पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य ने अपने कार्यालय में अपराध समीक्षा मीटिंग ली, साथ ही किसान आंदोलन के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के दिए निर्देश
फरीदाबाद, 22 फरवरी। पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य ने अपने कार्यालय सेक्टर 21 के सभागार में जिले के तमाम डीसीपी व एसीपी के साथ क्राइम मीटिंग ली गई। मीटिंग में सबसे पहले पुलिस आयुक्त ने डीसीपी मेला अमित यशवर्धन सहित मेले में तैनात सभी अधिकारियों कर्मचारीयो को मेले के सफल आयोजन के लिए बधाई दी। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि इस बार पुलिस आयुक्त महोदय के कुशल मार्गदर्शन एवं डीसीपी मेला के नेतृत्व मे पिछले सालों के मुकाबले कम फोर्स में भी मेले के दौरान बेहतर सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था बनाए रखी। सभी विभाग के साथ बेहतर समन्वय रह । इसके बाद मीटिंग में पुलिस आयुक्त ने अपराध व आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए की जाने वाली कार्यवाही के बारे चर्चा की। मीटिंग के दौरान अनेक विषयों तथा आपराधिक आंकड़ों की तुलनात्मक समीक्षा करते हुए सभी अधिकारियों को उचित कदम उठाने के निर्देश दिए। इस अपराध समीक्षा मीटिंग में डीआईजी राजेश दुग्गल डीसीपी बल्लबगढ़, डीसीपी मुख्यालय अभिषेक जोरवाल, डीपीपी एनआईटी अमित यशवर्धन, डीसीपी क्राइम हेमेंद्र कुमार मीणा, डीसीपी सेंट्रल जसलीन कौर सहित सभी एसीपी मौजूद रहे।
आपराधिक गतिविधियों में शामिल अपराधियों पर रखी जाएगी पैनी नजर:
मीटिंग के दौरान पुलिस आयुक्त महोदय ने जघन्य अपराधों जैसे हत्या, स्नैचिंग, लूट, चोरी व किडनैपिंग जैसे गंभीर प्रवृत्ति के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए अपराधिक किस्म के व्यक्तियों पर निगरानी रखने तथा पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाने के निर्देश दिए। पुलिस अधिकारी अपने-अपने जोन में नियुक्त ग्राम प्रहरी के कार्यों की समीक्षा करें तथा उनके कार्यों को और अधिक इफेक्टिव बनाएं ताकि वह अपने एरिया में होने वाले अपराधों और आपराधिक गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों पर निगरानी रखें तथा इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दे और सूचना के आधार पर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही करें। आपराधिक मामलों में शामिल पीओ, बेल जंपर पर निगरानी रखें। डीसीपी,एसीपी स्वयं चेकिंग पर निकलें और एसीपी थानों में जाकर जघन्य अपराधों की समीक्षा करें तथा अनुसंधान अधिकारियों को इस संबंध में उचित दिशा निर्देश दें।
कानून व्यवस्था ड्यूटी के लिए प्रत्येक जोन में बनाई जाएंगी तीन-तीन कंपनियां:
पुलिस आयुक्त ने सभी डीसीपी को जिले में कानूनी व्यवस्था कायम रखने के संबंध में अहम दिशा निर्देश देते हुए कहा कि कानून व्यवस्था के लिए प्रत्येक जोन में तीन-तीन कंपनियां तैयार की जाएं तथा उन्हें भीड़ नियंत्रण व कानून एवं व्यवस्था ड्यूटी हेतु आवश्यक प्रशिक्षण करवाया जाए और जरूरी इक्विपमेंट भी उपलब्ध करवाया जाए। प्रत्येक सप्ताह पुलिस लाइन में प्रशिक्षण करवाया जाए ताकि कानून व्यवस्था ड्यूटी को बेहतर तरीके से किया जा सके। किसान आंदोलन के दौरान पुलिस कंपनियों को अलर्ट रखकर शांति व्यवस्था कायम रखें।
महिलाओं की सुरक्षा की जाए सुनिश्चित:
महिला सुरक्षा के संबंध में निर्देश देते हुए पुलिस आयुक्त ने कहा कि महिला सुरक्षा हेतु स्कूल-कॉलेज, कंपनी/फैक्ट्री व अन्य महिला संस्थानो में जाकर जागरूक किया जाए। चिन्हित किए गए हॉटस्पॉट पर आवारा किस्म के व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। साथ ही निर्देश दिए कि जोन में स्थित स्कूल-कॉलेज व अन्य संस्थाओं में कमेटी अगेंस्ट सेक्सुअल हैरेसमेंट बनाकर क्रियान्वित करना सुनिश्चित करें।
डीसीपी ट्रैफिक को यातायात के संबंध में दिए अहम दिशा निर्देश:
पुलिस आयुक्त ने डीसीपी ट्रैफिक को जल्द से जल्द ऑटो चालकों का रजिस्ट्रेशन पूरा करवाने तथा ऑटो चालकों को वर्दी पहनने के लिए निर्देशित करने को कहा। आरटीओ ऑफिस से संपर्क करके स्पीड लिमिट और साइन बोर्ड तैयार करवाकर सड़क पर लगवाने के निर्देश दिए। बैंक्विट हॉल, मैरिज गार्डन/वाटिका संचालकों के साथ मीटिंग कर वाहनों की पार्किंग व्यवस्था करना सुनिश्चित करें। शादियों के सीजन में बैंक्विट हॉल के बाहर सड़क पर गाड़ी खड़ी करने की वजह से जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिससे वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए बैंक्विट हॉल संचालकों को सख्त हिदायत दें कि यदि उनके बैंक्विट हॉल के बाहर सड़क पर गाड़ी खड़ी पाई गई तो बैंक्वेट हॉल संचालक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और सड़क पर खड़ी गाड़ी को इंपाउंड किया जाएगा। डीजे की वजह से पढ़ने वाले छात्रों और बुजुर्गों को बहुत परेशानी होती है इसलिए डीजे संचालकों से मीटिंग कर उन्हें निर्धारित समय और तय ध्वनि में ही डीजे बजाएं। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करें।
युवाओं को नशे की चपेट से बचाने के लिए चलाए जाएं जागरूकता अभियान:
उन्होंने कहा कि एरिया में नशे से पीड़ित युवाओं की सूची तैयार कर उन्हें नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती करवाएं तथा ड्रग सप्लायर पर शिकंजा कसें और इस बात का भी ध्यान रखें कि जिस जगह पर नशा मुक्ति केंद्र हैं, उसके आसपास कोई ड्रग सप्लायर पर निगरानी रखें। मादक एवं नशीले पदार्थों की रोकथाम, जुआ सट्टा, अवैध शराब की तस्करी करने वाले अपराधियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करें और नशे के दुष्प्रभावों के बारे में स्कूल कॉलेज धर्मशाला जैसे सार्वजनिक स्थानों पर युवाओं को अधिक से अधिक जागरूक करें।
साइबर सुरक्षा के प्रति आमजन को करें जागरूक