संयुक्त पुलिस आयुक्त ने 324 शस्त्र लाइसेंस किए रद्द, 128 शस्त्र लाइसेंस धार किए सस्पेंड
आर्म लाइसेंस की शर्त व नियमों का उल्लंघन करने वाले लापरवाह लाइसेंस धारको के खिलाफ की गई कार्रवाई
फरीदाबाद, 01 मार्च। संयुक्त पुलिस आयुक्त ओपी नरवाल ने शहर के 324 शस्त्र धारकों के लाइसेंस रद्द किए हैं। शस्त्र लाइसेंस नियमों के अनुसार समय समय पर शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण करवाया जाना अनिवार्य है। जो की एक जरूरी प्रक्रिया है। जॉइंट पुलिस कमिश्नर ओपी नरवाल द्वारा ऐसे 128 सशस्त्र धारकों के लाइसेंस को सस्पेंड किए गए।
खुद की सुरक्षा व हथियार की प्रति गैर जिम्मेदार रवैया रखने वाले सशस्त्र लाइसेंस धारकों रिन्यू /नवीनीकरण न कराए जाने के बारे में संतोषजनक कारण नही बता पाए और उनके लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि शस्त्र लाइसेंस का लाइसेंस धारक को नवीनीकरण की तारीख़ से 60 दिन पहले सरल पोर्टल पर अप्लाई करना होता है ताकि समय रहते लाइसेंस रिन्यू हो सके।
लाइसेंस पॉलिसी के मुताबिक लाइसेंस धारक के लिए एक जरूरी प्रक्रिया है जिसमे जांचा जाता है कि लाइसेंस धारकों की कैपेबिलिटी क्षमता क्या है क्या आंखों की रोशनी ठीक है, फिजिकल फिटनेस इत्यादि कैसी है, जिसके लिए शस्त्र धारकों का मेडिकल फिटनेस करवाकर सर्टिफिकेट लगाना अनिवार्य है और शस्त्र की कंडीशन के लिए आर्म्स लाइसेंस ब्रांच में हथियार विशेषज्ञ चेक करता है।
शस्त्र धारक शस्त्र लाइसेंस NPB ( Non Prohibited Bore) बनवा तो लिया लेकिन इसके बाद किसी ने समय पर नवीनीकरण नहीं कराया जिससे प्रतीत होता है कि लाइसेंस धारकों को शास्त्र की जरूरत नहीं है और वह अपने शास्त्र के प्रति सजग नहीं है और उन्हें शस्त्र की आवश्यकता नहीं है। ऐसे शस्त्र लाइसेंस यदि नवीनीकरण नहीं करवाते हैं तो उनके शस्त्र लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे। लेकिन कुछ शस्त्र धारकों ने पिछले 5 साल से भी अधिक वर्षों तक लाइसेंस को रिन्यू नही करवाया है।
स्क्रुटनी करने पर पाया गया की जिन्हें कुछ लाइसेंस धारकों की मृत्यु हो गई है और जिसके संबंध में परिजनों के द्वारा पुलिस को सूचना नही दी गई। कुछ लाइसेंस धारक के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है, ने गलत नियत से हथियार का प्रयोग किया है, लाइसेंस धार की उम्र अधिक हो जाने के कारण, लम्बे समय से लाइसेंस रिन्यू ना करवाने के कारण तथा लाइसेंस होन पर भी हथियार नही खरीद ने वाले लाइसेंस धारक शामिल है। जिन्हें 4-5 साल हो चुके हैं. ऐसे ग़ैर ज़िम्मेदार शस्त्र धारकों की लिस्ट बनायी जा रही है।