोनों पक्षकारों की रजामंदी से विवाद निपटाया जाता है। इससे शीघ्र व सुलभ न्याय मिलता है। रजामन्दी सुलह आपसी सहमति से केसों की कहीं भी कोई अपील नहीं, अंतिम रूप से निपटारा, समय की बचत, समाज में भाईचारे की भावना जैसे लाभ परिवादियो मिलते हैं। राष्ट्रीय लोक अदालतों में सुलह करवाए गए केसों में दोनों पक्षों की जीत होती है।