युवाओं में भी हो सकता है बहुत ज्यादा ब्लड प्रेशर, पर घबराएं नहीं, इलाज है मुमकिन!
एसएसबी अस्पताल ने किया युवक की जन्मजात कोक्टेश्र बीमारी का सफल इलाज
फरीदाबाद। जन्मजात से कोक्टेश्र नामक बीमारी से पीडि़त से 15 साल के युवक का एसएसबी अस्पताल ने सफल इलाज किया है। दिल्ली का रहने वाला 15 साल का लडक़ा, जिसे तेज सिरदर्द और बहुत ज्यादा ब्लड प्रेशर की शिकायत थी, उसे फरीदाबाद के एसएसबी हार्ट एंड मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में लाया गया। उस दौरान उसका ब्लड प्रेशर 200/120 के आसपास था। जांच करने पर पता चला कि उसके हाथों की धमनियां तो ठीक चल रहीं थीं, मगर पैरों तक खून ठीक से नहीं पहुंच रहा था। डॉक्टरों ने और जांच की तो पता चला कि उसकी महाधमनी (वो नस जिससे खून पूरे शरीर में जाता है) में एक जन्मजात दिक्कत है, जिसे कोक्टेश्र कहते हैं।
इस दिक्कत की वजह से दिमाग में खून का रिसाव, दिल कमजोर पडऩे, पैरों में बहुत ज्यादा थकावट रहने और खून की कमी के चलते चलने में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। चूंकि पैरों तक खून ठीक से नहीं पहुंच रहा था, तो ऑपरेशन कराने की जरूरत थी, मगर ऑपरेशन में भी काफी खतरा होता है। इसीलिए, अस्पताल के जाने-माने डॉक्टर, और एसएसबी अस्पताल के निदेशक डॉ. एस.एस. बंसल ने फैसला किया कि मरीज का इलाज बिना सर्जरी के किया जाए। उन्होंने मरीज की जांघ में एक छोटा सा छेद करके कैथेटर डालकर इसका इलाज किया। कैथेटर एक पतली नली जैसा उपकरण होता है जिसे जांघ में एक छोटे से छेद के जरिए शरीर के अंदर पहुंचाया जाता है।
कैथेटर के गुब्बारे की मदद से पहले तो डॉ. बंसल ने महाधमनी में ब्लॉकेज को खोला और फिर उसमें एक स्टेंट (जाली जैसी ट्यूब) डाल दिया, ताकि स्टेंट उस नली को खुला रखने में मदद कर सके। अच्छी बात यह रही कि इलाज के बाद लडक़े का ब्लड प्रेशर तुरंत ही ठीक हो गया, जो 200/120 से घटकर 130/80 पर आ गया। यह बहुत अच्छा नतीजा रहा और अगले ही दिन लडक़े को ठीक ब्लड प्रेशर के साथ अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। डा. बंसल ने बताया कि यह मामला हमें बताता है कि अगर किसी युवा को बहुत ज्यादा ब्लड प्रेशर की परेशानी हो, तो सिर्फ दवाएं ही काफी नहीं हैं। ऐसे में जरूरी है कि वो डॉक्टर को जरूर दिखाएं, खासकर हृदय रोग विशेषज्ञ, वो यह पता लगा सकते हैं कि कहीं ज्यादा ब्लड प्रेशर कोक्टेश्र जैसी किसी गंभीर बीमारी की वजह से तो नहीं है।