टीबी से बचाव के लिए हम सभी को मिलकर करना होगा काम- डा. केशव
आर्टेमिस अस्पताल गुरुग्राम के सहयोग से टीबी से बचाने के लिए कार्यशाला
गुरुग्राम 22 मार्च। आर्टेमिस अस्पताल गुरुग्राम के सहयोग से देशहित फाउंडेशन ने टीबी से बचाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें टीबी से बचाव और कारणों के बारे में जागरुक किया गया। यह आयोजन विश्व टीबी दिवस के उपलक्ष्य में थीम टीबी पर जीत की ओर के अंतर्गत किया गया। इस कार्यशाला में आर्टेमिस अस्पताल के डा. अरुण चौधरी कोटारु, डा. धीरज बथेजा, डा. शीबा बिस्वाल, डा. विवेक गुप्ता, सीएसआर लीड डा. सुजाता सोय, जतिन सिंह, डा. केशव, जिला टीवी अधिकारी, डा. निशा, डा. संदीप, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, कासन, डा. प्रवीण यूपीएचसी, मानेसर, आशा उपस्थित रहीं।
जिला टीवी अधिकारी डा. केशव ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को दो हफ्ते से अधिक खांसी का होना, लगातार बुखार होना, रात में पसीना आना और वजन बढ़ना-घटना आदि टीबी बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे लोगों को मुफ्त में सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इन सुविधाओं के लिए स्वास्थ्य केंद्रों में नि:शुल्क माइक्रोस्कोपी और एक्स-रे करवाने के साथ-साथ टीबी की दवाई उपलब्ध हैं। सरकार द्वारा टीबी के मरीजों को 6 महीने तक 500 रुपए प्रतिमाह आर्थिक मदद भी दी जा रही है, ताकि मरीज उचित खुराक ले सके। उन्होंने आर्टेमिस अस्पताल गुरुग्राम द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने आर्टेमिस अस्पताल गुरुग्राम को अपनी तरफ से हर सहयोग का आश्वासन दिया।
आर्टेमिस अस्पताल के डा. अरुण चौधरी कोटारु ने बताया कि हानिकारक संक्रामक रोग टीबी, इसके सामाजिक और आर्थिक परिणामों के बारे में जागरूकता फैलाने और विश्व स्तर पर टीबी महामारी को समाप्त करने के प्रयासों को गति देने के लिए 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, 2021 में 10.6 मिलियन से अधिक लोग टीबी से पीड़ित हुए और 1.6 मिलियन लोगों की मृत्यु हो गई। दूसरी ओर, 2000 के बाद से इस बीमारी को खत्म करने के वैश्विक प्रयासों से 74 मिलियन लोगों की जान बचाई गई है। हम सभी को मिलकर इस तरफ काम करने की जरुरत है।
देशहित फाउंडेशन के प्रबंधक संजीत कुमार सिंह ने बताया कि क्षय रोग (टीबी) माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक धीमी गति से बढ़ने वाले जीवाणु (रोगाणु) के कारण होता है । टीबी आमतौर पर फेफड़ों में रहती है लेकिन शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। केवल कुछ लोग जिन्हें टीबी का संक्रमण होता है वे टीबी रोग से बीमार हो जाते हैं। इनसे बचाने के लिए लोगों को जागरुक किया जा रहा है। इस अवसर पर आर्टमिस हॉस्पिटल गुरुग्राम के सीएसआर प्रबंधक सुजाता सोए, जतिन सिंह, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र से डॉक्टर संदीप, शिक्षक गीता जी, आशा ममता, डॉक्टर प्रेमपाल सिंह, सुमन, पूनम, महासचिव अर्जुन, कोषाध्यक्ष हरदीप सिंह, कल्याण सिंह, सरोज , राजेश कुमारी,प्रशांत सिंह, पूजा रानी,जगविंदर सोनी और राज कुमार मित्र शिक्षक सालनी,पूनम, पिंकी, ममता, गीता, रिंकी भी उपस्थित थे।